बिंब क्‍या है, कविता में बिंब का क्या कार्य है?

कविता में बिंब का क्या कार्य है?

Bimb kya hai; कविता और कहानी लिखने वालों के लिए बिंब एक बेहद ही महत्‍वपूर्ण चीज होती है। जिसका प्रयोग हमेशा और हर कविता या कहानी में लिखते समय लेखक को में ध्‍यान रखना होता है। कोई भी लेखक बिना बिंब के अपने पाठक को कभी अपने लेखन से नहीं जोड़ सकता है। ऐसे में यदि आप अभी तक नहीं जानते हैं कि बिंब क्‍या है। कविता में बिंब का क्या कार्य है? तो हमारे इस लेख को अंत तक पढिए। अपने इस लेख में हम आपको बताएंगे कि kavita mein bimb ka kya karya hai

बिंब क्‍या है? | Bimb kya hai

बिंब का समान्‍य तौर पर अर्थ होता है किसी चीज की तस्‍वीर या अंग्रेजी में इसे Image भी कहा जाता है। इसका काम होता है कि जब कोई पाठक किसी कहानी को या कविता को पढ़ रहा हो तो उसके मन और मस्तिष्‍‍क में कुछ तरह की तस्‍वीर बन जाए जिससे वो समझ सके कि लेखक अपने शब्‍दों के माध्‍यम से इस कहानी या कविता में क्‍या बताना चाहता है।

यदि किसी भी पाठक के दिमाग में उस कहानी के प्रति एक तस्‍वीर उभर कर आती है। तो कहा जा सकता है किे लेखक का लिखना पूरी तरह से सफल हो गया। लेकिन यहां एक बात और समझने वाली है कि पाठक के दिमाग में वैसी ही तस्‍वीर उभर कर आनी चाहिए। जो कि लेखक अपनी कहानी या कविता के माध्‍यम से बताना चाहता है। जैसे कि लेखक तो सकारात्‍मक बात कहना चाहता हो। परन्‍तु पाठक के दिमाग में काई नकारात्‍मक छवि उभर कर सामने आ जाए। तो बिंब गलत बन जाएगा।

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बिंब का उदाहरण

बिंब क्या है इसे समझाने के लिए हम आगे आपको एक कहानी बताने जा रहे हैं जिसे सबसे पहले आप पढि़ए। इसके बाद हम आपको इस कहानी के माध्‍यम से समझाएंगे कि इसके अंदर बिंब का प्रयोग किस तरह से किया गया था।

एक बार एक घनी काली रात में एक गरीब बूढ़ा आदमी सड़क पर जा रहा था। गरीबी का आलम ये था कि पहले वो सारा दिन मजदूरी का काम करता था। फिर रात में बाजार से होते हुए अपने घर खाने पीने का सामान लेकर जाता था। ताकि उसके बच्‍चे भूखे ना सोएं। उस दिन भी उसने सबसे पहले बाजार से खाने पीने का राशन खरीदा। फिर अपने घर की तरफ पैदल चल दिया। सफर लंबा होने के चलते रास्‍ते में ही अंधेरा हो गया।

पर शायद उस दिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। रास्‍ते में जब वो एक पुल से गुजर रहा होता है तो उसे कुछ नौजवान लड़के मिलते हैं। वो उसका रास्‍ता रोकते हुए उसे धमका कर कहते हैं कि सारा राशन और जेब में जो भी पैसे हैं।

सबकुछ हमारे हवाले कर दो। वरना ये रात तुम्‍हारी आखिरी रात साबित होगी। बुर्जुग इंसान उनके सामने लाख मिन्‍नतें करता है, हाथ जोड़ता है। परन्‍तु वो उसकी एक नहीं सुनते और उसका सारा सामान और पैसा उससे छीन लेते हैं। तभी वहां एक पुलिस की गाड़ी आती दिखाई देती है। जिसे देखते ही सभी बदमाश बजुर्ग को उसका सारा सामान देते हुए माफी मांगते हैं और वहां से उसी समय भाग जाते हैं। साथ ही बुजुर्ग से कुछ ना बताने की बात कहते हैं।

