एक सफल बिजनेसमैन की सोच क्या होनी चाहिए? | How to become a successful businessman in Hindi

बिजनेसमैन की सोच कैसी होनी चाहिए?

How to become a successful businessman in Hindi: हमारे देश में बहुत से लोग हमेशा बिजनेस के बारे में सोचते रहते हैं। उनका ध्‍यान हमेशा इस बात पर रहता है कि वो अपने बिजनेस को कैसे आगे बढ़ा सकते हैं। कैसे अपना मुनाफा पहले से दोगुना कर सकते हैं। यदि आप भी एक बिजनेसमैन हैं या बनना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को अंत तक पढि़ए।

अपने इस लेख में हम आपको जानकारी देंगे कि एक बिजनेसमैन की सोच क्‍या होनी चाहिए। उसे अपने बिजनेस को लेकर किस तरह के ख्‍याल लाने चाहिए। जिससे उसका बिजनेस आगे बढ़ सके। तो चलिए आइए जानते हैं कि How to become a successful businessman in Hindi

‘बिजनेसमैन’ कौन होता है?

How to become a successful businessman in Hindi के बारे में हम आपको जानकारी दें इससे पहले आइए एक बार हम आपको जानकारी दें कि बिजनेसमैन कौन होता है। इसे आम भाषा में हम इस तरह से समझ सकते हैं कि एक बिजनेसमैन वो होता है। जो कि नौकरी करने की बजाय खुद को नौकरी देने वाला बनाने पर काम करता है। हर वो इंसान जो लोगों को रोजगार देने का काम कर रहा है। साथ ही अपनी किसी तरह की लोगों को सेवाएं प्रदान कर रहा है। वो बिजनेसमैन कहलाता है। जिससे उसे काफी मुनाफा होता है।

बिजनेसमैन की सोच

बिजनेसमैन की सोच कैसी हो?

आइए अब हम आपको बताते हैं कि एक बिजनेसमैन की सोच कैसी होनी चाहिए। इसे हम कई बिंदु में विभाजित करके आपको बता रहे हैं। इसे जानने के बाद आप भी अपने विचारों में परिवर्तन लाकर एक सफल बिजनेसमैन बन सकते हैं। जो कि बेहद आसान काम है।

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हमेशा सकारात्‍मक रहें

कोई भी इंसान अपने जीवन में तभी सफल हो सकता है जब वो अपने अंदर सकारात्मक विचारों को अपनाएगा। यदि वो नकारात्‍मक विचारों से घिरा रहेगा तो संभव ही नहीं है कि वो आगे बढ़ सके। इसलिए एक बिजनेसमैन को हमेशा चाहिए कि वो अपने अंदर सकारात्‍मक विचार ही आने दे। चाहे वो अकेले में हो या अपने कर्मचारियों के साथ बातचीत कर रहा हो। बात हमेशा सकारात्‍मक ही होनी चाहिए।

हमेशा Solution Oriented बनें

एक बिजनेसमैन के लिए जरूरी है कि वो समस्‍या को कभी भी अपने ऊपर हावी ना होने दे। जिससे उसे लगने लगे कि उसके लिए ये काम बेहद कठिन है। ऐसे में एक बिजनेसमैन के लिए चाहिए कि वो हमेशा जब भी उसके बिजनेस में किसी तरह का उतार चढ़ाव आए तो वो उससे परेशान होने की बजाय इस बात पर विचार करे कि कैसे इसका हल निकाला जा सकता है। यदि कोई भी बिजनेसमैन इस तरह की चीजों पर विचार करता है तो हम यकीन के साथ कह सकते हैं कि वो कभी भी अपने बिजनेस में धोखा नहीं खाएगा। क्‍यों‍कि जब भी उसके सामने समस्‍या आएगी तो हमेशा उसके समाधान की तरफ बढ़ने की कोशिश करेगा।

दूसरों से ‘जलें’ नहीं

बहुत से बिजनेसमैन ऐसे होते हैं जो कि हमेशा अपने प्रतियोगियों से जलने का काम करते हैं। हमेशा उसे गिराने की कोशिश करते रहते हैं। लेकिन एक बिजनेसमैन की सोच ये कभी नहीं होनी चाहिए। क्‍योंकि एक बिजनेसमैन तो हमेशा सीखता चलता है। फिर भले ही वो उसके किसी दोस्‍त से सीखने की बात हो या अपने किसी प्रतियोगी से।

