Mushroom farming in hindi | मशरूम की खेती कैसे करें?

Mushroom farming in hindi | मशरूम फार्मिंग

Mushroom Farming: हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है। लेकिन फिर भी दुर्भाग्‍य देखिए कि हमारे देश में सबसे ज्‍यादा हालत किसानों की ही खराब है। इसके पीछे एक वजह ये भी है कि हमारे देश के किसान मेहनती तो खूब हैं, पर खेती को लेकर अभी भी जागरूक नहीं है। जिससे कभी उनकी आमदनी बढ़ नहीं पाती है।

यदि आप भी किसान हैं और कम आमदनी से परेशान हैं, तो हमारे इस लेख को अंत तक पढि़ए। अपने इस लेख में हम आपको मशरूम के बारे में जानकारी देंगे। आपको बताएंगे कि मशरूम क्‍या होती है? मशरूम की खेती कैसे की जाती है? मशरूम से कितनी आमदनी हो सकती है? साथ ही मशरूम की खेती कहां की जा सकती है।

मशरूम क्‍या होता है?

मशरूम की खेती के बारे में आपको जानकारी देने की शुरूआत करें। इससे पहले आइए एक बार आपको बता दें कि मशरूम होती क्‍या है। यदि आप मशरूम को नहीं जानते तो संभव है कि आप इसे कुकुरमुत्‍ते के नाम से जानते हों। यह एक तरह का पौधा होता है। जो‍िकि अक्‍सर बरसात के मौसम में हमारे घर या खेत में छतरी के आकार में उग जाता है।

ये पौधा इतना नाजुक होता है कि इसे कोई भी तोड़ सकता है। मशरूम के पौधे की हजारों किस्म होती है। इसलिए आपने अक्‍सर जो बारिश के मौसम में उगते हुए देखा होगा वो जहरीला पौधा होता है। इसे हम कभी भी खा नहीं सकते हैं।

मशरूम का महत्‍व इसलिए सबसे ज्‍यादा होता है। क्‍योंकि इसके अंदर पोषक तत्‍व बहुत ज्‍यादा होते है। जो‍िकि हमें दूसरी सब्‍जी के अंदर नहीं मिलते हैं। इसके महत्‍व का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि यह केवल बड़े होटल और सब्‍जी की बड़ी दुकानों में ही बिकती है। साथ ही इसकी कीमत भी काफी ज्‍यादा होती है।

मशरूम खाने के फायदे

मशरूम को हम लोग सीधा नहीं खा सकते हैं। इसे हम लोग अपने घरों में सब्‍जी के रूप में खाते हैं। इसके सेवन से आपको तनाव से मुक्ति मिलती है। आपके शरीर को विटामिन D मिलता है। जो कि हमारी हड्डी को मजबूत करने का काम करता है।

साथ ही इसे सेवन करने वाले को कैंसर से लड़ने में भी मदद मिलती है। यही वजह है कि बाजार में इसी मांग भी हमेशा बनी रहती है साथ ही इसकी कीमत भी काफी ज्‍यादा होती है।

ये भी पढ़ें: चिया बीज के फायदे और नुकसान

मशरूम का उत्‍पादन कहां होता है?

मशरूम के उत्‍पादन (Mushroom Farming) की शुरूआत सबसे पहले दूसरे देशों में हुई। लेकिन इसके बाद धीरे धीरे इसका उत्‍पादन भारत में भी शुरू कर दिया गया। क्‍योंकि इससे किसानों को दूसरी फसलों के मुकाबले कई गुना ज्‍यादा लाभ देखने को मिला।

आज इसका सबसे ज्‍यादा उत्‍पादन पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्‍तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्‍यों में होता है। किसानों ने इसके उत्‍पादन में इसलिए भी दिलचस्‍पी ज्‍यादा दिखाई क्‍योंकि इसे किसी कमरे में भी उगाया जा सकता है। ऐसे में यदि वहां का तापमान और माहौल इस फसल के अनुकूल नहीं है, तो भी उसे खुद से बनाया जा सकता है।

मशरूम की खेती कब की जाती है? | Mushroom farming in hindi

मशरूम की खास बात ये है कि इसे पूरे वर्ष उगाया जा सकता है। लेकिन फिर भी जिन इलाकों में ज्यादा गर्मी पड़ती हैं। वहां गर्मी के मौसम में इसे उगाने की सलाह नहीं दी जाती है। इसकी कई तरह की किस्‍में होती हैं जो किे अलग अलग समय पर उगाई जा सकती हैं। लेकिन भारत में इसकी चार किस्में काफी प्रसिद्ध हैं।

