लैंडमार्क – Landmark ka matlab kya hota hai?

Landmark ka matlab क्‍या होता है?

Landmark ka matlab: Landmark का जिक्र आपने कई बार सुना हागा। इसका प्रयोग अक्‍सर तब होता है, जब हम अपने घर या दुकान का किसी को रास्‍ता बताते हैं या कोई ऑनलाइन सामान आर्डर करते हैं। इसकी मदद से कोई भी इंसान हमारे बताए गए पते पर आसानी से पहुंच जाता है और आपको सामान दे सकता है।

लेकिन यदि आप अभी तक नहीं जानते हैं कि लैंडमार्क क्या होता है या Landmark kya hota hai, साथ ही इसे पते के साथ क्‍यों बताना जरूरी होता है? तो हमारे इस Article को अंत तक पढि़ए। अपने इस Article में हम आपको बताएंगे कि लैंडमार्क क्या होता है।

Landmark ka matlab | लैंडमार्क क्या होता है

Landmark का प्रयोग Address बताने के लिए होता है। इसका प्रयोग हम तब करते हैं। जब हमारे घर या दुकान पर कोई इंसान बहुत दूर से आ रहा हो और उसे हमारे शहर के बारे में जरा भी अंदाजा ना हो। ऐसे में उसे हम अपने घर का पता बताने के साथ ही Landmark के तौर पर अपने घर के आसपास किसी ऐसी चीज का नाम बता देते हैं। जो कि वहां काफी मशहूर होती है।

जिससे वहां पर हर कोई जानता है। इससे वो सीधा आपके घर का पता ना पूछकर पहले लोगों से आपके बताए Landmark के बारे में पूछता है। फिर जब Landmark पर पहुंच जाता है, तो लोगों से आपके घर का मकान नंबर और नाम पूछता है। जिससे वो बिना किसी समस्‍या के आपके घर तक पहुंच जाता है।

लेकिन यहां ध्‍यान देने वाली ये बात‍ है कि जब भी हम किसी जगह अपने घर का Address लिखते हैं, तो Landmark मकान नंबर और कालोनी के नाम के हमेशा बाद ही लिखा जाता है। भले ही आपका Landmark कितना भी मशहूर क्यों ना हो। इसलिए इसे हमेशा बाद में ही लिखें।

Landmark kya hota hai

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किन चीजों को Landmark के तौर पर हम दे सकते हैं?

अभी आपने जाना कि Landmark kya hota hai, चलिए अब इसे कुछ विस्तार पूर्वक जानते है कि किन चीजों को Landmark के तौर पर रखा जा सकता है।

Landmark की कोई निश्चित परिभाषा नहीं है कि केवल इन्‍हीं चीजों का Landmark दिया जा सकता है। ये बात इस बात पर निर्भर करती है कि आपके घर या दुकान के आसपास कौन सी मशहूर चीज है। आप उसी को Landmark के तौर पर अपने पते में दे सकते हैं।

लेकिन फिर भी देखा जाए तो आमतौर पर लोग सबसे ज्‍यादा Landmark के तौर पर घर के आसपास मौजूद किसी मंदिर, पार्क, अस्‍पताल या चौक चौराहा देते ही हैं। जिससे सामने वाला इंसान आसानी से वहां पहुंच जाए। जबकि गांव में ‘पाना’ चौपाल या घर के वरिष्‍ठ सदस्‍य का नाम प्रयोग होता है। जिससे घर ढूंढने में आसानी रहती है।

Landmark देने के फायदे

  • Landmark देने से आपका परिचित या आपका सामान आसानी से आपके घर या दुकान तक पहुंच जाता है। जिससे आपका समय खराब होने से और आप परेशानी से बच जाते हैं।
  • इससे आने वाले को परेशानी भी कम होती है और उसे बार बार रास्ता भी नहीं पूछना पड़ता है। जिससे उसका ईंधन और समय बचता है।
  • यदि आप कई लोगों को एक साथ बुला रहे हैं तो Landmark से सभी लोग एक साथ आसानी से मिल जाते हैं। इसके बाद आप सभी को एक साथ अपने घर पर ला सकते हैं।
  • Landmark देने के बाद यदि आने वाले का आप फोन ना भी उठा पाए तो भी आसानी से आपके घर तक पहुंच जाता है। अन्‍यथा वो शायद वापिस भी जा सकता है।

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Landmark देते समय ध्‍यान रखने योग्य बातें

