Business karne ka tarika | खुद का बिजनेस कैसे करे?

बिजनेस करने का सबसे सही तरीका

Business karne ka Tarika; खुद का बिजनेस हमेशा सफल बनने की चाहत रखने वाले लोगों की पहली पसंद होती है। साथ ही उनकी पहचान ये होती है कि वो कभी किसी भी काम को छोटा या बड़ा नहीं समझते हैं। उनकी शुरूआत कैसी भी हो, पर अंत हमेशा शानदार होता है।

ऐसे में यदि आप भी किसी तरह का खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, पर आपको समझ नहीं आ रहा है कि शुरूआत कहां से करें और कैसे करें। तो हमारे इस लेख को आप अंत त‍क पढि़ए। अपने इस लेख में हम आपको बताएंगे कि Business karne ka tarika कौन सा सही होता है। साथ ही बिजनेस से जुड़ी कौन सी जरूरी बातें होती हैं।

बिजनेस क्‍या होता है?

बिजनेस को हिन्‍दी में व्‍यापार और कारोबार कहा जाता है। लेकिन बहुत से लोगों को हमने देखा है कि वो लोग अपनी छोटी सी दुकान को भी एक व्‍यापार की तरह देखते हैं। लेकिन सही मायने में वो व्‍यापार नहीं होता है। व्‍यापार उसे कहा जा सकता है। जिसके अंदर आप किसी खास किस्‍म के उत्‍पाद से जुड़े हों। साथ ही उससे जुड़ा काम आपका कम से कम किसी जिले में जरूर फैला हो।

इसमें हो सकता है कि आप किसी तरह का उत्‍पाद खरीदते हों या हो सकता है कि आप उस उत्‍पाद को बेचने का काम करते हों। उदाहरण के तौर पर आप यदि गुजरात से कपड़े मंगाते हैं और उसे अपने जिले के दुकानदारों को थोक के भाव में बेचते हैं। तो यह आपका एक तरह से बिजनेस ही माना जाएगा।

बिजनेस करने का तरीका

बिजनेस करने का सही तरीका

आगे हम आपको Business karne ka tarika बताने जा रहे हैं। आप चाहे किसी भी चीज का बिजनेस करना चाहते हों। हमारा बताया तरीका हर तरह के बिजनेस में काम आएगा। इसलिए इसे आप अंत तक समझिए।

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बाजार की रिसर्च करें

Business karne ka tarika यदि आप समझना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले चाहिए कि आप जिस जगह रहते हैं या जिस जगह अपना कारोबार शुरू करना चाहते हैं। उस जगह पर अच्‍छे से रिसर्च कर लें।

रिसर्च में आप बाजार और उससे जुड़े लोगों से मिल सकते हैं। उनसे जानकारी हासिल करें कि उस जगह पर ग्राहकों को इस समय किस चीज की मांग है। साथ ही बाजार में उस चीज की उपलब्‍धता कितनी मात्रा में है। कोशिश करें कि उस चीज को समझ सकें जिस चीज की बाजार में मांग तो है, पर उपलब्‍ध नहीं हो पा रही है। यदि आप इसे पकड़ने में कामयाब हो गए तो समझिए आपका आधा काम पूरा हो गया।

किसी एक उत्‍पाद का चयन करें

बाजार में रिसर्च करने के बाद आपको ये समझ आ जाएगा कि फिलहाल इस जगह पर इतनी चीजों की डिमांड है। जबकि इसकी आपूर्ति नहीं हो पा रही है। आप उसमें से किसी एक चीज को चुन लीजिए। जिसमें आप अपना कारोबार करना चाहते हैं।

चुनाव में इस बात का पूरा ध्‍यान रखें कि उसके संसाधन और लागत आपकी क्षमता के अंदर ही आते हों। अन्‍यथा आपके यहां यदि एयरपोर्ट की मांग है। पर आप बना ही नहीं सकते हैं तो उसका फायदा क्‍या होगा। Business karne ka tarika यह सबसे गलत होता है।

उस उत्‍पाद से जुड़े लोगों से मिलें

Business karne ka tarika में अब आपने उत्‍पाद का चुनाव कर लिया होगा। इसके बाद आप उस उत्‍पाद को बनाने वाले लोगों से मिलें। इसकी जानकारी आपको इंटरनेट पर भी आसानी से मिल जाएगी। आप उन लोगों से मिलिए। उन्‍हें बताइए कि आप भी इस तरह का कारोबार शुरू करना चाहते हैं।

