माइक्रो एंड मैक्रो इकोनॉमिक्स में अंतर | Difference between Micro and Macro Economics in Hindi

Difference between micro and macro Economics: अर्थशास्‍त्र के छात्रों के लिए कुछ चीजें हमेशा समझने में बेहद कठिनाई होती है। क्‍योंकि उनको केवल पढ़ने मात्र से समझना बेहद कठिन होता है। इन्‍हीं में एक टॉपिक माइक्रो एंड मैक्रो इकोनॉमिक्स में अंतर को समझ पाना भी है। जो कि इकोनॉमिक्‍स का एक महत्‍वपूर्ण टॉपिक है।

ऐसे में यदि आप भी अभी माइक्रो एंड मैक्रो इकोनॉमिक्स के बीच अंतर को समझ नहीं पाए हैं तो हमारे इस लेख को अंत तक पढि़ए। अपने इस लेख में हम आपको उदाहरण के साथ माइक्रो एंड मैक्रो इकोनॉमिक्स के बीच अंतर को स्‍पष्‍ट करने का काम करेंगे।

माइक्रो इकोनॉमिक्‍स क्‍या होता है?

माइक्रो एंड मैक्रो इकोनॉमिक्स के बीच अंतर को बताएं इससे पहले आइए हम आपको एक बार माइक्रो इकोनॉमिक्‍स (Micro Economics) के बारे में जानकारी साझा करें। इसमें हम आपको बता दें माइक्रो इकोनॉमिक्‍स उसे कहा जाता है। जिसके अंदर चीजों के एक हिस्‍से का अध्‍यन्‍न किया जाता है। जिसका हम लोग अपने सामान्‍य जीवन में कई बार प्रयोग करते हैं।

इसके अंदर हमेशा किसी भी बड़ी चीज के छोटे से टुकड़े का अध्‍यन्‍न किया जाता है। जिससे समझा जा सके कि यदि उसे हम बड़े पैमाने पर लागू करते हैं तो क्‍या अंतर दिखाई देगा। उसे लागू करने में और क्‍या कठिनाई आ सकती है।

उदाहरण से समझिए: मान लीजिए कि आपके पास एक एकड़ का बाग है और उसके अंदर 100 आम के पेड़ मौजूद हैं। अब आपको माइक्रो इकोनॉमिक्‍स यह समझने में मदद करेगा कि इस बार एक सीजन में एक पेड़ में कुल कितने किलो आम की पैदावार हुई। जिससे आप एक एक पेड़ के फल का अंदाजा लगा सकें।

मैक्रो इकोनॉमिक्‍स क्‍या होता है?

मैक्रो इकोनॉमिक्‍स (Macro Economics) की बात करें तो यह किसी भी चीज का बड़े पैमाने पर अध्‍यन्‍न करता है। इसके अंदर एक तरह से पूरी चीज का आकलन करके एक आंकड़ा तैयार किया जाता है। जिसे हम लोग मैक्रो इकोनॉमिक्‍स कहते हैं। हालांकि, इसके अंदर जो अध्‍यन्‍न किया जाता है। उसका आधार हमेशा माइक्रो इकोनॉमिक्‍स के अंदर से मिलने वाले आंकड़े ही होते हैं। साथ ही इसका सबसे ज्‍यादा प्रयोग हमेशा सरकार करती है।

उहादरण से समझिए: माइक्रो एंड मैक्रो इकोनॉमिक्स के अंतर को समझने के लिए मान लीजिए कि आपके पास एक बाग है। उसके अंदर 100 आम के पेड़ मौजूद हैं। अब आपको मैक्रो इकोनॉमिक्‍स (Macro Economics) की मदद से ये समझना होगा कि इस साल बाग में कुल कितने किलो आम की पैदावार हुई। यानि हर आम के पेड़ की पैदावार को जोड़कर इसे तैयार किया जा सकता है। जबकि यह पैदावार पिछले सालों से इस बार कितनी ज्‍यादा और कितनी कम थी। इस पैदावार का आधार कहीं ना कहीं आपको माइक्रो इकोनॉमिक्‍स के अंदर से लिए गए आंकड़े ही होते हैं।

