भारत में बेरोजगारी के तीन कारण लिखिए | Bharat mein berojgari ke 3 karan kya hai, likhiye

भारत में बेरोजगारी के तीन कारण | Bharat mein berojgari ke teen karan likhiye

Bharat mein berojgari ke teen karan likhiye: हमारे देश में लगातार बेरोजगारी बढ़ती ही जा रही है। आलम ये है कि यदि हम सराकारी आंकड़े उठा कर देखें तो असल में उससे भी कई गुना हमारे देश में बेरोजगारी की समस्‍या है। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि हमारे देश मे बढ़ती बेरोजगारी के पीछे कारण क्‍या है? अक्सर ये पूछा जाता है कि भारत में बेरोजगारी के तीन कारण लिखिए.

इसलिए यदि नहीं जानते भारत में बेरोजगारी के तीन कारण क्या है तो आप हमारे इस लेख को अंत तक पढि़ए। अपने इस लेख में हम आपको भारत में बेरोजगारी के तीन कारण बताएंगे। साथ ही बेरोगाारी ही आपको बेरोजगारी का समाधान भी बताएंगे।

बेरोजगारी क्‍या होती है?

भारत में बेरोजगारी के तीन कारण आपको बताएं इससे पहले आइए हम आपको बताते हैं कि बेरोजगारी होती क्‍या है। दरअसल कोई भी इंसान बेरोजगार तब कहा जाता है। जब वह अपनी शिक्षा पूरी कर लेता है और रोजगार की आगे चलकर तलाश करता है। यह रोजगार सरकारी या प्राइवेट या बिजनेस भी हो सकता है।

यदि उसे किसी भी क्षेत्र में मौका नहीं मिलता है तो अंत में बेरोजगार कहा जाएगा। और वह तब तक बेरोजगार कहलाएगा जब तक कि उसे उसकी योग्यता के आधार पर रोजगार नहीं मिल जाता है। यदि वह अपनी योग्‍यता से कम का रोजगार भी रोजगार करता है। तो उसे हम रोजगार की श्रेणी में नहीं रख सकते हैं। क्‍योंकि इस तरह का रोजगार उसे संतुष्‍ट नहीं कर सकता है।

लेकिन यदि कोई इंसान यदि पढ़ लिखकर रोजगार करना ही नहीं चाहता है तो उसे हम बेरोजगार नहीं कह सकते हैं।

भारत में बेरोजगारी के तीन कारण

वैसे तो हमारे देश में बेरोजगारी के कई कारण हैं। लेकिन यहां हम आपको भारत में बेरोजगारी के तीन कारण बताने जा रहे हैं।

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देश की बढ़ती जनसंख्‍या

भारत में बेरोजगारी के तीन कारणों में से पहला बढ़ती बेरोजगारी का पहला कारण ये है कि हमारी जनसंख्‍या सीमा के पार होती जा रही है। जिससे हमारे देश में मंहगाई और दूसरी चीजों की समस्‍या भी उत्‍पन्‍न हो रही है। इस जनसंख्‍या के कारण हमें लगता है कि हमारे देश में बेरोजगारी तो बढ़ रही है। साथ ही लोगों को काम का पूरा मेहनताना भी नही मिल रहा है। क्‍यों‍कि जिस काम को पहले लोग अधिक पैसे में करते थे। आज वही काम लोग कम दाम में भी कर दे रहे हैं। इससे लोगों की जेब मे कम पैसा आ रहा है।

हालांकि, कुछ लोग इस पर ये तर्क देते हैं कि जब देश की जनसंख्‍या बढ़ रही है तो उसकी अवश्‍यकताएं भी बढ़ रही हैं। इससे रोजगार क्‍यों‍िनहीं पैदा किया जा सकता है। इसका जवाब ये है कि आज आधुनिक मशीनों का दौर है। इसलिए जनसंख्‍या की जरूरतें जो बढ़ी हैं उसके मुताबिक रोजगार नहीं पैदा हो पा रहा है।

जनसंख्‍या क्‍यों बढ़ रही है?