इसके बाद वो लोग आपको जानकारी देंगे कि आपको कच्‍चा माल कहां मिलेगा। उसकी कीमत क्‍या होगी। उसे एक उत्‍पाद का रूप देने में आगे की क्या प्रक्रिया रहेगी। इस काम को आप शुरूआत में कितने बड़े पैमाने पर शुरू कर सकते हैं। साथ ही उसमें कुल लागत कितनी आएगी। इस बारे में उनसे राय ले सकते हैं।

यहां ध्‍यान देने वाली बात ये है कि आप उस उत्‍पाद से जुड़े कई लोगों से मिलें। संभव है कि कुछ लोग आपको अपना विरोधी समझ कर जानकारी ना भी दें या डरा दें। इससे आपको घबराने की बजाय अपने आप को और आगे की तरफ बढ़ाइए।

अपने उत्‍पाद का नाम चुनिए

किसी भी बिजनेस का नाम सबसे महत्‍वपूर्ण होता है। इसलिए नाम के चुनाव में कभी जल्‍दबाजी ना करें। नाम के चुनाव से पहले आप देख लें कि फिलहाल आपके शहर में किस किस नाम से उस क्षेत्र में लोग काम कर रहे हैं। इसके बाद आप अपने कारोबार का ऐसा नाम चुनिए जो कि दूसरों से अलग तो हो ही। साथ ही लोगों की जुबान पर भी एक ही बार में याद हो जाए।

इसके लिए आप इंटरनेट की मदद भी ले सकते हैं। साथ ही आप चाहें तो किसी तरह का धार्मिक नाम भी रख सकते हैं। धार्मिक नाम लोगों की जुबान पर भावनाओं के साथ आसानी से जुड़ जाता है। इसका फायदा केवल यही होता है।

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उत्‍पाद बनाने का काम शुरू कर दीजिए

अब आप यदि उस उत्‍पाद से जुड़ी हर जानकारी समझ चुके हैं, तो आपको चाहिए कि आप उस उत्‍पाद को बनाने का काम शुरू कर दें। इसके लिए यदि आपको जगह देखनी है तो बाजार में जगह का चुनाव कर लीजिए। आपको कच्‍चा माल या सामान किसी दूसरी जगह से मंगाना है तो उसका प्रबंध शुरू कर दीजिए। यदि आपके काम में कुछ लोगों की नियुक्‍ति करनी है तो उनका चयन कर लीजिए।

यहां ध्‍यान ये रखिए क‍ि ऐसे लोगों को प्राथमिकता दीजिए। जो कि उस काम का अनुभव रखते हों। जैसे कि आप सब्‍जी का काम शुरू करने जा रहे हैं, तो ऐसे लोगों को चुनिए जिन्‍होंने सब्‍जी का काम पहले कभी किया हो। इससे आपको परेशान कम होना पड़ेगा।

तैयारी को अंतिम रूप दें

अब आप सभी तरह की तैयारी पूरी करने के बाद उसे देख लीजिए कि आपकी टीम पूरी हो गई है। आपका जो उत्‍पाद है उसकी गुणवत्‍ता एकदम सही है। आपने जो जगह चुनी है वो एकदम सही है कि नहीं। आप जो सोच कर चले थे आपका सारा काम उसी तरह से आगे जा रहा है कि नहीं।

क्‍योंकि यदि आप सबकुछ काम करने वालों के भरोसे छोड़ देंगे तो संभव है कि आपको पता तब लगे जब आपको नुकसान हो चुका हो। इसलिए यदि आप सभी तरीके से संतुष्‍ठ हैं तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है।

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प्रचार प्रसार का काम शुरू करें

बिजनेस में आज के समय में प्रचार प्रसार भी एक अहम अंग बन चुका है। यदि आप सोच रहे हैं कि प्रचार प्रसार का मतलब केवल समाचारपत्र या टीवी पर विज्ञापन देना ही होता है। तो यह आप गलत सोच रहे हैं।

आप यदि अपने काम के छोटे छोटे पर्चे भी गली में बंटवा देते है तो वो भी विज्ञापन ही कहा जाएगा। इसलिए यदि आप ज्‍यादा पैसा नहीं खर्च करना चाहते हैं तो कोशिश करें कि अपनी दुकान के आस-पास बोर्ड लगवा दें। साथ ही उस क्षेत्र, जैसे कि आप पेंट बेचने काम शुरू करना चाहते हैं। तो आपके शहर में जितने में भी पेंटर की दुकान है। आप उन तक फोन या किसी अन्‍य माध्‍यम से जानकारी पहुंचा दीजिए। ताक‍ि वो लोग अवगत हो सकें कि उनके शहर में पेंट बेचने वाला कोई नया विक्रेता भी बाजार में आ चुका है।

