अंधभक्त किसे कहते है | Andhbhakt kise kahte hai, 3 प्रकार

अंधभक्त किसे कहते हैं?

अंधभक्त किसे कहते हैं?- जब भी आप सोशल मीडिया साइट जैसे – फेसबुक, गूगल, टि्वटर आदि को खोलते हैं। तो आप में से बहुत से लोगों ने इन सभी पर किसी व्यक्ति द्वारा किसी चीज की खिल्ली उड़ाने के लिए एक शब्द का इस्तेमाल करते हुए जरूर देखा होगा। वह जो शब्द है वह अंधभक्त आज के समय में यह शब्द बहुत से लोग इस्तेमाल करते हैं।

लेकिन आप में से बहुत से लोगों को यह जानकारी नहीं है कि आखिर अंधभक्त किसे कहते हैं? अंधभक्त में मौजूद लक्षण कौन से हैं? तो यदि आप भी आज जानना चाहते हैं कि अंधभक्त किसे कहते हैं? तो इसकी पूरी जानकारी हमने आज के इस आर्टिकल में दी हुई है तो चलिए जानते हैं कि आखिर अंधभक्त किसे कहते हैं.?

Andhbhakt kise kahte hai

यदि आप भी इंटरनेट और न्यूज़ पेपर से जुड़े हुए हैं तो आपने इन दोनों पर ही बहुत बार इस्तेमाल किए जाने वाले एक शब्द को जरूर सुना होगा। और वह शब्द है अंधभक्त। जब भी आप किसी व्यक्ति को यह सब बोलते हुए या सुनते हुए देखते हैं।

अक्सर आपके मन में भी एक सवाल जरूर आता होगा। कि आखिर यह अंधभक्त होते कौन हैं, क्या यह अंधभक्त अलग इंसान होते हैं ऐसे बहुत से प्रश्न लोगों के मन में होते हैं। यदि आप भी इस प्रश्न का जवाब जाने के लिए उत्सुक हूं। कि आखिर अंधभक्त किसे कहते हैं तो आइये जल्दी से बहुत ही आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर ये अंधभक्त किसे कहा गया है।

अंधभक्त की परिभाषा

अंधभक्त शब्द की उत्पत्ति भक्ति शब्द से हुई है। अंधभक्त को यदि आसान भाषा में समझा जाए, तो जब कोई व्यक्ति बिना चीजों को ठीक तरह से समझे और जाने बगैर किसी चीज की सभी कमियों को नजरअंदाज करते हुए, आंख बंद करके अटूट विश्वास करता है तो उसे हम अंधभक्त बोल सकते हैं।

किसी भी वस्तु या चीज में अंधभक्ति रखने वाला व्यक्ति उस चीज की कमियों पर बिना किसी चर्चा को करें, उसकी कमियों को कभी स्वीकार नहीं करता है और इसी के साथ यह अंधभक्त बिना कुछ सोचे समझे किसी चीज की अच्छाइयों का इस तरह गुणगान करता है जैसे उस चीज या व्यक्ति से कोई श्रेष्ठ है ही नहीं।

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आप लोगों ने अपने चारों तरफ बहुत से ऐसे लोगों को देखा होगा। जो किसी काम में सफल होने के लिए खुद मेहनत ना करके, किसी व्यक्ति द्वारा कहे जाने पर देवी-देवताओं या टोने टटके के ऊपर आंख बंद करके विश्वास करने लगते हैं इस तरह के किसी भी इंसान को आप अंधभक्त बोल सकते हैं।

अंधभक्त के प्रकार

आज के समय में कोई भी अंधभक्त हो सकता अर्थात आपकी चाहे किसी भी क्षेत्र में चले जाएं। वहां आपको अंधभक्त मिल ही जाते हैं जो किसी न किसी रूप में हमारे समाज को गंदा कर रहे हैं। वैसे तो अंधभक्त कई प्रकार के होते हैं राजनीतिक क्षेत्र हो या धर्म का क्षेत्र इन दोनों ही क्षेत्रों में आप को सबसे ज्यादा अंधभक्त देखने को मिलते हैं। लेकिन इसमें आलावा भी अंधभक्त कई प्रकार के होते हैं।

● जाति के नाम पर अंधभक्त
● राजनीति के नाम पर अंधभक्त
● धर्म के नाम पर अंधभक्त

इस तरह हमने अलग-अलग क्षेत्रों में मौजूद अंधभक्त के प्रकार के बारे में जाना। चलिए अब आगे जानते हैं राजनीति तथा धर्म के क्षेत्र में अंधभक्त किसे कहते हैं।

राजनीति में अंधभक्त किसे कहते हैं?