  • हमारे देश में जनसंख्‍या बढ़ने का पहला कारण है कि लोग आज भी समाज मे शिक्षित नहीं है। जिससे वो कई बार जनसंख्‍या बढ़ने से जो समस्‍याएं उत्‍पन्‍न हो रही हैं। उसे समझ नहीं पाते हैं।
  • दूसरा कारण ये है कि हमारे देश के लोगों की मानसिकता अभी भी यही है कि जितने ज्‍यादा बच्‍चे होंगे उतनी ही ज्‍यादा परिवार की आमदनी होगी।
  • तीसरा कारण ये है कि लोगों के अंदर अभी भी बेटे की चाहत हावी है। ऐसे परिवारों में अक्‍सर देखा जाता है कि बेटा ना होने पर कई बच्‍चे तक पैदा कर देते हैं।

बढ़ रही जनसंख्‍या का समाधान?

  • इसका सबसे पहला और सख्‍त समाधान ये है कि हमारे देश में जनसंख्‍या नियंत्रण कानून लागू हो। जिसमें कुछ सख्‍य प्रावधाान किए जाएं।
  • दूसरे नंबर पर लोगों को शिक्षित किया जाए कि बढ़ती जनसंख्‍या के समाज में क्‍या प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।
  • तीसरे नंबर पर लोगों के अंदर बेटा और बेटी के बीच जो भेदभाव बढ़ रहा है उसे समाप्त किया जाना चाहिए। ताकि लोग बेटे की चाहत में ज्‍यादा से ज्‍यादा बच्‍चे ना पैदा करें।

युवओं का Skilled ना होना

यदि हम बढ़ती बेरोजगारी के दूसरे कारण की बात करें तो वो ये है कि हमारे देश के युवाओं के पास अब भी किसी तरह का हुनर नहीं है। भले ही उनके पास बीए एमए या इससे बड़ी बड़ी डिग्री क्‍यों ना हो। इस तरह से वो लोग अंत में पढ़ लिख कर भी कुछ करने के योग्‍य नहीं बन पाते हैं।

ऐसे में या तो वो सरकारी नौकरी की तलाश करते हैं। या फिर बेरोजगार कहलाने को मजबूर हो जाते हैं। क्‍योंकि प्राइवेट सेक्‍टर में उन्‍हें इसलिए मौका नहीं दिया जाता है। क्‍यों‍कि आज की कंपनियों को जिस तरह के काम की जरूरत होती है। दरअसल वो पढ़ लिखकर भी उस काम को करने में समर्थ नहीं बन पाते हैं। जिससे यदि कोई कंपनी उन्‍हें नौकरी पर रखती भी है तो भी उसका नुकसान ही होगा।

युवाओं का Skilled ना होने का कारण?

  • इसका पहला कारण ये है कि हमारी शिक्षा व्‍यवस्‍था आज भी ‘मैकाले’ की पद्धति पर चल रही है। जिसे आज के हिसाब से बदलने की सख्‍त जरूरत है।
  • दूसरा कारण ये है कि हमारे देश में यदि सरकारी स्‍कूलों को छोड़ दिया जाए तो प्राइवेट स्‍कूल इतने महंगे हैं‍िकि गरीब आदमी का बच्‍चा तो उनके अंदर पढ़ ही नहीं सकता है। जबकि हमारे देश की 80 करोड़ आबादी आज भी गरीबी रेखा से नीचे अपना जीवन यापन करती है।
  • तीसरा कारण ये है कि हमारे देश में अच्‍छे शिक्षण संस्‍थान आज भी केवल महानगरों में हैं। जहां देश का हर बच्‍चा नहीं पढ़ सकता है।

