अजीम प्रेमजी फाउंडेशन | Azim Premji foundation
अजीम प्रेम जी फाउंडेशन भारत में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए शुरू किया गया फाउंडेशन है । जिसकी नीव भारतीय कारोबारी अजीम प्रेम जी के द्वारा रखी गई थी । अजीम प्रेमजी भारतीय कारोबारी इंजीनियर निवेशक और समाजसेवी भी है । आइए विस्तार से जानते है अजीम प्रेम जी फाउंडेशन के बारे में ।
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन क्या है?
आपको जानकर यह हैरानी होगी कि अजीम प्रेम जी फाउंडेशन किसी भी तरह का कोई भी दान नहीं लेती है । यानी यह संस्था एकमात्र अजीम प्रेम जी के द्वारा दान की गई राशि से ही संचालित की जाती है ।अजीम प्रेम जी फाउंडेशन एक भारतीय कंपनी है जो विप्रो कंपनी के संस्थापक अजीम प्रेम जी के द्वारा शुरू की गई है । इस कंपनी की शुरुआत भारत में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करने के लिए किया गया था ।
इस फाउंडेशन की शुरुआत सन 2001 में एक गैर सरकारी संस्था के रूप में की गई थी । इस संगठन को और आगे बढ़ाने के लिए अजीम प्रेमजी ने 2010 में संकल्प लिया और भारतीय शिक्षा की नीतियों में सुधार करने के लिए उनके द्वारा 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का दान भी घोषित किया गया था । यह दान अजीम प्रेम जी के द्वारा विप्रो कंपनी के शेयरों को विलय करके हासिल किया गया था । किसी भी भारतीय व्यापारी के द्वारा अब तक किया गया यह सबसे बड़ा दान माना जाता है ।
अजीम प्रेमजी के फाउंडेशन द्वारा कोरोना महामारी से लड़ने के लिए नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज और इंस्टीट्यूट फॉर स्टेम सेल् साइंस एंड रीजेनरेटिव मेडिसिन के सहयोग से परीक्षण करने में भी मदद की ताकि इस बीमारी का इलाज जल्द से जल्द ढूंढा जा सके ।
अजीम प्रेम जी फाउंडेशन के संस्थापक
अजीम प्रेम जी फाउंडेशन के संस्थापक भारत के प्रसिद्ध कारोबारी श्री अजीम प्रेम जी है । इनके पिता गुजराती मुस्लिम परिवार से संबंध रखते थे तथा इनके पिता को बर्मा यानी वर्तमान के मयांमार के राइस किंग के नाम से जाना जाता था । इनका जन्म भारत में 24 जुलाई सन 1945 को मुंबई महानगर में हुआ था ।
अजीम प्रेम जी पैसे से बिजनेसमैन निवेशक इंजीनियर भी है अजीम प्रेम जी की कंपनी का नाम विप्रो लिमिटेड है । भारत को आजादी मिलने के समय जब हिंदू मुसलमानों का बंटवारा हुआ तो इनके पिताजी ने भारत में रहने की ही स्थान और भारतीय उद्योग वनस्पति को बढ़ावा दिया बाद में इस कंपनी को अजीम प्रेम जी के द्वारा आगे बढ़ाया गया ।
अजीम प्रेम जी के बारे में और अधिक जानकारी
अजीम प्रेम जी स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से स्नातक की पढ़ाई पूरी की है । हम आपको बता दें कि इनके परिवार में दो बच्चे और एक पत्नी है । इनकी पत्नी का नाम यासमीन प्रेमजी है । इनके बच्चों का नाम राशिद प्रेम जी और तारिक प्रेम जी है । अजीम प्रेमजी विप्रो लिमिटेड कंपनी के अध्यक्ष थे अजीम प्रेमजी अनौपचारिक रूप से भारतीय आईटी उद्योग के जनक माने जाते है ।

लगभग 4 दशकों से विविधीकरण और विकास के द्वारा उन्होंने विप्रो कंपनी का मार्गदर्शन किया है । भारतीय सॉफ्टवेयर उद्योग में वैश्विक कारोबारियों में से अजीम प्रेम जी को लगभग सभी देशों में पहचाना जाता है वर्ष 2010 में उन्हें एशिया वी के 20 सबसे शक्तिशाली लोगों में से चुना गया ।