  • Landmark देते समय हमें इस बात को जरूर देख लेना चाहिए कि कहीं उसी नाम से वहां दो चीजें तो नहीं मौजूद हैं। जैसे एक ही नाम से यदि दो पार्क होंगे तो संभव है कि आपका जानकार दूसरे पार्क पर पहुंच जाए। इससे बचने के लिए Landmark में हमेशा स्‍पष्‍ट कर देना चाहिए कि आप कौन से पार्क का प्रयोग कर रहे हैं।
  • Landmark हमेशा अपने घर के सबसे करीब का देना चाहिए। भले ही आपके घर से एक किलोमीटर दूर पर सीएम आवास ही क्‍यों ना हो। लेकिन दूर होने के चलते वो आपके किसी काम का नहीं है।
  • यदि आपकी जान पहचान आसपास के किसी शैरूम या दूकान आदि पर है, तो आप उसका Landmark ही हमेशा दें। साथ ही अपने परिचित से कह दें कि वो इस Landmark से आपका पता पूछ लेगा तो संबधित व्‍यक्ति आपको मेरे घर की पूरी जानकारी दे देगा।
  • एक सही Landmark की दूरी आपके घर से इतनी होनी चाहिए कि यदि आपका व्‍यक्ति आपके बताएं बिना Landmark पर आ जाता है और आपके वहां बुलाता है। तो आप दस मिनट में उसके पास पहुंच जाएं।
  • आज Digital युग है। लिहाजा आपको चाहिए कि आप जब सामने वाले को Landmark बताएं तो उसी समय अपने फोन से उसे उसकी Google Location भी भेज दें। इससे वो बिना किसी से पूछे सीधा आपके बताए Landmark तक पहुंच सकता है।

क्‍या Landmark देना नुकसानदेह भी हो सकता है?

नहीं, Landmark आप किसी भी जगह का और कितनी भी बार दे सकते हैं। भले ही आप जो Landmark दे रहे हैं उस जगह या उसका म‍ालिक आपको बिल्‍कुल ना जानता हो। साथ ही Landmark आप किसी भी सरकारी काम में या निजी काम में भी आसाानी से प्रयेाग कर सकते हो।
इससे आपको किसी तरह की समस्‍या नहीं आने वाली है। बाल्कि इससे आने वाले को काफी आसानी हो जाती है। लेकिन आप हमेशा ध्‍यान रखें कि जब भी आप Landmark दें। उसमें केवल उस जगह का नाम लिखें। उसके मालिक का नाम या उसका कोई फोन नंबर आदि ना लिखें। भले ही उसकी ये सब जानकारी आपके पास मौजूद क्‍यों ना हो।

Landmark कब नहीं देना चाहिए?

ऐसा नहीं है कि हमें हमेशा Landmark देना जरूरी होता है। इसके लिए भी कुछ चीजें जरूरी होती है। जैसे कि आप अपनी डाक या सामान किसी ऐसी जगह पर मंगा रहे हैं जिसे वहां पहले से ही सब लोग जानते हैं। तो इस समय आपको Landmark देने की बिल्‍कुल जरूरत नहीं होती है। ऐसे समय में आप सिर्फ अपनी जगह का नाम लिख दीजिए।
इसके अलावा जिस इंसान को आपके बताए पते पर आना है। यदि वो पहले भी कई बार उस पते पर आ चुका है, तो भी आपको कोई Landmark देना जरूरी नहीं है। आप इस दौरान भी सीधा अपने घर का पता दे सकते हैं। साथ ही Landmark का प्रयोग तब ही करें जब आगे से कोई इंसान या दस्‍तावेज आदि आने वाला हो। इसके अलावा आप सिर्फ आने घर का पता ही दें। जैसे की आप अपने बच्‍चे का नाम स्‍कूल में लिखवाने जा रहे हैं, तो वहां Address के साथ Landmark ना दें।

आज आपने क्या सीखा

आज आपने जाना किLandmark kya hota hai? साथ ही Landmark का क्‍या महत्‍व होता है और इसे क्‍यों दिया जाता है। आशा है कि अब आप Landmark का महत्‍व समझ गए होंगे। अगर आपको हमारी ये जानकारी पसंद आयी है तो आप इसे अपने दोस्‍तों के साथ भी शेयर अवश्‍य करें।

नमस्कार दोस्तों, मैं रवि "आल इन हिन्दी" का Founder हूँ. मैं एक Economics Graduate हूँ। कहते है ज्ञान कभी व्यर्थ नहीं जाता कुछ इसी सोच के साथ मै अपना सारा ज्ञान "आल इन हिन्दी" द्वारा आपके साथ बाँट रहा हूँ। और कोशिश कर रहा हूँ कि आपको भी इससे सही और सटीक ज्ञान प्राप्त हो सकें।

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