नारी सशक्तिकरण पर स्लोगन | TOP 20 mahila sashaktikaran slogan in hindi

नारी सशक्तिकरण पर स्लोगन

नमस्‍कार दोंस्‍तों, आज हम आपको अपने इस लेख में महिला सशक्तिकरण पर आपको नारी सशक्तिकरण पर स्लोगन  (Slogan) बताने जा रहें हैं। साथ ही उनका क्‍या मतलब क्‍या होता है ये भी बताने जा रहे हैं। जिससे आप इन स्‍लोगन का किसी भाषण के दौरान या पोस्‍टर आदि पर लिखने के काम में इसका प्रयोग कर सकते हैं। साथ ही कुछ संस्कृत श्लोक भी बताने जा रहे हैं, जिनके अर्थ भी हम आपको साधारण शब्दों में बताने जा रहे हैं। तो चलिए शुरू करते है।

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Mahila Sashaktikaran Slogan in Hindi 1 to 5

हैं इनमें ताकत सारी फिर क्यों कहे अबला बेचारी।

इस नारी सशक्तिकरण पर स्लोगन में बताया गया है कि आज महिला केवल अकेली नही है, उसके साथ आज पूरा समाज खड़ा है। उसे इस समाज में किसी भी तरह से कमजोर ना समझा जाए। इसलिए आज उनका हक है कि वो भी पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलें। साथ ही उनके पास भी वो सभी ताकतें मौजूद है जो पुरूषों के अंदर है।

नर नारी का भेद मिटाएगें, समरसता का विश्व बसाएगें, इस नये सफर में समाज नारी के संग ही बढ़ पाएगा।

इस स्लोगन में बताया गया है कि समाज में महिला और पुरूष के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। आज दुनिया में उन्‍हें भी बराबरी का हक है। साथ ही बताया गया है कि नए विश्‍व में महिलाओं को साथ लेकर ही आगे बढ़ना चाहिए। बिना महिला के कभी भी दुनिया को बहुत आगे तक नहीं ले जाया जा सकता। इसलिए महिला का साथ हमें हमेशा लेना चाहिए।

नारी को दे शिक्षा का सवेरा, तभी होगा उनका सारे जीवन में उजियारा।

शिक्षा का महत्व आज किसी से भी छिपा नहीं है। चाहे पुरूष हो या महिला सभी के जीवन में शिक्षा का बहुत बड़ा योगदान है। इसलिए हमें चाहिए कि महिलाओं को भी उचित शिक्षा दी जाए। शिक्षा के बिना हम उनके विकास की कल्पना नहीं कर सकते। इसलिए महिलाओं को शिक्षा देना आज हम सभी का कर्तव्य है।

नारी के जीवन को न समझो बेकार असल में समाज का यही है आधार।

बहुत से लोग महिलाओं का समाज में योगदान समझ नहीं पाते। ऐसे में जरूरी है कि सबसे पहले हम उनके योगदान को समझें। इसके बाद उनके योगदान को सराहें। यदि हम उनके योगदान को महसूस नहीं कर पा रहे हैं, तो ये हमारी सबसे बड़ी भूल होगी। इसलिए हमें उनके योगदान को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए।

नारी शक्ति से ही बनेगा मजबूत समाज।

इस Mahila Sashaktikaran Slogan कहता है कि समाज को मजबूत और बेहतर करने की बातें तो हम सभी करते हैं। लेकिन हम कभी महिला की बात नहीं करते। लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि महिला और पुरूष समाज के दो पहिए हैं। इन दोनों पहियों के बिना किसी भी समाज को मजबूत नहीं बनाया जा सकता। इसलिए जब भी समाज को मजबूत करने की बात हो तो महिला की बात जरूर होनी चाहिए।

