छोटे बच्चों को इंग्लिश पढ़ना कैसे सिखाएं?

बच्‍चों को English सिखाने का आसान तरीका

छोटे बच्चों को इंग्लिश पढ़ना कैसे सिखाएं?:  छोटे बच्‍चों को पढ़ाना हमेशा से चुनौतिपूर्ण काम रहा है। लेकिन जब बात छोटे बच्‍चों को English सिखाने की आ जाए तो मानो ये काम हमारे लिए पहाड़ हो जाता है। इसलिए यदि आपके घर में भी छोटे बच्‍चे हैं और आप भी चाहते हैं कि उन्‍हें English पढ़ना कैसे सिखाया जाए तो हमारे इस लेख को अंत तक पढि़ए।

अपने इस लेख में हम आपको वो तरीके बताएंगे जिसकी मदद से आप छोटे बच्‍चों को English आसानी से सिखा सकते हैं। हमारे द्वारा बताया गया तरीका इतना आसान होगा कि आपके बच्‍चे भी उस तरीके से English खुशी खुशी पढ़ने को तैयार हो जाएंगे।

English क्‍या होती है?

Bacchon ko English padhna kaise sikhayen इस बारे में हम आपको जानकारी दें इससे पहले आइए हम एक बार आपको जानकारी दे दें कि English क्‍या होती है। दरअसल, English भी दूसरी भाषाओं की तरह ही एक भाषा है। लेकिन इसका चलन इसलिए सबसे ज्‍यादा है क्‍योंकि यह एक वैश्‍विक भाषा है। इसका प्रयोग दुनिया के ज्‍यादातर देशों में होता है। इसलिए हमारे बच्‍चों को बेहद जरूरी है कि उन्‍हें अपनी मातृ भाषा के साथ English का भी ज्ञान हो ताकि उन्‍हें भविष्‍य में किसी तरह की समस्‍या ना हो।

Bacchon ko English padhna kaise sikhayen

बच्‍चों को English सिखाना क्‍यों जरूरी है?

  • English आज एक वैश्विक भाषा बन चुकी है। इसलिए यदि आप बचपन से ही बच्‍चों को English सिखाएंगे तो आगे चलकर वो यदि विदेश जाते हैं। तो उन्‍हें भाषा की समस्‍या से नहीं जूझना होगा।
  • आज के समय में English लगभग हर परीक्षा में पूछी जाती है। इसलिए यद‍ि वो आगे चलकर किसी बड़ी परीक्षा की तैयारी करते हैं। तो उन्‍हें English बेहद मददगार सिद्ध होगी।
  • रोजगार के नए उभरते माध्‍यमों में यदि किसी को हिन्‍दी और English दोनों भाषाओं को ज्ञान है, तो उसके लिए रोजगार पाने की समस्‍या भी एक तरह से समाप्‍त हो जाती है।
  • हमारे देश में जिस तरह से English का चलन बढ़ा है। उससे यदि आगे चलकर आपके बच्‍चे को English का ज्ञान नहीं होगा, तो संभव है कि उसे कम पढ़ा लिखा समझा जाए।

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बच्‍चों को English पढ़ना कैसे सिखाएं?

आगे हम आपको बताने जा रहे हैं कि छोटे बच्चों को इंग्लिश पढ़ना कैसे सिखाएं। इसमें हम आपको एक दम छोटे बच्‍चे से शुरूआत करेंगे और आगे चलकर जिस तरह से वो बड़ा होता जाएगा। उसी क्रम में आपको हम छोटे बच्‍चों को English पढ़ने का तरीका बताते जाएंगे। इसलिए जरूरी है कि आप इस पोस्‍ट को अंत तक पढ़ें।

शुरूआत कैसे करें?

छोटे बच्‍चों को English पढ़ने की शुरूआत आप बेहद ही हल्‍के अंदाज में कर सकते हैं। इसके लिए जब आपका बच्‍चा एकदम छोटा हो तो आप उसके सामने कोई English कि किताब खोलकर पढ़ सकते हैं। उसके पेज पलट सकते हैं। उसके ऊपर पेन से लाइन दर लाइन पढ़ते चले जाइए। यदि आप बड़े भी हैं तो बोलकर बोलकर ABCD पढि़ए। इसके लिए आप छोटे बच्‍चों की किताब खरीद लाइए। ये काम आपको तब करना है जब आपका बच्‍चा एकदम छोटा है।

