हींग कैसे बनती है? | टॉप 5 हींग के फायदे और नुकसान

हींग कैसे बनती है?

क्या आपके मन में कभी आप ख्याल आया है, कि सब्जियों का स्वाद बढ़ा देने वाली हींग कैसे बनती है? हींग के फायदे और नुकसान क्या है? हींग का उपयोग आयुर्वेद में जड़ी बूटी की तरह होता है। सैकड़ों तरह की बीमारियों में भी हींग काफी कारगर साबित होता है। तो चलिए जानते है कि संजीवनी बूटी के समान हींग कैसे बनती है?

सामान्य तौर पर हींग को देखकर लगता है कि यह किसी खुशबूदार पत्थर को पीसकर बनाया गया होगा! पर यकीन मानिए, हींग पत्थर से तो बिल्कुल भी नहीं बनता है। आपको बता दूं कि, हींग को बनाने का तरीका बेहद रोचक है, तो चलिए आज इस पोस्ट में जानते हैं किहींग कैसे बनती है? और साथ ही जानेंगे के हींग के फायदे और नुकसान क्या है?

हींग कैसे बनती है? | How is asafoetida made?

दरअसल, हींग का पौधा होता है जिसकी लंबाई करीब 1 मीटर होती है। हींग के पौधे का पत्ते और फूल बिल्कुल सरसों के पौधे के तरह होता हैं। कोई अनजान व्यक्ति पहली बार में हींग के पौधे को सरसों का पौधा समझ लेगा।

आपको जानकर हैरानी होगी कि, हींग बनाने के लिए ना उसके फूल का उपयोग होता है, ना उसके फल का उपयोग होता है। हींग के पौधे का जड़ से हींग बनाया जाता है। ऐसा भी नहीं है कि, गाजर, मूली की तरह हमने सीधा हींग के पौधे को उखाड़ा और हमें जड़ो से हींग प्राप्त हो गया।

 

हींग कैसे बनती है?
Image source : विकिपीडिया

दरअसल, हींग पौधे के जड़ों पर हल्का सा काट कर छोड़ दिया जाता है। उसके बाद अंदर से गोंद जैसा चिपचिपा पदार्थ निकलता है। जिसे इकठा करके आगे की प्रोसेस के लिए भेज दिया जाता है। अब इस गोंद जैसे चिपचिपा पदार्थ से हींग बनाने के लिए इसमें चावल का आटा अच्छी तरह से मिलाया जाता है, और धूप में सुखाया जाता है। धूप में अच्छी तरह से सूख जाने के बाद का पाउडर बनाया जाता है, जिससे हमे हींग प्राप्त होता है।

हींग का वैज्ञानिक वर्गीकरण

जगत: Plantae
विभाग: Magnoliophyta
वर्ग: Magnoliopsida
गण: Apiales
कुल: Apiaceae
वंश: Ferula
जाति: F. assafoetida


आपको जानकर बहुत बड़ा झटका लगेगा कि हमारा देश कृषधान होते हुए भी हींग का उत्पादन लगभग ना के बराबर होता है। BBC के एक रिपोर्ट में कहा गया कि “भारत में अधिकांश हींग ईरान इराक, अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान से आता है”।
भारत में हींग कहाँ उगाया जाता है?

पिछले कुछ वर्षों से भारत में भी हींग की खेती छोटे पैमाने पर शुरू हो गई है। वर्तमान समय में भारत में पंजाब, हिमाचल प्रदेश, कश्मीर, लद्दाख कुछ क्षेत्रों में हींग की खेती होती है।

हींग इतना महंगा क्यों होता है?

हींग महंगा क्यों होता है? इसके लिए 2 महत्वपूर्ण कारण है। वह कारण कौन-कौन से है, आइए जानते हैं।

  1. हींग को खेतों में उगाना काफी लंबी प्रक्रिया है। दरअसल, एक बार हींग के बीज को खेत में लगाने के बाद उसके पौधे को तैयार होने में 4 से 5 साल लगता है। एक पौधा से करीब आधा किलो जितना हींग का उत्पादन होता है। यही कारण है कि हींग कितना महंगा होता है।
  2. महंगा होने की दूसरी बड़ी वजह यह है कि भारत में इसकी खेती ना के बराबर है। हमें हींग के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता है। इसीलिए हींग इतना महंगा है।

ये भी पढ़ें: कुट्टू का आटा किससे बनता है?