दोनों ही तरह से वो जहां से भी सीखता है तो उसके लिए आगे के रास्‍ते बेहद आसान ही होते चले जाएंगे। जिसके बाद एक दिन वो पाएगा कि उसका काम अब दूसरे लोगों से कहीं आगे निकल चुका है। जिन्‍हें पहले वो खुद से आगे देखता था, अब वही लोग उससे सीखने का काम कर रहे हैं। इसलिए एक बिजनेसमैन को दूसरों से जलने की बजाय सीखने की कोशिश करनी चाहिए।

अपने अंदर घंमड ना लाएं

एक बिजनेसमैन को अपने अंदर कभी भी घंमड नहीं लाना चाहिए। भले ही आज उसका बिजनेस पूरे शहर या राज्‍य में सबसे आगे क्‍यों ना निकल गया हो। घंमड का सीधा सा मतलब इंसान के पतन की शुरूआत होता है। इसलिए चाहे कोई बिजनेसमैन हो या आम इंसान उसे घंमड से हमेशा दूर रहना चाहिए।

आप हमेशा अपने कर्मचारियों के मन ही बात समझें। साथ ही आपके जो ग्राहक हैं उनके साथ सीधा संवाद स्‍थापित करें। इससे आपको जमीनी हकीकत और आपके उत्‍पाद के बारे में आमजन मानस क्‍या सोचता है। इसकी जानकारी भी मिलेगी। क्‍योंकि बहुत सी ऐसी कंपनियां रही हैं जो कि ग्राहक की जरूरत को ना समझ पाने के कारण सीधा जमीन पर आ गिरी हैं। उदाहरण के तौर पर हम मोबाइल की कंपनी नोकिया (Nokia) को भी ले सकते हैं। जिसका जादू किस तरह से फीका होता चला गया। हम सभी जानते हैं।

हमेशा सीखने की कोशिश करें

एक बिजनेसमैन की सोच हमेशा सीखने वाली होनी चाहिए। कहने का मतलब ये है कि यदि आपको बिजनेस करते हुए कई दशक का समय भी बीत चुका है तो इस बात का अपने अंदर अहंकार ना लेकर आएं कि आप तो अब सबकुछ जानते हैं। आपको उस दौरान भी जहां से कुछ सीखने को मिले उसे सीख लेना चाहिए। क्‍योंकि ज्ञान कभी बेकार नहीं जाता है।

ज्ञान कब काम आ जाए इस बारे में कोई नहीं जानता है। इसलिए यदि आप बतौर बिजनेसमैन खुद को एक अच्‍छी स्‍थिति में देखना चाहते हैं तो आपके लिए जरूरी है कि आप हर दिन कुछ ना सीखें। आपके अंदर कुछ ना कुछ नया सीखने की ललक बनी रहनी चाहिए। जिससे हर दिन आपका पिछले से बेहतर हो।

लोगों से मिलनसार हों

एक बिजनेसमैन की सोच लोगों से मिलनसार किस्‍म की होनी चाहिए। उसे अकेले बैठने की बजाय लोगों से मिलते जुलते रहना चाहिए। कभी वो अपने कर्मचारियों से मिले, कभी अपने डीलरों से तो कभी अपने ग्राहकों से। चाहे वो छोटे स्तर के लोग हों या बड़े स्‍तर के, सभी को समान इज्‍जत भी देनी चाहिए। ऐेसा करने से वो हर किसी के मन की बात को जानकर अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने की सही रणनीति बना सकता है। जिससे उसका बिजनेस आने वाले समय में काफी ज्‍यादा आगे जा सकता है।

समय के साथ बदलाव में यकीन रखें

एक बिजनेसमैन की सोच हमेशा समय के साथ बदलते रहने की होनी चाहिए। क्‍योंकि जो समय के साथ नहीं बदलता है वो एक दिन खत्‍म हो जाता है। इसलिए आप बिजनेस के कितने भी बड़े खिलाड़ी क्‍यों ना हो, आपको भी समय के हिसाब से अपनी रणनीति बदलनी पड़ती है।

