Facebook group rules in Hindi | फेसबुक ग्रुप रूल्स क्या हैं?

फेसबुक ग्रुप से जुड़े नियम

Facebook group rules in Hindi: फेसबुक का प्रयोग हम में से ज्‍यादातर लोग करते हैं। लेकिन बहुत से लोग फेसबुक पर बहुत से ग्रुपों में भी जुड़े रहते हैं। इसके अलावा कुछ लोग अपना ग्रुप भी चलाते हैं। जिन्‍हें हम लोग आम भाषा में एडमिन कहते हैं। लेकिन ज्‍यादातर लोग केवल मजाक मजाक में फेसबुक ग्रुप बना लेते हैं। जिसमें आगे चलकर कई हजार लोग जुड़ जाते हैं।

ऐेसे में यदि आप भी कोई फेसबुक ग्रुप चलाते हैं। तो आपके लिए जरूरी है कि आपको जानकारी हो कि Facebook group rules in Hindi क्‍या होते हैं। इसे जानना आज के समय हर एडमिन के लिए बेहद जरूरी है। क्‍योंकि यदि आप फेसबुक ग्रुप में किसी तरह के IT Rule का उल्‍लघंन करते हैं तो आपके ऊपर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

Facebook Group क्‍या होता है?

फेसबुक ग्रुप रूल्‍स क्‍या होते हैं। इसके बारे में हम आपको जानकारी दें इससे पहले आइए एक बार हम आपको बताते हैं कि फेसबुक ग्रुप क्‍या होते हैं। दरअसल ये भी ठीक उसी तरह से होते हैं। जैसे आपने Whats app, Telegram के अंदर ग्रुप होते हैं। इसके अंदर भी आप अपने ग्रुप सदस्‍यों के साथ Chat, Photos, Videos आदि शेयर कर सकते हैं। इसमें फर्क ये होता है कि आपके ग्रुप में जुड़ने के लिए किसी को फोन नंबर की जरूरत नहीं पड़ती है। वह केवल फेसबुक चलाता हो।

फेसबुक ग्रुप रूल्स

फेसबुक ग्रुप रूल्‍स क्‍यों बनाए गए?

फेसबुक ग्रुप रूल्‍स को बनाने के पीछे सरकार की देश की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता रही है। क्‍यों‍कि जिस तरह से तेजी से हमारे देश में लोग सोशल मीडिया पर आ रहे हैं। उसे देखकर सरकार को लगा कि सोशल मीडिया पर चलने वाले ग्रुप को नियंत्रित करने के लिए फेसबुक ग्रुप रूल्‍स बनाने की आवश्‍यकता है। जिससे इनके अंदर ऐसी कोई गतिविधि ना चलाई जा सके जो कि देश के लिए हानिकारक हो। हम आपको यहां एक और बात बता दें कि सरकार की तरफ से जो ग्रुप से जुड़े नियम बनाए गए हैं। वो हर तरह के सोशल मीडिया पर लागू होते हैं। साथ ही हर ग्रुप पर लागू होते हैं। चाहे वह छोटा हो या बड़ा।

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फेसबुक ग्रुप रूल्‍स के बारे में

आगे हम आपको फेसबुक ग्रुप रूल्‍स के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। जिसे जानने के बाद आप जिस भी ग्रुप के एडमिन हो उसमें आने वाले संदेशों पर नजर रखें। यदि आपको लगे कि कोई सदस्‍य ग्रुप के नियमों का उल्‍लंघन कर रहा है। तो आप उसे ग्रुप से बाहर कर दें। यदि आपको उसकी कोई हरकत संदिग्‍ध लगे तो आप उसके ऊपर पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज करवा सकते हैं।

अश्‍लील सामग्री ना भेजें

फेसबुक ग्रुप के यदि आप एडमिन (Admin) हैं तो आपके लिए सबसे जरूरी है कि आपके ग्रुप में किसी तरह की कोई अश्‍लील सामग्री का आदान प्रदान ना हो। इसके लिए आप अपने ग्रुप में सदस्‍य जोड़ने से पहले उन्‍हें इस बात से अवगत करवा दें। इसके बाद भी यदि कोई सदस्‍य ग्रुप में इस तरह की सामग्री भेजता है। तो आप उसे ग्रुप से बाहर कर दें। क्‍योंकि यदि आपके ग्रुप से किसी को कोई असुविधा होती है। तो आपके ऊपर वो व्‍यक्ति पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज करवा सकता है।