हींग के फायदे और नुकसान

हर चीज के फायदे और नुकसान होते है। हींग कैसे बनती है? यह जान लेने के बाद चलिए अब जान लेते है कि हींग के फायदे और नुकसान क्या है?

हींग के फायदे और नुकसान

हींग के फायदे | Benefits of Asafoetida

स्वस्थ रहने के लिए हींग का सेवन करना काफी जरूरी है। आयुर्वेद में ढेर सारी बीमारियों को ठीक करने के लिए हींग प्रमुख जड़ी-बूटी है। तो आइए हींग के फायदे क्या-क्या है? इसके ऊपर चर्चा करते हैं।

  • हींग बवासीर के लिए काफी अच्छा माना जाता है। हींग का लेप बवासीर वाली जगह पर लगाने से में आराम मिलता है।
  • कब्ज की समस्या दूर करने के लिए हिंग काफी अच्छा होता है। रात को शरबत या पानी में एक चुटकी हींग मिला कर पीने से कब्ज की समस्या आपको कभी नहीं होती है।
  • अगर शरीर के अंग में कांटा चुभ गया है। उसे निकालने के लिए हींग का घोल लगा दे। दर्द भी कम हो जाएगा और कांटा भी अपने आप निकल जाएगा।
  • पेट दर्द का दर्द दूर करने के लिए ज्वाइन के साथ हींग का सेवन करिए।
  • कान में दर्द होने पर हींग को तिल के तेल के साथ पकाकर कान में डालने से दर्द चला जाता है।
  • निमोनिया के रोगी के लिए भी हींग काफी कारगर होता है। निमोनिया का रोगी अगर हींग का सेवन करता है, तो कफ मात्रा में कम हो जाती है। हींग उसमें anti-bacterial गुण होते हैं, जिससे निमोनिया के लक्षण में आराम मिल जाता है।
  • डायबिटीज के रोगियों के लिए हींग काफी अच्छा माना जाता है। अगर डायबिटीज के रोगी अपने खाने में हींग का सेवन करें, तो उनके ब्लड में शुगर लेवल मेंटेन रहता है।

ये भी पढ़ें: काजू खाने का सही तरीका

हींग के नुकसान

आयुर्वेद के अनुसार किसी भी वस्तु का अति उपयोग करना ही नुकसान कारक होता है। हींग के साथ भी यही बात होती है। लोग स्वाद और सुगंध बढ़ाने के चक्कर में हींग का अंधाधुंध उपयोग शुरू कर देते हैं, जिस्से हींग के नुकसान भी देखने पड़ते हैं। हींग अधिक उपयोग से क्या नुकसान होता है, आइये जानते हैं।

  • हींग के अधिक उपयोग करने से त्वचा में खुजली और जलन की समस्या आने लगती है। कभी-कभी त्वचा में सूजन भी आ जाता है।
  • हींग के अधिक उपयोग से सिर दर्द और चक्कर आना शुरू हो जाता है। हालांकि यह समस्या कुछ घंटों के लिए ही होता है।
  • High blood pressure और low blood pressure के लोगों को हींग का उपयोग काफी नुकसान कारक हो सकता है। हींग खाने के बाद रक्तचाप का बैलेंस बिगड़ जाता है।
  • हींग का पानी अधिक पीने से मुंह में सूजन आ जाता है।

Conclusion

Note: हींग गुण में काफी गर्म होता है। इसके लिए इसका उपयोग केवल चुटकी भर ही करना चाहिए। आशा करता हूँ कि, आपको समझ आ गया होगा कि, हींग कैसे बनती है? और हींग के क्या फायदे और नुकसान है? इस पोस्ट को अंत तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!

नमस्कार दोस्तों, मैं रवि "आल इन हिन्दी" का Founder हूँ. मैं एक Economics Graduate हूँ। कहते है ज्ञान कभी व्यर्थ नहीं जाता कुछ इसी सोच के साथ मै अपना सारा ज्ञान "आल इन हिन्दी" द्वारा आपके साथ बाँट रहा हूँ। और कोशिश कर रहा हूँ कि आपको भी इससे सही और सटीक ज्ञान प्राप्त हो सकें।

Leave a Comment