जिनमें ढीगरी, बटन, पुआल और दूधिया या मिल्की मशरूम होती हैं। ये सभी किस्‍में किसानों को अच्‍छा मुनाफा देती हैं। यदि आप छोटे किसान हैं तो आप मशरूम का उत्‍पादन कभी भी किसी भी जगह आसानी से कर सकते हैं। क्योंकि इस दौरान आप तापमान और जलवायु का नियंत्रण कर सकते हैं।

मशरूम की खेती

मशरूम की विभिन्न किस्मे

आइए अब हम मशरूम की फसल की सभी किस्मों के बारे में हम आगे संक्षेप में जान लेते हैं।

ढ़ीगरी मशरूम

मशरूम की ये सबसे बेहतर किस्‍म के अंदर मानी जाती है। क्‍योंकि हमारे देश की जिस तरह से जलवायु है उसके अंदर इसका उत्‍पादन आसानी से किया जा सकता है। साथ ही इसकी फसल 50 से 60 दिनों के अंदर तैयार भी हो जाती है। इसके अलावा इसे किसी भी फसल के अवशेष पर तैयार किया जा सकता है।

ये भी पढ़ें: कम लागत में गाँव में चलने वाला Top 10 Business Idea

जिससे किसानों को अवशेष ढूंढने की परेशानी भी बेहद कम होती है। इस किस्म के अंदर प्रोटीन भी अधिक मात्रा में पाया जाता है। साथ ही कई तरह के औषधि के गुण भी पाए जाते हैं। जिससे इसकी मांग बाजार में कभी कम नहीं होती है। शाकाहारी भोजन करने वाले लोगों की ये किस्‍म पहली पसंद होती है।

बटन मशरूम

यह भी मशरूम की एक तरह की किस्‍म होती है। लेकिन इसकी खास बात ये है कि इसका उत्‍पादन केवल सर्दी के मौसम में ही किया जा सकता है। क्‍योंकि इसकी उपज केवल 16 से लेकर 25 डिग्री तापमान के अंदर ही संभव है। इसलिए इसकी खेती या तो सर्दी के समय किया जाता है या केवल ठंडे प्रदेशों में ही की जा सकती है।

दूधिया मशरूम

इस किस्‍म के लिए आपको गेंहू का भूसा या पुआल की जरूरत होती है। इसके लिए आपको भूसे को किसी कपड़े में भरकर 12 से 16 घंटे तक गर्म पानी के अंदर रखना होता है। ताकि भूसा पानी को अच्‍छी तरह से सोख ले। इस विधि के जरिए इस मशरूम का उत्‍पादन आपको ज्यादा लाभ दे सकता है। लेकिन विधि थोड़ी कठिन होने के चलते इसका उत्‍पादन कम ही किसान करते हैं। लेकिन जो लोग इसका उत्‍पादन करते हैं। वो अच्‍छा लाभ प्राप्‍त करते हैं।

मशरूम के बीज कहां से खरीदें?

किसी भी फसल की उपज सबसे ज्‍यादा बीज पर निर्भर करती है। यदि आपके बीज अच्‍छी गुणवत्‍ता के हैं तो आपकी फसल भी कफी अच्‍छी होगी। इसलिए य‍ही नियम मशरूम पर भी लागू होता है। इसलिए मशरूम के बीच हमेशा अच्‍छी गुणवत्‍ता के ही खरीदें। इसके बीच आप चाहें तो ऑनलाइन भी मशरूम के बीज खरीद सकते हैं। नहीं तो आप अपने राज्‍य के कृषि केन्‍द्र या कृषि विश्‍वविधालय पर जाकर भी बीच खरीद सकते हैं।

यदि हम इसके बीज की कीमत की बात करें तो वो आपको लगभग 75 रूपए किलो मिल सकते हैं। लेकिन इनका रेट इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप किस राज्‍य में बीच लेने जा रहे हैं। साथ ही आप मशरूम की कौन सी किस्‍म का बीज लेना चाहते हैं।

लेकिन बीज खरीदते समय इस बात का हमेशा ध्‍यान रखें कि इसका बीज हमेश ठंडी चीज में रखें जैसे कि यदि आप गर्मी के मौसम में बीज खरीदने जा रहे हैं तो दिन ढलने के बाद जाएं। साथ ही AC वाली गाड़ी लेकर जाएं या साथ में बर्फ रखें। जिससे बीज खराब ना हो। यदि बीज को 40 डिग्री से ऊपर के तापमान के संपर्क में आ गया तो आपकी फसल अच्‍छी होने की संभावना कम हो जाती है।