Mahila Sashaktikaran Slogan in Hindi 6 to 10

जब होगा स्त्री का हर घर सम्मान, तभी बनेगा हमारा भारत महान।

इस Mahila Sashaktikaran Slogan के अनुसार हमारे देश में बहुत से घर ऐसे हैं जिनमें महिलाओं का सम्मान नहीं किया जाता। लोग उन्हें बड़े ही अपमान और हेय दृष्टि से देखते हैं। ऐसा प्रतीत होता है मानो उनका घर में किसी तरह का योगदान ही नहीं है। इसलिए यदि हम देश को आगे ले जाने की बात करते हैं। भारत को महान बनाने की बात करते हैं, तो महिला का सम्मान इन बातों से ऊपर रखना चाहिए। तभी जाकर देश महान बन सकेगा।

एक दूसरे का सहयोग बनाए, नारियां समाज में आगे आ पाए।

इस नारी सशक्तिकरण पर स्लोगन में एक दूसरे से तात्पर्य है कि महिला और पुरूष  एक दूसरे को हमेशा सहयोग करें तभी जाकर महिलाएं इस समाज में आगे आ पाएगी और समाज की मुख्यधारा का हिस्सा बन पाएंगी।

बेटियों को दो इतनी पहचान, बड़ी होकर बने देश की शान।

यहां बेटियों को एक नई पहचान देने की बात हो रही है। कहा गया है कि उन्हें घर से लेकर समाज तक में इतनी अच्छी इज्जत देनी चाहिए। जिससे उन्हें एक पहचान मिल सके। इसी वजह से आगे चलकर वो देश में एक नया नाम बनेगीं। उनके इसी योगदान से देश को एक नई उड़ान मिलेगी।

यदि भारत को करनी है तरक्की तो नारी शक्ति की पहचान है जरुरी।

यहां देश की तरक्की की बात की जा रही है। बताता गया है कि यदि देश को यदि आगे ले जाना है, तो बेहतर होगा कि नारी को उससे पहले एक पहचान दी जाए। ताकि भविष्य में जब हम आगे निकलें तो महिला और पुरूष दोनों के योगदान को पूरी तरह सराहा जाए।

रुढ़िवादी सोच को जड़ से मिटाओं, बेटी को पढाओ समाज को बढ़ाओ।

हमारे समाज में एक पुरानी परंपरा है कि पुरूषों को सभी कामों में आगे रखा जाए। उनकी शिक्षा से लेकर और बाहर के काम काज में भी पीछे रखा जाए। क्योंकि वो कमजोर हैं। इसलिए ऐसी परंपराओं को तोड़ने को कहा गया है। महिलाओं को शिक्षा और उन्हें पूरा सम्मान देने की बात कही गई है। ताकि समाज आगे बढ़ सके।

नारी सशक्तिकरण पर स्लोगन 11 to 15

समाप्त हो बेटे-बेटी का भेद, मत करों समाज की तुम प्रगति में छेद।

यहां पर बेटा और बेटी में जो लोग भेद करते हैं, उन पर कटाक्ष किया जा रहा है। बेटा और बेटी में भेद को समाज में समाज की प्रगति में एक बाधा बताया गया है। इसलिए कहा गया है कि बेटा हो या बेटी हमें हर किसी को समान रूप से सम्मान देना चाहिए। दोनों के ऊपर बराबर ध्यान देना चाहिए।

सशक्त महिला की यही पहचान, मुश्किल से न होती परेशान।

इस Mahila Sashaktikaran Slogan में महिलाओं की ताकत को प्रोत्साहन देने की बात कही गई है। उन्हें कहा गया है कि जो महिलाएं ताकतवर होती है, वो कभी भी कठिन परिस्थिति में परेशान नहीं होती। इसलिए महिलाओं को चाहिए कि कभी वो घबराएं नहीं, हमेशा हालातों से लड़े और जीत कर दिखाएं।

बेटियाँ हर किसी के नसीब में कहाँ होती है, भगवान को जो घर पसंद आये बस वहां होती है।

