Padhai karne ka aasan tarika | पढ़ाई में तेज कैसे बने?

पढ़ाई में तेज बनने का ‘गुरू मंत्र’

Padhai karne ka aasan tarika: पढ़ाई हम सभी के लिए बेहद जरूरी है। जिसके लिए हम से ज्‍यादातर लोग हर दिन कई घंटे पढ़ते भी हैं। लेकिन इतना पढ़ने के बाद भी जब नतीजे आते हैं तो देखते हैं कि हमसे तेज कई दूसरे बच्‍चे हैं। ऐेसे में हम सभी के जहन में ये सवाल आता है कि पढ़ाई में तेज कैसे बनें?

यदि आप जानना चाहते हैं कि पढ़ाई में तेज कैसे बनें तो हमारे इस लेख को अंत तक पढि़ए। अपने इस लेख में हम आपको पढ़ने के कुछ ऐसे तरीके बताएंगे, जिनकी मदद से आप आसानी से पढ़ाई में तेज हो सकते हैं।

पढ़ाई में तेज होने का मतलब?

पढ़ाई में तेज कैसे बनें इसकी जानकारी हम आपको दें इससे पहले आइए एक बार हम आपको बताते हैं कि पढ़ाई में तेज होने का क्‍या अर्थ होता है। दरअसल, इसका मतलब ये होता है कि आप जिस विषय की पढ़ाई कर रहे हैं उसमें होशियार हैं। यानि आपको उस विषय की पूरी तरह से समझ है। आप उस विषय के हर पहलू को अच्‍छी तरह से जानते और समझते हैं। यद‍ि आप ये सब कर लेते हैं तो कहा जा सकता है कि आप पढ़ाई में तेज हैं। फिर चाहे आप किसी स्‍कूल के विधार्थी हों या किसी कॉलेज के।

 

पढ़ाई में तेज कैसे बने

पढ़ाई में तेज होने के 10 तरीके

आइए अब हम आपको आगे 10 Padhai karne ka aasan tarika के बारे में बताते हैं। यदि आप हमारे द्वारा बताए गए 10 तरीके अपने जीवन में अपनाते हैं, तो यकीन मानिए आपकी पढ़ाई के साथ आपके नंबरों में भी जल्‍दी ही फर्क दिखाई देने लगेगा।

अपने मन का विषय लें

पढ़ाई में तेज होने का पहला तरीका ये है कि आप अपने मन की इच्‍छा अनुसार विषय लें। चाहे आप फिर स्‍कूल की पढ़ाई कर रहे हों या कॉलेज की पढ़ाई कर रहे हों। आपके लिए ये बेहद जरूरी है कि आपके मन जिस विषय की इच्‍छा जाहिर करे। आप उसका ही चुनाव करें।

जैसे कि आपको Art पसंद है तो आप हमेशा उसी के साथ जाएं। भले ही लोग कुछ भी कहें। इसी तरह यदि आपको पुलिस की नौकरी पसंद है तो हमेशा अपना रूझान उसी तरफ रखें। यदि आप गलत विषय में सोच रहे हैं कि उसे पढ़कर पढ़ाई में तेज हो जाएंगे, तो ऐसा बिल्‍कुल भी संभव नहीं है। आप उस विषय के साथ कितनी भी मेहनत कर लेंगे। पर नतीजा हमेशा सिफर ही रहेगा। क्‍योंकि आप अपने साथ एक तरह से जबरदस्‍ती कर रहे हैं।

लोगों की बातों पर ध्‍यान ना दें

हमारे हर फैसले के साथ ही ये डर रहता है कि इसके बाद चार लोग क्या कहेंगे। लेकिन जब आप पढ़ाई में तेज होना चाहते हैं तो आपको अपने जहन से ये बात अपने जहन से पूरी तरह से निकाल देनी चाहिए कि चार लोग आपके बारे में क्‍या कहेंगे। क्‍या सोचेंगे। क्‍योंकि हम किसी के मत को इस बात से नहीं बदल सकते हैं कि आपको उसका मत पसंद नहीं है।