आप चाहे तो इसके बीज को कुछ दिन रख भी सकते हैं। जैसे किे यदि आपके घर से कृषि विभाग दूर पड़ता है तो आप एक साथ काफी मात्रा में बीज खरीद लाएं। इसके बाद इसे फ्रिज में रख दें। बस ध्‍यान ये रखें कि फ्रिज लंबे समय तक बंद ना रहता हो। इस तरह से आप इसके बीज को 18 से 20 दिन तक सुरक्षित रख सकते हैं।

मशरूम फार्मिंग

मशरूम की खेती के लिए सरकारी सब्सिडी

सरकार चाहती है कि देश के किसान मशरूम का उत्‍पादन (Mushroom Farming) बड़े पैमााने पर करें। जिससे मशरूम का उत्‍पादन भारत में भी बड़े पैमाने पर हो। जो कि इन दिनों दुनिया के कई देशों में किया जा रहा है। जिससे इसका निर्यात किया जा सके। इसके लिए किसानों को बीज खरीदने पर 40 से 50 प्रतिशत छूट सरकार की तरफ से दी जाती है। जिसके लिए कृषि विभाग में ऑनलाइन आवेदन करना होता है।

इसके अलावा यदि आपको मशरूम की खेती की जानकारी नहीं है। तो कृषि विभाग की तरफ से आपको इसकी ट्रेनिंग भी दी जाती है। जो कि पूरी तरह फ्री होती है। जिसमें आपको मशरूम उत्‍पादन की बारीकियों के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही आपको बताया जाएगा कि मशरूम की खेती से आप किस तरह से अच्‍छा लाभ कमा सकते हैं।

इसके बाद भी यदि आपकी फसल में किसी तरह की दिक्‍कत आती है, तो कृषि वैज्ञानिक आपके आग्रह पर खुद आपके खेत का दौरा तक कर सकते हैं। इसलिए कहा जा सकता है कि यदि आप मशरूम की खेती करना चाहते हैं तो सरकार पूरी तरह से आपका साथ देगी।

इसमें ध्‍यान रखने वाली बात ये है कि यदि मशरूम की खेती करने वाली महिला है तो आपको ज्‍यादा अनुदान दिया जाएगा। खास बात ये है कि इस तरह की छूट लेने के लिए आपको किसी तरह का रजिस्‍ट्रेशन या पंजीकरण नहीं करवाना होगा। बस ये कृषि विभाग खुद दे सकता है।

मशरूम की खेती में कितना खर्च आता है?

मशरूम की खेती (Mushroom Farming) में खर्च इस बात पर निर्भर करता है किे आप कितने बड़े पैमाने पर मशरूम की खेती करना चाहते हो। यदि आप छोटे पैमाने पर मशरूम की खेती करना चाहते हो तो इसके लिए आपका खर्च 7 से 10 हजार के बीज रह सकता है।

जबकि यदि आप बड़े पैमाने पर खेती की सोच रहे हैं तो यह खर्च लाखों तक में जा सकता है। साथ ही खर्च इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपको सरकार की तरफ से कितना अनुदान दिया जा रहा है। मशरूम की खेती की खास बात ये होती है कि इसके अंदर यदि आप सही तरह से खेती करते हैं तो आपको नुकसान होने की संभावना ना के बराबर है।

मशरूम की फसल कहां बेची जाती है?

मशरूम एक नकदी फसल के तौर पर जानी जाती है। इसलिए कोई भी इंसान जो कि इसे उगाता है वो इसका प्रयोग खुद नहीं करता है। साथ ही इसकी फसल हर 50 से 60 दिन में तैयार भी हो जाती है। जिससे किसान लाभ कमााने के लिए इसे बाजार में ही बेचना उचित समझता है। इसलिए जब आपकी मशरूम की फसल तैयार हो जाती है। तो आप इसे कई जगह बेच सकते हैं।

जिनमें सबसे पहले होटल या किसी बड़े रेस्‍टोरेंट का नाम आता है। आपके आसपास जो भी बड़ा होटल हो आप वहां संपर्क कर सकते हैं। वो लोग आपकी मशरूम को सीधा आपसे खरीद लेंगे और अच्‍छा दाम भी देंगे। इसकी खास बात ये होती है कि यदि किसी होटल से आपका संपर्क एक बार हो गया तो हर बार आप खुद वहां जाकर अपनी मशरूम दे सकते हैं।

इसके बाद इसका प्रयेाग दवाई कंपनी के लोग भी करते हैं यदि आप वहां भी संपर्क करते हैं तो आपको अच्‍छा दाम मिल सकता है। लेकिन इसके लिए आपको पता करना पड़ेगा। कयोंकि हर दवाई कंपनी मशरूम नहीं खरीदती है।