धमाकेदार तरीके से शुरूआत करें

कहते हैं कि किसी भी चीज की शुरूआत जितने धमाकेदार अंदाज में की जाती है। वही उसको अंजाम तक पहुंचाती है। कहने का तात्‍पर्य ये है कि आप अपना काम शुरू करने के लिए कोई खास दिन का चुनाव कर लीजिए। उस दिन सुब‍ह से ही वहां टेंट लगा दीजिए। लोगों को खाने पीने की व्‍यवस्‍था कर दीजिए।

रास्‍ते में दिनभर जितने भी लोग आते हैं सबको कुछ ना कुछ खाने का दीजिए। वहां डीजे लगवा दीजिए। इसके अलावा अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए आप कोशिश कीजिए कि उन्‍हें अपने उत्‍पाद के कुछ सैंपल फ्री दे दीजिए। शुरूआत में दूसरे दुकानदारों के मुकाबले अपनी कीमत कम रखिए। कोई ऐसा ऑफर निकालिए कि जिसमें कोई यदि आपसे दस हजार का सामान खरीदता है तो उसे कुछ छूट मिलेगी। अपने नाम से थैले छपवा लीजिए। जिसे अपने ग्राहकों को खासतौर पर दीजिए। शुरूआत में यह थोड़ा महंगा जरूर पड़ेगा। पर यह आपके कारोबार के लिए बूस्‍टर डोज की तरह होगा।

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कारोबार का पहला आकलन करें

अब जब आपने अपना काम शुरू कर दिया है तो आपको समय समय पर जरूरत इस बात की भी पड़ेगी कि आप उसका आकलन भी करते रहें। ताकि आपको पता लग सके कि आप कितनी तरक्‍की कर रहे हैं। इसके लिए आप हर महीने या तीन महीने का समय तय कर सकते हैं।

जैसे ही ये समय बीतता है आप अपना बही खाता चेक कीजिए। उसमें देखिए कि आपने अबतक खर्चा कितना किया है और उसमें से आपको फायदा कितना हुआ है। साथ ही सबसे ज्‍यादा फायदा किन ग्राहकों से हुआ है। इसमें आप पहले तीन महीने को छोड़ दीजिए। क्‍योंकि पहले तीन महीने तो फायदा नाममात्र ही हुआ होगा।

लेकिन इसके बाद के जो महीने हैं उसमें आप हर महीने इस बात का आकलन करें कि पिछले महीने से इस महीने आपको कितना ज्‍यादा फायदा हुआ। साथ ही जो नुकसान हो रहा है। उसे कैसे कम किया जा सकता है। इसके लिए आप किसी अच्‍छे इंसान का सुझाव भी ले सकते हैं।

अपने ग्राहकों का Feedback लें

जब आपके काम को शुरू हुए कुछ महीने हो चुके होंगे तो ज‍ाहिर सी बात है कि आपके ग्राहक बहुत सारे बन गए होंगे। इसलिए जब वो आपके पास दोबारा आएं तो उनका फीडबैक भी लीजिए। उनसे समझने की कोशिश कीजिए कि आप अपने काम को और रफ्तार किस तरह से दे सकते हैं।

उनसे बातचीत के दौरान इस बात का ध्‍यान रखें कि आप ना तो उन्‍हें अपने फायदे या नुकसान के बारे में बताएं ना ही उनके सामने अपने कारोबार की दुख भरी कहानी सुनाएं। कोशिश कीजिए कि आप उनके द्वारा दिए गए फीडबैक को किसी कापी में लिख लीजिए। साथ ही आगे चलकर यह सुनिश्चित कीजिए कि क्‍या वाकई आपके काम में उनके सुझाव पर काम किया गया है या ना नहीं।

प्रचार प्रसार का दूसरा राउंड शुरू कीजिए

प्रचार प्रसार के पहले राउंड में आपने लोगों को अपने कारोबार के बारे में जानकारी दी थी। जिससे संभव है कि काफी लोग आपसे जुड़े भी हों। लेकिन अब जब आप कई महीने से इस काम को कर रहे हैं। तो जरूरी हो जाता है कि आप इस काम को पूरी तरह से समझ चुके होंगे। साथ ही आप अपनी कमियों को भी भलि भांति जान चुके होंगे।

इसके बाद आप देखिए कि आपकी कमी कहां है। आप इस बार उसी को ध्‍यान में रखकर अपना प्रचार आगे बढ़ाइए। जैसे कि आपने देखा कि आपके अलावा दूसरे लोग बाजार में आपसे सस्‍ता उत्‍पाद बेच रहे हैं। इसके लिए आप कुछ समय के लिए उनसे दाम घटा दीजिए। इसके पम्‍पलेट पूरे शहर में बंटवा दीजिए।