क्‍योंकि लोगों की आलोचना आपकी कामयाबी के साथ ही तारीफ में भी बदल जाती है। लेकिन उसके लिए जरूरी है कि आपको लग्न से अपनी पढ़ाई करनी होगी। अपने नतीजों में शत् प्रतिशत अंत लाने होंगे। जब भी लोग आपकी आलोचना करें तो उसे सकारात्‍मक तरीके से लेनी चाहिए।

हमेशा शांत माहौल में पढ़ाई करें

यदि आप भीड़ भाड़ वाले घर या ऐसी जगह बैठकर पढ़ाई करते हैं। जहां हर समय कोई ना कोई बोलता रहता है। तो सबसे पहले आपको जरूरी है कि आप किसी शांत माहौल वाली जगह का चुनाव करें। हमेशा उसी जगह जाकर ही पढ़ाई करें।

इसके लिए आप लाइब्रेरी जा सकते हैं। अपने घर के आसपास किसी पार्क आद‍ि में जा सकते हैं। यदि ऐसा संभव नहीं है तो कोशिश करें कि आप उस समय की तलाश करें जिस दौरान सभी लोग आपके घर चुप रहा करते हों। आप हर रोज उसी समय बैठकर पढ़ाई करें। जबकि जिस समय सभी लोग बात कर रहे हों। उस समय आप कोई दूसरा काम करें। इससे आपके समय का सदुपयोग भी हो जाएगा और अच्‍छे से पढ़ाई भी कर सकेंगे।

विषय अनुसार पढ़ाई करें

आप कभी भी ऐसा ना करें कि एक ही विषय को बार बार पढ़ते रहें। हमेशा आप विषय अनुसार पढ़ाई करें। कहने का मतलब ये है जैसे आपने आज हिन्‍दी विषय पढ़ा तो कल कोई दूसरा विषय पढ़ें, इसके बाद अगले दिन कोई तीसरा विषय पढ़ें। यदि आप चाहें तो एक दिन में दो से तीन विषय भी पढ़ सकते हैं। बस ध्‍यान इस बात का रखें कि हर विषय को बराबर समय दिया जाए।

इससे आप हर विषय बराबर समय के साथ पढ़ सकते हैं। साथ ही आपको पता भी चलता रहेगा कि आप किस विषय में कितने होशियार हैं। आप उन विषयों को इसके बाद ज्‍यादा समय देकर उसे भी मजबूत बना सकते हैं।

कमजोर‍ विषय की पहचान करें

हर छात्र की अपनी कमजोरी और अपनी ताकत होती है। इसलिए आपके लिए ये जरूरी है कि आप अपनी कमजोरी की पहचान करें। इसके बाद जानने के कोशिश करें कि आपका वो विषय क्‍यों कमजोर है। उस विषय के कौन कौन से अध्‍याय हैं जो कि कमजोर हैं।

यदि आपको ये पता लग जाता है तो आप आगे उस विषय के ऊपर ज्‍यादा काम करें। उसके अंदर जो अध्‍याय आपके कमजोर थे। आप उनके ऊपर दूसरे विषय से ज्‍यादा ध्‍यान दें। इसके बाद समय बीतने के साथ आप वो विषय भी दूसरे की तरह मजबूत हो जाएगा। यदि फिर भी नहीं होता है, तो आप उस विषय के किसी जानकार से मिलकर अपनी समस्‍या का समाधान करवा सकते हैं।

नियमित पढ़ाई करें

पढ़ाई करने का सबसे पहला नियम यही होता है कि आप नियमित तौर पर पढ़ाई करें। ऐसा ना हो कि आप एक सप्‍ताह लगातार पढ़ाई करें और अगले पूरे सप्‍ताह आराम करें या घूमने निकल जाएं। इससे आपका पिछला पढ़ा हुआ भी किसी काम का नहीं रह जाएगा। इसलिए ये बात बेहद जरूरी होती है कि आप लगातार नियमित अंतराल पर पढ़ाई करते रहें। ताकि आपका मन पढ़ाई में लगा रहे।

लेकिन यदि आपको बीच में कोई काम या त्‍यौहार आ भी जाता है तो जरूरी है कि आप या तो उसे जल्‍दी से जल्‍दी समाप्‍त कर दें। या कोशिश करें कि आप उस दिन आपके पास जो समय बच जाता है, उसमें पढ़ाई। यानि आप यदि सारा दिन कहीं व्‍यस्‍त थे। तो शाम को एक घंटा भी मिलता है तो उसमें पढ़ाई करें। इससे आपको अगले दिन पढ़ाई में आलस नहीं आएगा।