माइक्रो एंड मैक्रो इकोनॉमिक्स

माइक्रो एंड मैक्रो इकोनॉमिक्स में अंतर

  • माइक्रो इकोनॉमिक्‍स बाजार में होने वाली बिक्री और आयात निर्यात का अध्‍यन्‍न करता है। जबकि मैक्रो इकोनॉमिक्‍स पूरी अर्थव्‍यवस्‍था का बड़े पैमाने पर अध्‍यन्‍न करता है।
  • माइक्रो इकोनॉमिक्‍स को हमेशा आंतरिक मुद्दों पर लागू किया जाता है। जबकि मैक्रो इकोनॉमिक्‍स (Macro Economics) को सामान्‍यत: बाहरी मुद्दों पर लागू किया जाता है।
  • मैक्रो इकोनॉमिक्‍स हमेशा इंसान, मजदूरी, फर्म, उधोग आदि पर लागू किया जाता है। जबकि मैक्रो इकोनॉमिक्‍स हमेशा राष्‍ट्रीय आय, राष्‍ट्रीय आयात और निर्यात से जुड़ी चीजों का अध्‍यन्‍न करता है।
  • माइक्रो इकोनॉमिक्‍स (Micro Economics) का मकसद बाजार के छोटे हिस्‍से का अध्‍यन्‍न करके मूल्‍य निर्धारण करना होता है। जबकि मैक्रो का मकसद राष्‍ट्रीय आय और आर्थिक विकास को गति देना होता है।
  • माइक्रो इकोनॉमिक्‍स का दायरा एकदम सीमित है। जबकि‍ मैक्रो इकोनॉमिक्‍स का दायरा काफी विस्‍तृत होता है।

FAQ

माइक्रो एंड मैक्रो इकोनॉमिक्स क्‍या होती हैं?

माइक्रो एंड मैक्रो इकोनॉमिक्स अर्थशास्‍त्र के अंदर अध्‍यन्‍न करने का तरीका है। जिसके अंदर चीजों को बड़े और छोटे पैमाने पर रखकर अध्‍यन्‍न किया जाता है।

माइक्रो इकोनॉमिक्‍स के अंदर किसका अध्‍यन्‍न किया जाता है?

माइक्रो इकोनॉमिक्‍स के अंदर हमेशा छोटे स्तर पर चीजों का अध्‍यन्‍न किया जाता है। जैसे घर का हर सदस्‍य कितने पैसे कमाता है।

मैक्रो इकोनॉमिक्‍स के अंदर किसका अध्‍यन्‍न किया जाता है?

मैक्रो इकोनॉमिक्‍स के अंदर बड़ी चीजों का अध्‍यन्‍न किया जाता है। जैसे कि किसी किसी शहर में हर परिवार की औसत कितनी आमदनी है।

माइक्रो एंड मैक्रो इकोनॉमिक्स को क्‍यों समझना जरूरी है?

माइक्रो एंड मैक्रो इकोनॉमिक्स से जुड़े परीक्षा के अंदर और जो लोग अर्थशास्‍त्र के जानकार हैं। उनको हमेशा काम पड़ता रहता है। इसलिए इसे समझना बेहद जरूरी होता है।

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Conclusion

आशा है कि अब आप समझ गए होंगे कि माइक्रो एंड मैक्रो इकोनॉमिक्स के बीच क्‍या अंतर है। Difference between micro and macro Economics in Hindi को जानने के बाद आप अनेकों इस तरह से उदाहरण खुद से बना सकते हैं। साथ ही यदि आप चाहें तो किसी भी परीक्षा में इस तरह से उत्‍तर का जवाब देकर शत् प्रतिशत अंक भी हासिल कर सकते हैं। यदि आपका माइक्रो एंड मैक्रो इकोनॉमिक्स से जुड़ा कोई सवाल है तो हमें नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम आपके सवाल का जवाब अवश्‍य देंगे।

उम्र में युवा और तजुर्बे में वरिष्ठ रोहित यादव हरियाणा के रहने वाले हैं। पत्रकारिता में डिग्री रखने के साथ इन्होंने अपनी सेवाएं कई मीडिया संस्थानों को दी हैं। फिलहाल ये पिछले लंबे समय से अपनी सेवाएं 'All in Hindi' को दे रहे हैं।

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