Duniya mein sabse pahle kaun aaya tha | दुनिया में सबसे पहले कौन आया था?

Duniya mein sabse pahle kaun aaya tha | संसार में सबसे पहले कौन आया?

दुनिया में सबसे पहले कौन आया था? ये सवाल सुनने में जितना छोटा है वास्‍तव में इसका जवाब उतना ही कठिन है। क्‍योंकि आज तक यह पता नहीं चल सका है कि आखिर इस संसार के बनने की शुरूआत कैसे हुई।

यदि आप भी इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं कि Duniya mein sabse pahle kaun aaya tha तो हमारे इस लेख को अंत तक पढि़ए। अपने इस लेख में हम आपको जानकारी देंगे कि दुनिया में सबसे कौन आया आया और उसकी उत्‍पत्ति किस प्रकार से हुई। तो चलिए शुरू करते हैं ‘दुनिया में सबसे पहले कौन आया (Duniya mein sabse pahle kaun aaya tha)

पृथ्‍वी का निर्माण कैसे हुआ था?

दुनिया में सबसे पहले कौन आया इस बारे में आपको जानकारी दें इससे पहले आइए आपको जानकारी देते हैं कि इस पृथ्‍वी रूपी पिंड की रचना आखिर किस प्रकार से हुई। ताकि आपको अच्‍छे से समझ आए कि इस दुनिया में सबसे पहले कौन आया। दरअसल बात करोड़ों वर्ष पहले की है। कहा जाता है कि उस दौरान धरती और आकाश के बीच किसी तरह की दूरी नहीं थी। सभी चीजें एक के अंदर ही सम‍ाहित थी।

इसके बाद अचानक एक विस्‍फोट हुआ। विस्‍फोट इतना तेज था कि पृथ्‍वी और आकाश एक झटके में एक दूसरे से अलग हो। इन दोनों के टुकड़े बहुत दूर तक बिखर गए। इनमें से एक आग का गोला सूरज भी था। जो कि आज भी हम आकाश में देखते हैं। उस दिन से बाद ये दोनों कभी एक दूसरे से मिले नहीं। इसके बाद समय के साथ इनके अंदर कुछ बदलाव आते गए। जिसे हम आज पृथ्‍वी और आकाश के रूप में देखते हैं।

दुनिया में सबसे पहले कौन आया था

विज्ञान के अनुसार दुनिया में सबसे पहले कौन आया था?

यदि हम विज्ञान की बात करें तो विज्ञान अभी इस बात को लेकर किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सका है कि इस पृथ्‍वी पर सबसे पहले कौन आया। लेकिन जिस जिस तरह से विज्ञान आगे बढ़ रहा है उससे लगता है कि पृथ्‍वी पर सबसे पहले जीव जीवाणु आए। विज्ञान कहता है‍िकि ये जीव जीवाणु पृथ्‍वी पर  पैदा ना होकर आकाश से उड़ते उड़ते आए थे। जिसके बाद ये पृथ्‍वी पर गिर गए। इसके बाद से लगातार  पृथ्‍वी पर जीवों की संख्‍या बढ़ती ही गई। जो‍िकि आज एक तरह से असंख्‍य हो गई है।

मान्‍यताओं के अनुसार Duniya mein sabse pahle kaun aaya tha?

यदि हम मान्यताओं के अनुसार बात करें कि पृथ्‍वी पर सबसे पहले कौन आया जो इसमें देवी देवता के बाद इंसान का नाम लिया जाता है। मान्‍यताओं के अनुसार कहा जाता है कि पृथ्‍वी पर इंसान के पहुंचने की कहानी काफी रोचक है।

कहा जाता है कि पृथ्‍वी पर जब ब्रम्हा जी ने अवतार लिया था, तो उन्‍होंने अपनी मायावी शक्ति से पृथ्‍वी पर बहुत सारे असुर और राज्ञस बना दिए थे। जिसके बाद उन्‍हें कुछ अजीब सा लगा। इसके बाद उन्‍हेंने तय क‍िया कि वो अब खुद के जैसा ही दूसरा इंसान भी पृथ्‍वी पर बनाएंगे। जिससे पृथ्‍वी पर मानव प्रजाति भी आगे बढ़ सके। अन्‍यथा राज्ञस इस पृथ्‍वी का सर्वनाश कर देंगे।

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इसके लिए उन्‍होंने पुरूष के रूप में ‘मनु’ और स्‍त्री के रूप में ‘शतरूपा’ को बनाया। कहा जाता है कि एक केवल कोई एक व्‍यक्ति मात्र नहीं थे। बाल्कि दस लोगों के समूह में आए थे। इसीलिए हम लोग इन्‍हें मनु के रूप में जानते हैं। क्‍यों‍कि भगवान ब्रम्हा को पता था कि मानव प्रजाति को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है कि पृथ्‍वी पर एक नर और नारी हो।

कहा तो यहां तक जाता है‍ कि इसी नाम को देखते हुए आज हम लोग इंसान को मनुष्‍य और उसी को अंग्रेजी में Men कहते हैं। तब से लेकर आज तक लगातार पृथ्‍वी पर मनुष्‍य प्रजाति बढ़ती ही जा रही है। जो कि आज ना सिर्फ पूरी दुनिया में फैल चुकी है। बाल्कि इसकी संख्‍या भी अरबों और खरबों में पहुंच चुकी है।

क्‍या मानव जाति कभी खत्‍म होगी?

कई बार हमें सुनने में आता है कि इतने सौ साल बाद पृथ्‍वी से मानव जाति समाप्‍त हो जाएगी। जिसकी वजह बताई जाती है कि मानव ने पृथ्‍वी के साथ जो अत्‍याचार किए हैं यह उसकी वजह से होगा। लेकिन हम आपको बता दें कि ऐसा कुछ होने वाला नहीं है। यह सिर्फ लोगों के मन में डर पैदा कर देने वाली जानकारी है।

लेकिन हम इतना जरूर कहेंगे कि जिस तरह से इंसान अपनी सुख सुविधाओं के लिए पृथ्‍वी के साथ इतनी बुरी तरह से खिलवाड़ कर रहा है। वो सही नहीं है। पृथ्‍वी ने हमें जो चीजें मुफ्त में दी हैं वो यकीन्‍न हमारे लिए काफी हैं। ऐसे में जब कभी पृथ्‍वी मानव से अपना बदला लेगी तो इससे मानव जाति का यकीन्‍न भारी नुकसान होने वाला है। जिसे विज्ञान के लिए रोकना तो दूर की बात है। शायद समझ भी ना पाए कि ये क्‍या हो रहा है।

Disclaimer

इस लेख में ‘पृथ्‍वी पर सबसे पहले कौन आया’ से जुड़ी जो जानकारी दी है वो केवल पुरानी मान्‍यताओं और इंटरनेट पर मौजूद जानकारियों के आधार पर दी गई हैं। All In Hindi इनकी किसी भी तरह से पुष्टि नहीं करता है।

नमस्कार दोस्तों, मैं रवि "आल इन हिन्दी" का Founder हूँ. मैं एक Economics Graduate हूँ। कहते है ज्ञान कभी व्यर्थ नहीं जाता कुछ इसी सोच के साथ मै अपना सारा ज्ञान "आल इन हिन्दी" द्वारा आपके साथ बाँट रहा हूँ। और कोशिश कर रहा हूँ कि आपको भी इससे सही और सटीक ज्ञान प्राप्त हो सकें।

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