जातिसूचक बातें ना हों

आप यदि ग्रुप चलाते हैं तो आपके लिए सबसे जरूरी है कि आपके ग्रुप में हर धर्म और जाति का सम्मान हो। ऐसा ना हो कि उस ग्रुप के अंदर सभी सदस्‍य किसी विशेष जाति से जुड़े हों। साथ ही वो किसी विशेष धर्म या जाति के लोगों को भड़काने का काम करते हों। यदि समाज में किसी कारणवंश हिंसा भड़कती है। और उसके अंदर किसी भी तरह से आपके ग्रुप का सदस्‍य भी जिम्‍मेदार मिलता है। तो आप ये बात जान लीजिए कि आपके ऊपर भी पुलिस की शक की सुई अवश्‍य जाएगी। भले ही आपने उस ग्रुप में कुछ ना भेजा हो। पर आप उस ग्रुप के एडमिन होने के नाते उसके जिम्‍मेदार आप ही होंगे।

अफवाह ना फैलने दें

कई बार ऐसा होता है कि किसी शहर या राज्‍य में किसी तरह की कोई गलत घटना घट जाती है। जिसके बाद लोगों के अंदर तनाव आ जाता है। जिसका नतीजा ये होता है कि पुलिस के लिए कानून व्‍यवस्‍था बनाए रखना बेहद चुनौतीपूर्ण काम हो जाता है।

ऐसे समय में अक्‍सर देखा जाता है कि बहुत सी घटनाएं केवल इसलिए घट जाती हैं कि क्‍योंकि किसी असमाजिक तत्‍व ने किसी तरह की गलत अफवाह फैला दी थी। जिसकी सच्‍चाई जबतक पता चलती है तब तक काफी देर हो चुकी होती है। इसलिए बतौर ए‍डमिन आपकी ये जिम्‍मेदारी बनती है कि आप ऐसी कोई अफवाह अपने फेसबुक ग्रुप से ना फैलने दें। साथ ही आपकी जानकारी में यदि ऐसी कोई अफवाह फैल चुकी है तो उसका सच भी अपने ग्रुप के सदस्‍यों तक अवश्‍य साझा करें। ताकि उस अफवाह को फैलने से रोका जा सके।

किसी तरह का गलत लिंक ना साझा करें

आजकल बहुत से ऐसे लिंक आते रहते हैं जिनके अंदर लॉटरी या फ्री रिचार्ज का दावा किया जाता है। जो कि पूरी तरह से फर्जी होते हैं। लेकिन बहुत से लोग अनजाने में उनके ऊपर क्लिक कर देते हैं। जिससे उनके फोन का सारा डाटा हैक कर लिया जाता है। साथ ही कई बार तो उनके बैंक खाते से पैसे तक काट लिए जाते हैं।

इसलिए बतौर ए‍डमिन आपकी जिम्‍मेदारी बनती है कि आप अपने ग्रुप में इस तरह के लिंक ना आने दें। साथ ही यदि कोई भेजता है तो पहले अच्‍छे से उसकी जांच कर लें। यदि वह पूरी तरह से सही है। तभी ग्रुप में आने दें। अन्‍यथा उसे ग्रुप में ना आने दें। क्‍योंकि यदि आपके ग्रुप के लिंक से किसी के साथ धोखा धड़ी होती है तो वो आपके नाम पर रिपोर्ट भी दर्ज करा सकता है।

हथियारों से जुड़ी फोटो ना भेजें

बहुत से लोगों को हथियारों का शौक होता है। ऐसे में वो सोशल मीडिया पर वायरल होने के लिए अपनी तस्‍वीरें हथियारों के साथ पोस्‍ट करते हैं। जिससे उनकी चाहत होती है कि लोग उनके बारे में जानें। लेकिन बतौर एडमिन आपको जानकारी होनी चाहिए कि इस तरह की तस्‍वीरें सोशल मीडिया पर पोस्‍ट करना बेहद गलत है। इससे समाज में केवल हिंसा को बढ़ावा मिलता है। साथ ही यह कानूनी तौर पर अपराध है।

इसलिए यदि आप फेसबुक पर कोई ग्रुप चला रहे हैं तो कोशिश करें कि इस तरह की तस्‍वीर ना तो कभी आप अपनी भेजें। ना ही आपके ग्रुप का कोई सदस्‍य ग्रुप में भेजे। जिससे कि समाज में हिंसा को बढ़ावा मिले। यह एक तरह से कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है।