इसके अलावा वैश्विक पत्रिका टाइम के द्वारा उन्हें दो बार 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में चुना गया । वर्ष 2004 में और 2011 में उन्हें नियमित रूप से दुनिया के 500 सबसे प्रभावशाली मुसलमानों के रूप में भी चिन्हित किया गया है
अजीम प्रेम जी की उपाधियाँ
अजीम प्रेम जी दुनिया में सबसे तेजी से उभरते हुए कंपनी के संस्थापक के रूप में जाने जाते है । इन्हें महानतम कारोबारियों में से एक माना जाता है वर्ष 2000 में इन्हें मणिपाल अकैडमी आफ हायर एजुकेशन से डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई । इसके अलावा वर्ष 2006 में अजीम प्रेमजी को नेशनल इंस्टीट्यूट आफ इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग के द्वारा भी बिजनेस विजनरी के लिए सम्मान प्रदान किया गया ।
वर्ष 2009 में उन्हें उनके उत्कृष्ट कार्यो के लिए मिडलटाउन, कनेक्टिकट में वेस्लेयन विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई है । इसके अलावा वर्ष 2005 में भारतीय सरकार की तरफ से भी व्यापार और वाणिज्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है ।
अप्रैल 2017 में इंडिया टुडे पत्रिका ने भी उन्हें भारत के 50 सबसे शक्तिशाली लोगों में नौवां स्थान प्रदान किया था प्रेम जी को नाइट ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया, जो कि फ्रांसीसी नागरिक होने का सबसे उत्तम और सम्मानित सम्मान माना जाता है ।
अजीम प्रेम जी के किए गए कार्य
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन वर्ष 2000 से ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में प्रारंभिक शिक्षा प्रणाली को सुधारने के लिए कार्य कर रही है । हम आपको बता दें कि फाउंडेशन ने देश भर में शैक्षिक गुणवत्ता के सुधार के लिए अलग-अलग कार्यक्रम शुरू किए है वर्ष 2010 तक यह स्पष्ट हो गया कि यह संस्था का कार्य अभी अपर्याप्त था ।
इसके अलावा यदि हमें इसमें बहुत बड़े बदलाव करने होंगे तो हमें लगातार कई दशकों तक कार्य करते रहना होगा इसके अलावा बिना स्थानीय मदद के कोई भी संस्था काम नहीं कर सकती है । फाउंडेशन को सबसे पहला उद्देश्य स्थानीय लोगों को लेकर के उनके सहयोग के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए शामिल करना था प्रेम जी फाउंडेशन में शिक्षक, स्कूल नेता, अध्यापक अध्यापिका और अन्य अधिकारियों को जोड़ने के लिए कार्य किया जा रहा है ।
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन का विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कुछ इस प्रकार है
- प्रेम जी फाउंडेशन के द्वारा स्कूलों के भीतर प्रक्रिया और प्रथाओं की गुणवत्ता में सुधार करना ।
- कार्यशाला शिक्षक मंच संगोष्ठी मेलो इत्यादि के माध्यम से शिक्षण और सीखने के लिए रचनात्मक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करना ।
- शिक्षकों और प्रधान शिक्षकों का एक नेटवर्क बनाकर इसमें और अधिक शिक्षकों को जोड़कर कार्य करने के लिए प्रेरित करना ।
- स्कूली पाठ्यक्रम में सुधार करना शिक्षक शिक्षा पाठ्यक्रम का निर्माण करना और शिक्षा से जुड़े नीति और मुद्दों को सुलझाने का और अधिक प्रयास करना ।
- अजीम प्रेमजी फाउंडेशन बाड़मेर बेंगलुरु सिरोही टो उत्तरकाशी और उधम सिंह नगर जैसे क्षेत्रों में अपने विद्यालय भी स्थापित कर रही है ताकि स्थानीय समुदाय को ग्रामीण सरकारी स्कूलों के सामान लागत और गुणवत्तापूर्ण मुफ्त शिक्षा प्रदान की जा सके ।
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन में कर्मचारियों की संख्या