युवाओं को Skilled बनाने के उपाय

  • हमारे देश की शिक्षा का पैटर्न बदला जाए जिसमें थ्‍योरी के साथ प्रैक्टिकल को भी शामिल किया जाए। ताकि पढ़ाई के साथ काम का ज्ञान भी हो सके।
  • पढ़ाई का आधार सिर्फ परीक्षा से तय ना हो। बाल्कि ये देखा जाए कि किस छात्र के अंदर कितना कौशल है उसी आधार पर उसे नंबर दिए जाएं।
  • शिक्षा की गुणवत्‍ता में सुधार लाया जाए जिससे हर संस्‍थान में छात्र अच्‍छी शिक्षा हासिल कर सके। साथ ही इसे सस्‍ती भी किया जाए।

सरकार की गलत नीतियां

हमारे देश में बढ़ती बेरोजगारी का तीसरा कारण ये भी है कि सरकार की गलत नीतियां। जो‍ कि युवाओं को बेरोजगारी की तरफ धकेल रही है। आज के हालातों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार की नजर में युवा और बेरोजगारी सबसे आखिरी मुद्दा है। साथ ही युवाऔ की बात केवल चुनावों पर ही होती है।

जिसका नतीजा ये होता है कि युवा हर समय चुनाव का इंतजार करता रहता है कि कब चुनाव आएंगे और कब नेताओं की जुबान पर उनके रोजगार की बात होगी। जबकि हमारे देश से हर साल युवा अपनी पढ़ाई पूरी करके बाहर निकल रहे हैं।

गलत नीतियों का कारण?

  • सरकार की तरफ से गलत नीतियां बनने का पहला कारण ये है कि केंद्र और राज्‍य सरकार में बहुत से ऐसे नेता बैठे हैं जो या तो उस पद के योग्‍य नहीं है या उन्‍हें युवाओं की समस्‍या का पूरी तरह से ज्ञान नहीं है।
  • दूसरा कारण ये है कि आज का युवा एकजुट नहीं है। जिससे ना तो सरकार पर वो कभी दबाव बना पाता है ना ही कभी वो अपनी बात सरकार तक पहुंचा पाता है।
  • तीसरा कारण ये है कि आज का युवा सोशल मीडिया पर लगा रहता है। जिससे उसे खुद भी बेरोजगारी का आभास नहीं होता है।

कैसे बनेंगी सही नीतियां?

  • इसके लिए सबसे जरूरी है कि हम अपने जनप्रतिनिधि ऐसे चुनें जो कि संसद में जाकर ना सिर्फ युवाओं की बात को रखें। बाल्कि उस पर काम भी करें।
  • युवाओं को चाहिए कि वो कभी भी धर्म, जाति के बहकावे में ना आकर अपनी शिक्षा और रोजगार की मांग को हमेशा सबसे आगे रखें। साथ ही सरकार और नताओं से रोजगार पर सवाल भी पूछते रहें।
  • आज की युवा पीढ़ी को संयम और धैर्य दिखाना होगा। उसे अपनी भाषा शैली में सुधार और ज्ञान में वृदधि करनी होगी। जिससे उसकी बात को सुना जाए। क्‍योंकि कई बार उनकी बात में दम ना होने के चलते अनसुना कर दिया जाता है।

आज आपने जाना कि भारत में बेरोजगारी के तीन कारण क्या है, और बेरोज्ज्गारी को कम करने के क्या उपाय है। आशा है अब आप समझ चुकें होंगे के कि भारत में बेरोजगारी के तीन प्रमुख कारण क्या है।

नमस्कार दोस्तों, मैं रवि "आल इन हिन्दी" का Founder हूँ. मैं एक Economics Graduate हूँ। कहते है ज्ञान कभी व्यर्थ नहीं जाता कुछ इसी सोच के साथ मै अपना सारा ज्ञान "आल इन हिन्दी" द्वारा आपके साथ बाँट रहा हूँ। और कोशिश कर रहा हूँ कि आपको भी इससे सही और सटीक ज्ञान प्राप्त हो सकें।

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