गोपनीय जानकारी ना साझा करें

फेसबुक ग्रुप में आपको ये ध्‍यान रखना चाहिए कि आप किसी तरह की ऐसी जानकारी जिससे देश की सुरक्षा को किसी तरह से खतरा हो सकता है। ऐसी जानकारी ना तो कभी साझा करें। ना ही किसी अन्‍य  सदस्‍य को साझा करने की इजाजत दें। इसके लिए आपको जानकारी होनी चाहिए कि वो कौन सी जानकारी होती हैं। जिनसे किसी भी देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। ऐसे इलाकों की तस्‍वीरें और उनसे जुड़ी कोई जानकारी अपने ग्रुप में ना आने दें।

अक्‍सर देखा जाता है कि दुश्‍मन देश में बैठे आतंकी इस तरह की जानकारी का इंतजार करते रहते हैं। ऐसे ही आपके ग्रुप में कोई संवेदनशील जानकारी साझा करता है। तो वो तुरंत उसका गलत प्रयोग करते हैं। जिससे हमारे देश की सुरक्षा को खतरा पैदा हो जाता है।

समाचारपत्रों की PDF File ना भेजें

सोशल मीडिया पर बहुत से ग्रुपों के अंदर हर रोज के समाचारपत्रों की PDF फाइल भेजी जाती है। जिससे उनके सदस्‍य सभी समाचारपत्र मुफ्त में पढ़ सकते हैं। लेकिन ऐसा करने से उस कंपनी की बिक्री कम हो जाती है। जिससे कंपनी ऐसे ग्रुप की शिकायत कर सकती है। जिनके अंदर उसके समाचारपत्रों की पीडीएफ वायरल की जाती है। इसलिए आप अपने ग्रुप किसी भी समाचारपत्र की पीडीएफ ना भेजें। अन्‍यथा आपके ऊपर कंपनी कानूनी कार्रवाई कर सकती है।

जानने योग्‍य बातें

  • फेसबुक ग्रुप चलाते समय कोशिश करें कि उसके अंदर ऐसी सेटिंग कर दें। जिससे ग्रुप का हर सदस्‍य संदेश ना भेज पाए। केवल चुनिंदा और भरोसे के लोग ही ग्रुप में जानकारी साझा करें।
  • यदि आपका ग्रुप किसी खास मकसद से बनाया गया है तो कोशिश करें कि आप ग्रुप में केवल उसी चीज से जुड़ी जानकारी ही साझा करें। जिससे ग्रुप के लोग परेशान ना हों।
  • यदि आपके ग्रुप में कई हजार लोग जुड़े हैं तो आप उनकी मदद से समाज में किसी तरह का सकारात्‍मक परिवर्तन भी ला सकते हैं। जिसके लिए आपको हमेशा कोशिश करनी चाहिए।
  • आपके ग्रुप में यदि कुछ सदस्‍यों के पास किसी तरह की कला है तो कोशिश करें कि आप अपने ग्रुप की मदद से उनको एक छोटा सा मंच प्रदान करें। ताकि वो आगे बढ़ सकें।
  • ग्रुप के संचालन के‍ि लिए जरूरी है कि आप उसके अंदर नियमित तौर पर जानकारी साझा करते रहें। अन्‍यथा आपके सभी सदस्‍य ग्रुप छोड़ कर जाने लगेंगे। जिससे आपका ग्रुप बनाने का मकसद पूरा नहीं होगा।
  • यदि आप फेसबुक ग्रुप के नियमों की जानकारी नहीं रखते या आपको पता ही नहीं होता कि ग्रुप में कब कौन क्‍या पोस्‍ट कर रहा है। तो बेहतर होगा या तो ग्रुप को बंद कर दें। या किसी और को दे दें।

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Conclusion

आशा है कि अब आप समझ गए होंगे कि Facebook group rules in Hindi क्‍या होते हैं। इसे जानने के बाद आप कोई फेसबुक ग्रुप आसानी से चला सकते हैं। साथ ही आप उसमें आने वाली जानकारी को भी नियंत्रित कर सकते हैं। ताकि आपके फेसबुक ग्रुप से किसी को किसी तरह का नुकसान ना हो। यदि आपको हमारा ये लेख पसंद आया है तो इसे अपने दोस्‍तों के साथ भी अवश्‍य शेयर करें। साथ ही फेसबुक ग्रुप से जुड़ा आपका कोई सवाल है तो नीचे कमेंट करें।

नमस्कार दोस्तों, मैं रवि "आल इन हिन्दी" का Founder हूँ. मैं एक Economics Graduate हूँ। कहते है ज्ञान कभी व्यर्थ नहीं जाता कुछ इसी सोच के साथ मै अपना सारा ज्ञान "आल इन हिन्दी" द्वारा आपके साथ बाँट रहा हूँ। और कोशिश कर रहा हूँ कि आपको भी इससे सही और सटीक ज्ञान प्राप्त हो सकें।

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