भारत जैसे देश में राजनीति के वर्तमान परिदृश्य का जो हाल है उसमें अंधभक्त शब्द सर्वाधिक प्रचलित शब्द है। वर्तमान समय में इस अंधभक्त शब्द को विभिन्न पार्टियों के नेता दूसरी पार्टी के नेताओं की खिल्ली उड़ाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। आप इसे आसान भाषा में कुछ इस तरह समझ सकते हैं वर्तमान समय में हमारे देश में बीजेपी पार्टी की सरकार है।

अब मान लीजिए कि बीजेपी पार्टी का समर्थन करने वाला कोई व्यक्ति, बिना किसी विचार को किए बगैर बीजेपी के किसी फैसले को आंख बंद करके समर्थन करता है। तो उसे हम बीजेपी पार्टी जी का अंधभक्त बोल सकते है।

अर्थात राजनीति में ऐसा व्यक्ति जो बिना किसी चीज के बारे में समझे बगैर और सभी तरह के सरकारी आंकड़ों को नजरअंदाज करते हुए अपनी पसंदीदा किसी राजनीतिक पार्टी या नेता द्वारा लिए गए फैसले का पूर्ण समर्थन करता है। तो इस तरह के लोगों को राजनीति में दूसरी राजनीतिक पार्टी द्वारा अंधभक्त कहा जाता है।

धर्म के अनुसार अंधभक्त किसे कहते हैं?

अलग-अलग धर्मों के अनुसार कई तरह के भक्तों का जिक्र किया जाता है। और उन्हीं में से एक है अंधभक्त.. धर्म के अनुसार अंध भक्तों को आप कुछ इस तरह से समझ सकते हैं। कि जब कोई व्यक्ति किसी भी तरह की धार्मिक पूजा या कार्य को बिना कुछ सोचे समझे और पड़ताल किए बगैर करता है।

तो उसे धर्म में अंधभक्त कहते हैं आज अभारत में बहुत से ऐसे लोग मौजूद हैं जो किसी भ्रष्टाचारी बाबा तथा संतों द्वारा बताई गई देवी देवताओं की पूजा तथा टोने- टटको को तथा इससे जुड़ी चीजों को बिना किसी जांच पड़ताल किए बगैर पूरी विश्वास से करते हैं। और परिणाम क्या होता है कि आखिर में वह बाबा चरित्रहीन निकलता है।

जैसे बहुत से बाबा हुए हैं जैसे – राम रहीम आसाराम बापू और इत्यादि। इन पर लोग आज से कुछ समय पहले आखं बंद करके विश्वास करते थे। और इसके परिणाम तो आप लोगों के सामने ही हैं। तो धर्म में इस तरह की अंधभक्ति रखने वाले लोगों को अंधभक्त कहा जाता है।

अंधभक्त के लक्षण

जब भी कोई व्यक्ति किसी तरह का अंधभक्त होता है। तो उसमें आपको बहुत से लक्षण देखने को मिलेंगे। जिनकी मदद से आप ये जान पाएंगे कि वह एक अंधभक्त हैं। तो चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ लक्षणों के बारे में

● अंधभक्त लोग तर्कशील नहीं होते हैं अर्थात् भेड़ों के झुंड की तरह अंध भक्त बिना कुछ सोचे समझे एक दूसरे के पीछे चलता रहता है।
● सच्चे भक्तों की उपेक्षा इनमें धैर्य तथा विवेक की कमी होती है।
● अंधभक्त में सत्य ग्रहण करने तथा उसका सामना करने की क्षमता नहीं होती है।
● कोई भी अंधभक्त जिस भी चीज से जुड़ा हुआ है चाहे वह राजनीति पार्टी हो या कुछ भी. वह उसे ही सबसे ज्यादा श्रेष्ठ मानता है।
● यह जिस भी चीज में अंधभक्ति रखते हैं कहीं ना कहीं किसी रूप में इनका उस चीज से स्वार्थ जुड़ा होता है।
● अंध भक्तों में तथ्य विहीनता का आधिपत्य होता है।
● किसी भी अंधभक्त में कुतर्कों की प्रचुरता देखने को मिलती है।

लोग अंधभक्त कैसे बनते हैं?