इसका फायदा ये होगा कि आपका बच्‍चा किताब को पकड़ना सीख जाएगा। उसे ये पता चल जाएगा कि हमेशा किताब में Left से Right पढ़ा जाता है। साथ ही पेज को कैसे पलटा जाता है। उसे पता चलेगा कि हर बार में एक ही पेज को पलटा जाता है। उसे समझ आ जाएगा कि इसके अंदर कुछ लिखा होता है, जिसे पढ़ा जा सकता है। ये प्रक्रिया आपको तब करनी है। जब आपका बच्‍चा एकदम छोटा हो और अभी  स्‍कूल ना जा रहा हो। क्‍योंकि कहा जाता है कि बच्चे हमेशा हमारी नकल करते हैं। बस आप इस बात का फायदा अपने बच्‍चे को अंग्रेजी पढ़ाने में भी उठा लीजिए।

बच्‍चे को समझने की कोशिश करें

जब आपका बच्‍चा थोड़ा बड़ा हो जाता है, तो आप उसके व्‍यवहार से समझ सकते हैं कि आपका बच्‍चा किस किस्‍म का है। जैसे कि कुछ बच्‍चों बच्‍चों के साथ खुश रहते हैं, कुछ खिलौनों के साथ, कुछ मोबाइल फोन से खुश रहते हैं। इसी तरह से आप अपने बच्‍चे को समझ सकते हैं कि यदि आप अपने बच्‍चे को अंग्रेजी सिखाना चाहते हैं तो आप उसे किस तरह से सिखा सकते हैं। साथ ही ये भी जान सकेंगे कि उसके ऊपर सबसे ज्‍यादा कौन सी बात का प्रभाव पड़ता है।

उदाहरण के तौर पर बच्‍चा अपनी मां के पास ज्‍यादा खुश रहता है, तो बेहतर होगा उसे अंग्रेजी सिखाने को काम उसकी मम्‍मी करें। इसी तरह यदि बच्‍चा किताब से ज्‍यादा खिलौने पसंद करता है, तो उसे खिलौने की मदद से अंग्रेजी सिखाने की कोशिश करें। यदि आप अपने बच्‍चे को समझ जाते हैं, तो आप उसे बिना किसी परेशानी के आसानी से अंग्रेजी सिखा सकते हैं।

दिनचर्या में अंग्रेजी का प्रयोग करें

छोटे बच्चों को इंग्लिश पढ़ना कैसे सिखाएं इसके लिए आपको इस तरह से शुरूआत करनी चाहिए कि आपके बच्‍चे को पता भी ना चले कि आप उसे English सिखा रहे हैं और वो अंग्रेजी के कई शब्‍द सीख भी चुका हो। इसके लिए जरूरी है कि आप कुछ शब्द अपने परिवार के साथ भी English में बोलिए। जैसे कि Door, water, Food, Bell, Stairs आदि। इससे जुड़े बहुत सारे शब्‍द हैं, जो हम अपनी रोजाना की दिनचर्या में प्रयोग में लाते हैं। इससे आपका बच्‍चा जब भी उस चीज के बारे में बालेगा तो उसके मुंह से भी English भाषा का शब्‍द ही निकलेगा। इससे आपको भी पता नहीं चलेगा और आपका बच्‍चा English के कई शब्‍द सीख जाएगा।

यदि आपके घर में कुछ लोग बड़ी उम्र के अनपढ़ हैं, तो आप कुछ ऐसे शब्‍द उन्‍हें भी सिखा दीजिए। जिससे जब भी बच्‍चा उनसे बात करे तो उसके साथ वो भी उस शब्‍द को अंग्रेजी में ही बोलें। जैसे कि दादा को पानी चाहिए तो Water कहकर मांगे। हालांकि, इसके लिए आप कभी घर में विवाद ना खड़ा करें। यदि वो ना बोलना चाहें, तो उन्‍हें हिन्‍दी ही बोलने दें।

खिलौनों से बच्‍चों को English सिखाएं

आज के समय में बाजार में कई ऐसे खिलौने आते हैं। जिनकी मदद से आप अपने बच्‍चे को आसानी से English सिखा सकते हैं। इसके लिए आप बाजार से ABCD वाले खिलौने और फल और शेर, चीते और ट्रक आदि लाकर दे सकते हैं।