लेकिन यदि आप इसकी खेती बड़े पैमाने पर करते हैं तो आप सीधा कंपनी के साथ Contract भी कर सकते हैं। जिसके बाद आपको केवल फसल बोनी होती है। इसके बाद कंपनी के लोग खुद आपकी फसल तोड़ लेते हैं। बदले में आपको उसका पैसा दे देते हैं। वो लोग इसे पैक करके आगे बाजार में महंगे दाम पर बेच देते हैं।

इसके अलावा आप इसकी फसल को सरकार को भी बेच सकते हैं। जो कि निर्यात कर देती है। लेकिन एक बात का आप हमेशा ध्‍यान रखें कि मशरूम को आप कभी भी अपने आसपास के बाजार में नहीं बेच सकते हैं। जैसे आलू और टमाटर की सब्‍जी की मंडी में बिक्री होती है।

साथ ही ऐसा भी ना हो कि आप मशरूम तोड़ कर रख लें और उसे अगले दिन बेचने जाएं। इससे इसके दाम आपको कम मिलेंगे। इसलिए तोड़ने से पहले इसे बेचने की व्‍यवस्‍था कर लें। यदि आप बिना कीटनाशक दवाई का प्रयोग करके मशरूम उगाते हैं तो आपको इसकी काफी अच्‍छी कीमत भी मिल सकती है।

इसे बेचने का एक और उपयुक्‍त तरीका है कि आप यदि ज्‍यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो इसकी पैकिंग भी स्‍वंय करके बेचें। लेकिन इसके लिए आपके पास कई और एक बड़ा फ्रिज और 24 घंटे बिजली की व्‍यवस्‍था भी होनी चाहिए। साथ ही इसके लिए आपको अपने जिले के कृषि विभाग से पता करना होगा कि आपके जिले के सबसे करीब मशरूम की मंड़ी कहां है। क्‍योंकि हर मंड़ी में मशरूम की बिक्री नहीं होती है।

मशरूम की खेती करने के फायदे

  • आज के समय फसलों के बचे हुए अवशेष का निपटान करना बेहद कठिन काम हो गया है। ऐेसे में यदि आप मशरूम की खेती करते हैं तो इस खेती में ही आपकी फसलों का अवशेष प्रयोग हो जाएगा। जिससे आपको दोनों तरफ से फायदा हो जाएगा।
  • मशरूम एक ऐसी फसल है जिसे आप खेत के साथ एक कमरे में भी उगा सकते हैं। ऐसे में यदि आप चाहे तो इसे दूसरी फसलों के साथ भी इसे उगा सकते हैं। बस इस फसल के अनुकूल तापमान आदि होना चाहिए।
  • हमारे द‍ेश में अब भी मशरूम की खेती (Mushroom Farming) बहुत कम पैमाने पर की जाती है। इसलिए इस फसल को आपको बेचने में कभी परेशानी भी नहीं उठानी पड़ेगी। साथ ही आपको इससे अच्‍छे दाम भी मिल जाते हैं।
  • मशरूम की खेती (Mushroom Farming) करने का एक ये भी फायदा है कि ये 50 से 60 दिनों के अंदर ही पक कर तैयार हो जाती है। जिसके बाद आप दोबारा से मशरूम उगा सकते हैं। जिससे आप सालभर इस फसल की बुवाई और कटाई कर सकते हैं। जबकि दूसरी फसलों में इस तरह से संभव नहीं है।
  • मशरूम एक ऐसी फसल है जिसके लिए इस समय सरकार भी बड़े पैमाने पर अनुदान दे रही है और इसे उगाने की पूरी ट्रेनिंग भी देती है। जो कि एक तरह से आपके फायदे की बात है। क्‍योंकि दूसरी फसलों के लिए ना तो अनुदान दिया जाता है, ना ही ट्रेनिंग।

NOTE: जब भी आप मशरूम की खेती करने पर काम करें तो इससे पहले आप मशरूम की खेती के लिए अपने नजदीकी कृषि विभाग से ट्रेनिंग अवश्‍य ले लें। क्‍योंकि You Tube और Internet पर आपको केवल जानकारी मिल सकती है। इससे आप मशरूम की खेती में मुनाफा नहीं कमा सकते हैं।

नमस्कार दोस्तों, मैं रवि "आल इन हिन्दी" का Founder हूँ. मैं एक Economics Graduate हूँ। कहते है ज्ञान कभी व्यर्थ नहीं जाता कुछ इसी सोच के साथ मै अपना सारा ज्ञान "आल इन हिन्दी" द्वारा आपके साथ बाँट रहा हूँ। और कोशिश कर रहा हूँ कि आपको भी इससे सही और सटीक ज्ञान प्राप्त हो सकें।

Leave a Comment