यदि आपने एक जिद्द पकड़ ली है तो समझिए कि आप वहीं के वहीं रूके रह जाएंगे। जबकि आपके विरोधी लोग आपसे आगे निकल जाएंगे। उदाहरण के तौर पर एक जमाने में प्रचार का काम केवल ऑफलाइन (Offline) ही होता था। तब इंटरनेट की किसी ने कल्‍पना भी नहीं की थी। परंतु आज इंटरनेट के आ जाने से कोई भी ऐसा बिजनेस नहीं है। जिसका बिना इंटरनेट पर प्रचार किए उसे आगे बढ़ाया जा सके। बस यही समय के साथ बदलाव है।

आलोचना सुनने का धैर्य रखें

हम में से ज्‍यादातर लोग अपने या अपने काम के बारे में केवल अच्‍छी बातें ही सुनना पसंद करते हैं। यदि कोई हमारी आलोचना कर देता है तो हमें बेहद खराब लगता है। लेकिन एक बिजनेसमैन को ऐसा नहीं होना चाहिए। उसे सराहना से ज्‍यादा आलोचना सुनना पसंद करना चाहिए।

क्‍योंकि आलोचना से वो सच से वाकिफ तो होगा ही। साथ ही आलोचना से वो जान सकेगा कि उसके काम में कमी कहां रह गई है। जब हर कोई उसकी तारीफ ही करता है। तो उसे सीधा नुकसान होने पर ही अपनी गलती का अहसास होगा। इसलिए यदि आपके अंदर आलोचना सुनने का धैर्य नहीं है तो आप इसे अपने अंदर जल्‍दी से जल्‍दी विकसित कर लें। आपको आगे ले जाने में आलोचना की सबसे बड़ी भूमिका रहने वाली है।

हमेशा दूर का सोचने वाला हो

एक बिजनेसमैन को हमेशा दूर का सोचना चाहिए। जैसे कि यदि उसका जो काम है और वो उसके अंदर किसी तरह का परिवर्तन करना चाहता है। तो उसे चाहिए कि वो ये ना सोचे कि इस परिवर्तन से उसे कुछ महीने तक नुकसान ही उठाना पड़ेगा। उसे चाहिए कि वो आने वाले कई दशकों के बारे में विचार करे। यदि उसे आगे चलकर फायदा होता दिखाई देता है तो उसे उस विचार पर काम करना चाहिए।

बिना दूरगामी सोच के कभी भी एक बिजनेसमैन अपने बिजनेस को बहुत आगे तक नहीं ले जा सकता है। उसका हर फैसला केवल कुछ समय तक प्रभावी रहेगा। जबकि आगे चलकर उसे समझ आएगा कि इसे तो फिर से बदलना पड़ेगा। क्‍योंकि उस दौरान लंबे समय को ध्‍यान में रखकर ये फैसला लिया ही नहीं गया था। इसलिए एक बिजनेसमैन को हमेशा दूरगामी ही सोचना चाहिए।

असफलता से सीखते रहें

अपने जीवन में गलती हर इंसान करता है। लेकिन आगे वही बढ़ता है जो कि अपनी ग‍लतियों से सीखता रहता है। इसलिए एक बिजनेसमैन की सोच भी यही होनी चाहिए। उसे हमेशा हर काम में अपनी पुरानी गलतियों से सीखना चाहिए। साथ ही कोशिश करनी चाहिए कि वो दोबारा से वही गलती ना करे।

यदि वो ऐसा करता है। तो आगे चलकर निश्चित ही एक दिन पाएगा कि अपने जीवन की गलतियों से वो लगातार सीखता गया और एक दिन सफलता उसके आगे खड़ी मिलेगी। क्‍योंकि जो अपने जीवन में सुधार नहीं करता है वो कभी आगे नहीं बढ़ता है।