कई खिलौने इस तरह के आते हैं। जिनके अंदर आपके बच्‍चे को शब्‍द जोड़ने होते हैं। जैसे कि ABCD, 1234, अ आ आदि शब्‍द जोड़कर सजाने होते हैं। इसका फायदा ये होता है कि आपका बच्‍चा उन शब्‍दों को जोड़ता रहता है। जिससे आगे चलकर उसे वो शब्‍द याद हो जाते हैं। अंग्रेजी सिखाने का ये तरीका बेहद ही कारगर होता है। इसलिए आप अपने बच्‍चे को ऐसे खिलौने जरूर लाकर दें।

बच्‍चे को हमेशा English Medium स्‍कूल में भेजें

अंग्रेजी सिखाने के लिए जरूरी है कि जब आपका बच्‍चा स्‍कूल जाने के योग्य हो जाए तो आप अपने बच्‍चे को अंग्रेजी मीडियम के स्‍कूल में ही भेजें। इससे उसकी अंग्रेजी बहुत तेज हो जाएगी।

यदि आपके घर के आसपास अंग्रेजी मीडियम स्‍कूल नहीं है, तो आप दूर का स्‍कूल भी चुन सकते हैं। साथ ही संभव है कि आपको अंग्रेजी मीडियम स्‍कूल की फीस भी ज्‍यादा भरनी पड़े। लेकिन एक बात याद‍ रखिए कि यदि आपका बच्‍चा बचपन में ही फर्राटेदार अंग्रेजी सीख जाता है। तो ये सब खर्चा कुछ भी नहीं है।

किताब से बच्‍चों को English सिखाएं?

जब आप बच्‍चों को अपने स्‍तर पर पूरी तरह से English सिखा देते हैं। तो आगे चलकर जरूरत पड़ती है कि आप बच्‍चे को अब किताब की मदद से English सिखाई जाए। इसके लिए आप बाजार से छोटे बच्‍चों की किताब खरीद कर ला सकते हैं। बाजार में बहुत सारी किताबें मौजूद है। इसलिए कोशिश करें कि आप कई किताब लेकर आएं। क्‍या पता कौन सी किताब में आपके बच्‍चे का मन लग जाए। किताब लाते समय आप इस बात का ध्‍यान रखें‍ कि किताब ऐसी हो जिसके अंदर लिखा होने के साथ चित्र भी बने हों। इससे आपके बच्‍चा किताब को पढ़ते समय बोर नहीं होगा।

कोशिश करें क‍ि आपका बच्‍चा इन किताबों में बनी चीजों को पहचानने की कोशिश करे। साथ ही उसे मुंह से बोलने की कोशिश भी करे। यदि आपका बच्‍चा किसी शब्‍द को गलत तरीके से बोलता है तो आप क‍ी जिम्‍मेदारी बनती है कि आप उसे सही तरीके से बोलना सिखाएं। जिसके बाद आगे से आपका बच्‍चा उस शब्‍द को सही से बोलने की कोशिश करे।

स्‍कूल का Home Work खुद कराएं

आपका बच्‍चा जब स्‍कूल जाने लगे और उसे स्‍कूल से घर का काम मिला हो तो कोशिश करें कि आप उसका English का Home work खुद अपने सामने बैठाकर करवाएं। इससे आपको पता चलता रहेगा कि आपका बच्‍चा English में कहां गलती कर रहा है। साथ ही उसमें किस तरह से सुधार किया जा सकता है।

यदि आपके पास समय का अभाव रहता है तो कोशिश करें‍ कि अपने बच्‍चे को English कि किताब को अपने आसपास बैठाकर बोलकर पढ़ने को कहें। इससे आप अपना जो काम कर रहे होंगे। वो तो होता ही रहेगा। साथ ही आपका बच्‍चा लगातार English को बोलकर बोलकर पढ़ेगा तो उसके मन से भय भी निकल जाएगा। साथ ही यदि वो कहीं गलत बोलेगा तो आप उसके अंदर सुधार भी ला सकते हैं।

English लिखने को कहें

यदि आपका बच्‍चा इतना बड़ा हो गया है कि उसे लिखना आ चुका है। तो जरूरी है कि आप उसे English किताब पढ़ने की बजाय उसे लिखने का भी काम दें। इससे आप एक साथ दो काम कर सकेंगे। पहला तो उसकी English में Spelling मजबूत हो जाएगी। साथ ही इससे वो जब एक ही शब्‍द को कई बार लिखेगा तो उसे याद भी हो जाएंगे। इससे आपके बच्‍चे की Writting Speed और लेखनी भी सुधर जाएगी।