कोई भी साधारण इंसान उस स्थिति में अंधभक्त बनता हैं। जब उसमें अज्ञानता आ जाती है, अर्थात वह इंसान बिना किसी जांच पड़ताल तथा दिमाग का इस्तेमाल किए बगैर किसी व्यक्ति या संस्था में अधिक विश्वास करते हुए उसका गुणगान करने लगता है। अपने हटधरमी विचार के कारण वह उस चीज के गलत गुणों को देख नहीं पाता है और अपने इस अंधभक्ति जाल में फंसते ही जाता है।

आज के वर्तमान समय में अधंभक्तों की बढ़ती हुई संख्या को देखकर मैं यह तो कह सकता हूं कि अंधभक्त होना किसी कोविड संक्रमण मरीज होने से ज्यादा घातक है । क्योंकि इससे संक्रमित लोग अपने कीमती वक्त तथा सोचने की तर्कशक्ति दोनों ही चीजों को खो कर बैठे हैं ।

अंधभक्ति में से बचने के लिए आपको किसी भी चीज में विश्वास करने से पहले उसके पीछे के तर्क को समझने की कोशिश जरूर करनी चाहिए। क्योंकि यह अंधभक्ति आपको कहीं से भी उपयोगी साबित नहीं होती है।

अंधभक्त किसे कहते हैं- FAQ

गूगल के अनुसार अंधभक्त किसे कहते हैं.

गूगल पर अंधभक्त सर्च करने पर गूगल आपको जो उत्तर दिखाता है वह है- किसी भी चीज से अटूट प्रेम विश्वास करने वाला।

गोबर भक्त किसे कहते हैं

जिस तरह से गोबर में कीङो की उपस्थिति होती है उसी तरह से कई बार अधंंभक्ति में लीन बहुत से अधंभक्तों के दिमाग में भी कीडे हो जाते हैं। तो ऐसे अंध भक्तों को ही गोबर भक्त कहा जाता है।

चमचा किसे कहते हैं

अधंभक्तों की ही तरह किसी भी संस्था या किसी व्यक्ति से जुड़ा हुआ कोई ऐसा व्यक्ति जो उस संस्था या फिर व्यक्ति के बारे में बढ़ा – चढ़ाकर बताते हुए चापलूसी करता है। उसे ही चमचा कहा जाता है। इन सभी गलत नीतियों की सराहना करने के पीछे चमचों का उद्देश्य केवल और केवल अपना स्वार्थ होता है।

Disclaimer

यह लेख सिर्फ जानकरी मात्र के लिए है। इस लेख (अंधभक्त किसे कहते हैं) का उद्देश्य सिर्फ अंधभक्त का मतलब समझाना है, इस लेख का उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं है।

अंतिम शब्द

दोस्तों आशा करता हूं आज का यह लेख अंधभक्त किसे कहते हैं तथा इससे जुड़ी बताई गई सभजानकारियां आपको पसंद आई होगी। तो आज की इस पोस्ट में बताई गई, सभी जानकारियों का उद्देश्य अंधभक्ति में जकड़े हुए संक्रमित लोगों को इसमें फसने से बचाना है।

मेरा समस्त लोगों से विनम्र निवेदन है कि यदि आप भी इस बात से सहमत हैं कि अंधभक्त और अंधभक्ति दोनों ही हमारे देश व समाज के लिए नुकसानदायक है। और इसके प्रति जागरूक होना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है।

मेरा आप सभी से निवेदन है कि आप इस पोस्ट को अधिक से अधिक लोगों को सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें। ताकि अंधभक्ति में अपना कीमती समय बर्बाद करने वाले लोगों को अंधभक्तों के बारे में जानकारी मिल सके। इसी के साथ ऐसी ही मददगार जानकारियों को प्राप्त करने के लिए आप allinhindi. net पर विजिट कर सकते हैं।

 

नमस्कार दोस्तों, मैं रवि "आल इन हिन्दी" का Founder हूँ. मैं एक Economics Graduate हूँ। कहते है ज्ञान कभी व्यर्थ नहीं जाता कुछ इसी सोच के साथ मै अपना सारा ज्ञान "आल इन हिन्दी" द्वारा आपके साथ बाँट रहा हूँ। और कोशिश कर रहा हूँ कि आपको भी इससे सही और सटीक ज्ञान प्राप्त हो सकें।

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