सभी को साथ लेकर चलने की सोच रखें

एक बिजनेसमैन केवल अकेला नहीं होता है। उसके साथ एक टीम भी काम कर रही होती है। जिसमें महिला, पुरूष, लड़का लड़की इसके अलावा सभी धर्म के लोग शामिल होते हैं। इसलिए एक बिजनेसमैन को चाहिए कि वो हमेशा सभी को साथ लेकर चले। यदि उसकी टीम में किसी तरह का विवाद हो जाए तो अपनी सूझबूझ से सुलझा दे।

इसका लाभ हमेशा उसे अपने बिजनेस में देखने को मिलेगा। क्‍योंकि जब किसी भी आदमी के साथ कोई विवाद नहीं होगा। उसकी समस्‍या का समाधान हो जाएगा तो वो दिनभर पूरी मेहनत से काम करेगा। जिससे बिजनेसमैन को काफी फायदा होगा।

हमेशा जोश से भरे रहें

एक बिजनेसमैन को हमेशा जोश से भरा होना चाहिए। भले ही उसके साथ कितनी भी परेशानियां चल रही हों। पर कभी उसके चेहरे पर निराशा के भाव नहीं दिखने चाहिए। क्‍योंकि उसको निराश देखकर उसकी पूरी टीम का उत्‍साह कम हो जाता है। इसलिए उसे इस बात को अपने अंदर गांठ बांध लेनी चाहिए कि चाहे जो हो जाए उसके उत्‍साह में कमी नहीं आएगी। उसके विचार हमेशा सकारात्‍मक और उत्‍साह सबसे अधिक रहेगा।

ग्राहक को भगवान मानें

बिजनेसमैन का काम किसी एक आदमी से मिलकर नहीं चलता है। उसके लिए तो ग्राहक ही सबकुछ होते हैं। जो कि उसका सामान खरीदते हैं और प्रयोग करते हैं। वो चाहे किसी भी शहर या कस्‍बे से हों। इसलिए एक बिजनेसमैन की सोच में वो ग्राहक हमेशा सबसे ऊपर होना चाहिए। भले ही वह उसका 100 रूपए का सामान खरीदे या 1 लाख रूपए का सामान खरीदे।

बिजनेसमैन को हमेशा अपने ग्राहक या डीलर की भगवान के समान इज्‍जत करनी चाहिए। क्‍योंकि यदि उसे आगे ले जाने में किसी भी इंसान की सबसे बड़ी भूमिका रही है, तो अंतत: उसके ग्राहक की रही है। जो कि उसकी कंपनी या दुकान का सामान खरीदता है।

जल्‍दी फैसले लेने वाला बनें

एक बिजनेसमैन की सोच हमेशा जल्‍दी फैसला लेने वाली होनी चाहिए। ऐसा ना हो कि किसी काम को करने और सोचने में कई महीने का समय गंवा दिया जाता हो। क्‍योंकि जब एक बार सही समय निकल जाएगा तो बिजनेसमैन को सिर्फ नुकसान ही उठाना पड़ेगा। इसलिए एक सफल बिजनेसमैन की यही पहचान होती है कि वो हमेशा सही समय पर और सही फैसला लेता है। जिससे आगे चलकर उसे फायदा देखने को मिलता है।

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Conclusion

आशा है कि अब आप समझ गए होंगे कि How to become a successful businessman in Hindi कैसे बन सकते हैं। इसे पढ़कर आपको लगा होगा कि एक बिजनेसमैन की सोच बहुत खुली होनी चाहिए। जो कि हमेशा सबको साथ लेकर चलने में यकीन रखे। यदि आपको हमारा ये लेख पसंद आया है तो आप इसे अपने दोस्‍तों के साथ अवश्‍य शेयर करें। साथ इससे जुड़ा आपका कोई सवाल या सुझाव है तो नीचे कमेंट करें।

नमस्कार दोस्तों, मैं रवि "आल इन हिन्दी" का Founder हूँ. मैं एक Economics Graduate हूँ। कहते है ज्ञान कभी व्यर्थ नहीं जाता कुछ इसी सोच के साथ मै अपना सारा ज्ञान "आल इन हिन्दी" द्वारा आपके साथ बाँट रहा हूँ। और कोशिश कर रहा हूँ कि आपको भी इससे सही और सटीक ज्ञान प्राप्त हो सकें।

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