प्रेमजी फाउंडेशन के साथ आज यदि हम बात करें तो लगभग 17 सौ से अधिक लोग जुड़े हुए है । इस फाउंडेशन में 6 राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश शामिल है । जिसमें कर्नाटक राजस्थान उत्तराखंड छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश तेलंगाना और पुडुचेरी शामिल है । इसके अलावा प्रेम जी संस्था 48 से भी अधिक जिलों में क्षेत्रीय संस्थानों को भी स्थापित कर चुकी है ।
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ऑपरेटिंग इकाई
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन फील्ड संस्थान जिला संस्थान और संबंधित स्कूलों का एक नेटवर्क स्थापित करती है,जो वर्तमान में भारत के सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने का कार्य कर रही है । इसके अलावा परोपकार अनुदान संगठन जिसे अभी तक केवल अजीम प्रेमजी के परोपकार के रूप में जाना जाता है । जो कि हमारे समाज के सबसे कमजोर लोगों को सेवा देने के लिए गैर लाभकारी संगठन को प्रत्येक वर्ष अनुदान के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है ।
भारत में सामाजिक क्षेत्र में शिक्षण कार्यक्रम चलाने और अनुसंधान करने के लिए 2010 से बेंगलुरु विश्वविद्यालय में समावेश और गुणवत्ता के लिए एक अनुकरणीय उच्च शिक्षण संस्थान बनाने की कवायद भी की गई है ।
अजीम प्रेमजी संस्था से आप कैसे जुड़ सकते है ?
यदि आप शिक्षक है और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से जुड़ना चाहते है तो हम आपको बता दें कि इस संस्थान के पास 40 से भी ज्यादा जिलों में शैक्षिक संस्थान उपलब्ध है । हाल ही में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के द्वारा सोशल मीडिया पर टीचर और एजुकेटर की भर्ती होने की जानकारी दी गई है ।
हम आपको बता दें कि आने वाले 26 मई तक आप अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर के भर्ती के लिए अप्लाई कर सकते है । जानकारी के अनुसार यह भर्तियां लिखित टेस्ट के आधार पर की जाएंगे और यह भर्तियां अलग अलग राज्य केंद्र शासित प्रदेश के लिए की जा रही है ।
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से जुड़ने के क्या फायदे है ?
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन एक गैर सरकारी संस्था है,जो पोषण विकलांगता अभावग्रस्त लोगों के लिए मदद करने का कार्य करती है । हम आपको बता दें कि प्रेम जी संस्था अजीम प्रेम जी फाउंडेशन के द्वारा बनाई गई संस्था है जिसका उद्देश्य सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षण सुविधाएं प्रदान करना है ।
इसके अलावा यह संस्था मानवीय और सामान्य निर्माण के लिए भी अपना कार्य कर रही है । हम आपको बता दें कि यदि आप इस संस्था से जुड़ते है,तो यह संस्था आपको शिक्षा और व्यापक सामाजिक क्षेत्र में टैलेंट को बढ़ावा देने के लिए अथवा रिसर्च करने के लिए भी प्रेरित करती है ।
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ग्रामीण विकास समिति बहरीपुर जौनपुर उत्तर भो सतत प्रदेश द्वारा दलित व अति बंचित परिवार की आजीविका एजुकेशन व स्वास्थ्य के प्रति संवेदित किया जा रहा है जो कि कोविड 19 जैसे महामारी की दुखद बेला मे भी बचाव हेतु सतत प्रयासरत रही है ।
उपरोक्त क्रम मे आप का सहयोग मिलने पर संस्था सशक्त बदलाव हेतु प्रयास किए जाएंगे ।
आप का साथी
महन्थ राज सचिव
ग्रामीण विकास समिति बहरीपुर जौनपुर उ0प्र0 contact 9695617348 email I’[email protected] website.gvsup.org.in
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