बेटियां भगवान का स्वरूप होती हैं। कई मौके ऐसे होते हैं, जब हम उनकी पूजा करते हैं। उन्हें देवी के समान मानकर अपने घर में बुलाते हैं। इसलिए कहा गया है कि देवियां हर घर में जन्म नहीं लेती, भगवान तय करता है कि किस घर में देवियां भेजी जा सकती है। इसलिए ये एक वरदान का रूप होती हैं। हमें हमेशा उनका सम्मान करना चाहिए।

मातृ देवो भवः।

छोटी सी ये लाइनें बेहद गंभीर होती हैं। इनमें बताया गया है कि माता यानि नारी सभी देवी देवताओं से ऊपर होती है। इसलिए यदि हम देवी देवताओं का सम्मान करना चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि अपने घर में मौजूद माताओं और बहनों का सम्मान करना चाहिए। अपने घर की माताओं-बहनों के सम्मान से ही देवी-देवता प्रसन्न होते हैं।

माता गुरूतरा भुमेरू।

माता इस पृथ्वी पर सबसे महान होती हैं। इसलिए उन्हें पृथ्वी पर सबसे भारी बताया गया है। उनके भार से ही एक तरह से इस पृथ्वी पर संतुलन बनाया जा सकता है। इसलिए समाज और परिवार में महिला और पुरूष को एक समान नजर से देखना चाहिए।

नारी सशक्तिकरण पर स्लोगन 16 to 20

नास्ति मातृसमा छाया, नास्ति मातृसमा गतिः। नास्ति मातृसमं त्राण, नास्ति मातृसमा प्रिया।।

इन श्लोक में बताया गया है कि नारी के समान कोई छाया नहीं है, ना ही माता के समान कोई सहारा नहीं है, ना ही माता के समान कोई रक्षक है। इन पंक्तियों में माता की तुलना जिस तरह से की गई है इससे बेहतर माता की उपमा की नहीं जा सकती। इसलिए आप कितने ही बड़े हो जाएं हमेशा माता का सम्मान करें।

स्वर्ग से भी श्रेष्ठ जननी जन्मभूमि कही गई। सेवनिया है सभी को वहा महा महिमामयी’।।

इस पंक्ति में सर्वश्रेष्ठ महिलाओं को बताया गया है। महिला से बेहतर इस संसार में कोई दूसरा नहीं हो सकता। इसलिए महिलाओं का सम्मान और सेवा हमेशा लग्न से करनी चाहिए। भले ही हमारे और उनके बीच किसी तरह का भेदभाव भी हो तो भी उसे दूर कर उनके प्रति हमेशा समर्पित रहना चाहिए।

यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:। यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफला: क्रिया:।।

इनमें बताया गया है कि जिस परिवार में नारी की पूजा होती है, वहां एक तरह से देवता की पूजा होती है। वहां सदैव उत्तम विचार और बेहतर सदगुण होते हैं। जिस परिवार में महिलाओं की पूजा नहीं होती, वहां होने वाला हर काम विफल होता है। लोगों की भावनाओं का ना तो सम्मान होता है, ना ही उन परिवारों में कभी पुरूष आगे जा पाते हैं।

शोचन्ति जामयो यत्र विनश्यत्याशु तत्कुलम्। न शोचन्ति नु यत्रता वर्धते तद्धि सर्वदा ।।

जिस कुल में महिलाएं कष्ट भोगती है उस कुल का विनाश निश्चित है। इसके विपरीत जिस कुल में बहु-बेटियां सुख पूर्वक रहती है उस कुल का यश हमेशा बढ़ता रहता है।

नारी राष्ट्रस्य अक्शि अस्ति

महिला इस राष्ट्र की आंख है।

नमस्कार दोस्तों, मैं रवि "आल इन हिन्दी" का Founder हूँ. मैं एक Economics Graduate हूँ। कहते है ज्ञान कभी व्यर्थ नहीं जाता कुछ इसी सोच के साथ मै अपना सारा ज्ञान "आल इन हिन्दी" द्वारा आपके साथ बाँट रहा हूँ। और कोशिश कर रहा हूँ कि आपको भी इससे सही और सटीक ज्ञान प्राप्त हो सकें।

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