ठीक इसी तरह से आप देखते हैं कि किसी खास वर्ग के लोग आपके पास नहीं आ रहे हैं तो आप उनके लिए खास ऑफर निकाल दीजिए। जैसे महिलाओं, बच्‍चे आद‍ि के ऊपर खास छूट। बस फिर आपके पास हर वर्ग का आदमी आने लगेगा।

विशेष दिन विशेष ऑफर दें

आज के समय बाजार नए नए ऑफर से भरा होता है। इसलिए आप भी जब भी कोई खास मौका आए जैसे कि होली, दीवाली, नया साल, रक्षा बंधन उसके उपलक्ष्‍य में कोई खास छूट दे दीजिए। जिसमें या तो एक से साथ एक फ्री या कैशबैक का ऑफर या कुछ प्रतिशत का फ्लैट डिस्‍काउंट दे दीजिए। इससे आप उस ऑफर से लाभ को कमाएंगे ही साथ ही आपका सारा पुराना माल भी बिक जाएगा। ये आपके प्रचार के लिए बहुत बेहतर माना जाता है। क्‍यों‍कि इस दौरान आपकी दुकान पर ज्‍यादा से ज्‍यादा ग्राहक आएंगे।

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बिजनेस शुरू करने के दौरान कुछ जरूरी सावधानी

  • Business karne ka tarika में सबसे पहला गुरू मंत्र ये है कि आप किसी इंसान के बहकावे में ना आएं। आप हमेशा अपने दिमाग से विचार कीजिए किसबसे अच्छा बिजनेस कौन सा है। इसके बाद ही किसी निर्णय तक पंहुचिए।
  • बिजनेस में आपके पास जो टीम होती है, वही आपके काम की जान होती है। इसलिए कोशिश करें कि आप एक अच्‍छी टीम बनाइए और उसमें भरोसेमंद लोग ही रखिए।
  • आप भले ही एक बिजनेस करने के लिए बाजार में उतर चुके हैं। पर इससे कभी अपने ऊपर अंहकार हावी ना होने दीजिए। कहने का अर्थ ये है आपके कर्मचारी और आपके ग्राहक आपके लिए भगवान की तरह होने चाहिए। कभी भी उनका अपमान मत होने दीजिए।
  • कहते हैं कि समुंदर भी बूंद बूंद से ही भरता है। इसलिए आप कभी भी धैर्य ना खोएं। बस अपने काम में पूरी मेहनत से लगे रहें। कुछ समय तक आपको यदि नुकसान भी होता है तो आगे चलकर बाजार आपका ही होने वाला है।
  • एक सही आकलन हमेशा आपको भविष्‍य के लिए सही मार्गदर्शन दे सकता है। इसलिए जब भी आप अपने काम का आकलन करें, तो उसे पूरी ईमानदारी से करें। भले ही फिर उसमें कुछ कड़वी बातें निकलकर क्‍यों ना आपके सामने आएं।
  • बहुत से लोग दूसरों को गिरा कर आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं। आप ऐसा कभी ना करें। आप कुछ महीने के लिए जरूर किसी से इस तरह से आगे निकल सकते हैं। पर इससे कभी आप विजेता नहीं बन सकते हैं।

Conclusion

आशा है कि अब आप जान चुके होंगे कि Business karne ka tarika कौन सा है। इसे जानने के बाद आप अपने दिमाग में विचार कीजिए और जल्‍दी ही किसी बिजनेस पर काम करना शुरू कर दीजिए। यदि आप हमारा बताया तरीका अपनाते हैं, तो देर सबेर आप सफल होकर एक बिजनेसमैन की भूमिका में जरूर दिखाई देंगे। यदि आपको हमारा ये लेख पसंद आया है तो इसे अपने दोस्‍तों तक भी अवश्‍य शेयर करें। साथ ही कमेंट बॉक्‍स में अपनी राय भी जरूर साझा करें।

नमस्कार दोस्तों, मैं रवि "आल इन हिन्दी" का Founder हूँ. मैं एक Economics Graduate हूँ। कहते है ज्ञान कभी व्यर्थ नहीं जाता कुछ इसी सोच के साथ मै अपना सारा ज्ञान "आल इन हिन्दी" द्वारा आपके साथ बाँट रहा हूँ। और कोशिश कर रहा हूँ कि आपको भी इससे सही और सटीक ज्ञान प्राप्त हो सकें।

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