इसमें आप सबसे पहले लिखने में ABCD दे सकते हैं। इसके बाद ‘A For Apple’ आदि दे सकते हैं। जिससे उसे काम भी मिल जाएगा। साथ ही वो जितनी चीजें लिखता जाएगा। उसे वो साथ साथ याद भी करता रहेगा। आप एक काम और कर सकते हैं। पहले आप उसे ABCD लिखने को दें, इसके बाद आप उसे खुद ही कहें कि अब वो किताब से मिलाकर देखे कि कहां कहां उसने गलती की है। इससे जब वो अपनी गलती खुद ही तलाश लेगा तो उस गलती को दोबारा नहीं करेगा। क्‍योंकि इंसान अपनी गलतियों से ही सीखता है।

ध्‍यान रखने योग्य बातें

  • जब आपका बच्‍चा एकदम छोटा हो तो उसके साथ कभी जबरदस्‍ती ना करें कि उसे English पढ़नी ही है। जब उसका मन कहे तभी उसे English पढ़ा दें।
  • बच्‍चे को English सिखाते समय आपको भी बच्‍चा बनना ही पड़ेगा। इसलिए कभी उसके सामने ऐसा व्‍यवहार ना करें ‍जिससे उसे अच्‍छा महसूस ना हो।
  • English पढ़ाते समय आप इस बात का जरूर ध्‍यान रखें‍ कि आप सभी विषय पर उतना ही ध्‍यान दें। कहीं ऐसा ना हो कि आपका बच्‍चा English में होशियार हो जाए, बाकी विषय में कमजोर रह जाए।
  • बच्‍चे को English सिखाते समय आप इस बात का जरूर ध्‍यान रखें‍ कि English एक भाषा है। इसे आम व्‍यवहार में लाकर जितनी आसानी से सीखा जा सकता है, शायद किताबों की मदद से उतनी आसानी से नहीं सीखा जा सकता है।
  • आप बच्‍चे को पढ़ाने के साथ ये भी देखते रहें कि आपने उसे जो शब्‍द पिछले दिनों सिखाए थे। क्‍या उसे अभी वो याद है। अन्‍यथा आप आगे बढ़ते चले जाएंगे, बच्‍चा पिछला सब भूलता जाएगा।
  • जब आप अपने बच्‍चे को अंग्रेजी सिखा रहे हों, तो कभी उसे ये महसूस ना होने दें कि अंग्रेजी बहुत कठिन भाषा है या इसे सीखना बेहद जरूरी है। इसके बिना जीवन बर्बाद है।
  • कई लोग अपने बच्‍चों को अंग्रेजी सिखाने के लिए ट्यूशन लगवा देते हैं। इसके बाद वो सबकुछ भूल जाते हैं। लेकिन आप इस बात का ध्‍यान रखिए कि आपको हमेशा अपने बच्‍चे के ऊपर नजर खुद रखनी होगी। भले ही आप उसे कितने ही अच्‍छे स्‍कूल या Tuition में भेज रहे हों।

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Conclusion

आशा है कि आप समझ गए होंगे कि छोटे बच्चों को इंग्लिश पढ़ना कैसे सिखाएं? इसे जानने के बाद आप चाहे कोई अध्‍यापक हों या माता पिता, आप अपने बच्‍चों को आसानी से English सिखा सकते हैं। बस आप इस बात का ध्‍यान रखें कि हर बच्‍चा अपने आप में अलग होता है। इसलिए उसका सीखने का तरीका भी अलग होगा। यदि आप उसे समझ जाते हैं, तो बच्‍चे को English सिखाना कोई बड़ी बात नहीं रहेगी। अगर आपको हमारा ये लेख पसंद आया है तो इसे अपने दोस्‍तों के साथ भी अवश्‍य शेयर करें। साथ ही इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है तो हमें नीचे कमेंट करें।

नमस्कार दोस्तों, मैं रवि "आल इन हिन्दी" का Founder हूँ. मैं एक Economics Graduate हूँ। कहते है ज्ञान कभी व्यर्थ नहीं जाता कुछ इसी सोच के साथ मै अपना सारा ज्ञान "आल इन हिन्दी" द्वारा आपके साथ बाँट रहा हूँ। और कोशिश कर रहा हूँ कि आपको भी इससे सही और सटीक ज्ञान प्राप्त हो सकें।

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