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इस कहानी में बिंब का प्रयोग कैसे हुआ

आइए अब हम आपको समझाते हैं कि ऊपर दी गई कहानी में बिंब का प्रयेाग कैसे किया गया। इसमें हमने सबसे पहले आपको एक गरीब बुजुर्ग की बात बताई। फिर घनी काली रात की बात बताई। संभव है आपने अपने दिमाग में उस बुर्जुग की कल्‍पना भी कर ली हो, हो सकता है आपने उसके कपड़ें भी सोच लिए हों और घनी काली रात भी। इसके बाद उन बदमाशों की भी अपने दिमाग में छवि बना ली हो।

अंत में आपने सोच लिया हो कि कैसे उस बुजुर्ग के साथ जबरदस्‍ती सामान छीना गया हो। इसके बाद आपने अपने दिमाग में पुलिस की गाड़ी का रंग भी निधार्रित कर लिया हो। जिसके बाद आप खुश हो गए हों। सोचिए कि हमने ना तो आपको कोई विडियो दिखाई या नही फोटो पर आपके दिमाग में खुद ही तस्‍वीर उभर कर सामने आ गई। बस यही इस कहानी में ‘बिंब’ था। इस तरह से आप किसी कविता में भी बिंब तलाश सकते हैं।

बिंब का कार्य क्‍या होता है?

आइए अब आपको हम बताते हैं कि बिंब का कार्य क्‍या होता है। बिंब का काम किसी भी कहानी या कविता को जीवंत बनाना होता है। जिसकी मदद से पाठक कहीं भी बैठा हो। पर वो इस माहौल में चला जाए मानो वो सबकुछ अपने सामने होता देख रहा हो। कहा जाता है कि बिंब जितना अच्‍छा बनेगा एक लेखक उतना ही अपने काम में सफल होगा। साथ ही कोई पाठक भले ही कोई कविता या कहानी बाद में भूल जाए। पर उस दौरान उसके दिमाग में जो बिंब बनकर आएगा। उसे वो कई साल या दशक तक भी नहीं भूल पाता है।

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बिंब से जुड़ीं कुछ जरूरी बातें

  • किसी भी लेखक को यदि अपने पाठक के दिमाग में बिंब बनाना है तो जरूरी है उसके पास शब्‍दों का बेहतरीन ज्ञान हो साथ ही उसे उनका प्रयोग करना आता हो।
  • बिंब बनाने के लिए जरूरी है कि उस कहानी या कविता के प्रति पहले लेखक खुद स्‍पष्‍ट हो कि वह कहना क्‍या चाहता है।
  • एक अच्‍छा बिंब बनाने के लिए जरूरी है कि बातों को क्रमवार और तारम्‍यता के साथ रखा गया हो। जिससे पाठक उसे पढ़ता ही जाए।
  • बिंब का मूल्‍यांकन लेखक को चाहिए वो पाठक के ऊपर छोड़ दे। ना कि खुद ही तय करता रहे कि इस कहानी या कविता में कितना अच्‍छा बिंब बनेगा।
  • अपने लेखन से बिंब बनाना साहित्‍य की एक कला है। इसलिए इसे हर लेखक ना तो कर सकता है, ना ही आसानी से सीख सकता है।

Conclusion

आशा है आप समझ गए होंगे कि Bimb kya hai, kavita mein bimb ka kya karya hai यदि आप समझ गए हैं कि बिंब क्या है। कविता में बिंब का क्या कार्य है? तो हमारी इस पोस्‍ट को अपने दोस्‍तों तक भी अवश्‍य शेयर करें। साथ ही यदि आपका कोई सुझाव या सवाल है तो नीचे कमेंट करें।

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