इंटरनेट का सदुपयोग करें

आज के समय में इंटरनेट हम सभी के पास होता है। लेकिन हम से ज्‍यादातर लोग इंटरनेट का सही प्रयोग नहीं करते हैं। बहुत से लोग तो पढ़ाई का मतलब ये मानते हैं कि इंटरनेट को खुद से दूर कर दो। लेकिन ये तरीका भी गलत है।

आपको हमेशा इंटरनेट का प्रयोग तभी करना चाहिए जब उसकी जरूरत हो। यानि आपको पढ़ाई से जुड़ी कोई विडियो देखनी हो, इंटरनेट से कोई जानकारी इकठ्ठी करनी हो तो इंटरनेट का प्रयोग अवश्‍य करें। लेकिन यदि आप दिनभर इंटरनेट का ही प्रयोग करते हैं तो ये आपके लिए नुकसानदेह होगा। यदि आपके साथ ये समस्‍या ये है कि आप इंटरनेट चलाना शुरू करते हैं और आपको समय का पता ही नहीं लगता है, तो आप एक कापी में वो चीजें लिख लें जो कि आपको इंटरनेट पर देखनी है। इसके बाद जैसे ही वो सब चीजें पूरी हो जाएं। इंटरनेट बंद करके फोन को खुद से दूर रख दें।

नोट्स बनाकर पढ़ाई करें

नोट्स बनाना भी अपने आप में एक कला होती है। इसलिए यदि आपके पास नोट्स बनाने की कला है तो जरूरी है कि आप जो भी पढ़ाई करें। उसके नोट्स जरूर बना लें। इससे फायदा ये होगा कि आप किसी भी समय अपने नोट्स को पढ़ सकते हैं। साथ ही जब आपकी परीक्षा का समय आ जाए तो अपने नोट्स को ही बार बार पढ़ें। लेकिन नोट्स जितने छोटे हो सकें। आप उतने छोटे बनाइए।

बहुत से बच्‍चे बाजार में से या दोस्‍तों से नोट्स मांग कर काम चला लेते हैं। ये तरीका बेहद गलत होता है। हमेशा आप अपने खुद के नोट्स बनाइए और उसे पूरे साल या जब‍तक आपकी परीक्षा पास ना हो जाए तबतक उसे संभाल कर रखिए। साथ ही नोट्स में केवल वो प्‍वांइट लिखिए जो कि आपको कठिन लगते हैं। इसके बाद लगातार उनका रीविजन करते रहिए। उन्‍हें Highlight कर लीजिए।

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खुद की सेहत को भी समय दें

बहुत से बच्‍चे पढ़ाई में तेज होने के लिए खुद की सेहत को मानो भूल ही जाते हैं। लेकिन यह तरीका गलत होता है। यदि आप खुद की सेहत को समय ही नहीं देते हैं। तो आप पढ़ाई में कभी भी तेज नहीं हो सकते हैं। इसलिए ये बात बेहद जरूरी है कि आप सुबह या शाम को समय निकाल कर अपने दोस्‍तों के साथ या पार्क आद‍ि में घूमकर आएं।

यदि आप दिन में एक घंटा घूमकर आते हैं तो आप पाएंगे कि आपका सारा दिन ऊर्जा से भरा होगा। इससे आप पूरे दिन अन्‍य दिन के मुकाबले कहीं ज्‍यादा समय तक और बेहतर ढ़ग से पढ़ाई कर सकेंगे। साथ ही इसका फायदा ये होगा कि आप नकारात्‍मक विचारों से भी दूर रह सकेंगे।

असफलता से घबराएं नहीं

बहुत से छात्र असफल होने से घबरा जाते हैं। लेकिन हम आपको कहना चाहते हैं कि असफलता से हमें कभी घबराना नहीं चाहिए। भले ही हमने परीक्षा के लिए बहुत सारी मेहतन की हो, बहुत सारी किताबें पढ़ी हों। हम तब भी असफल हो सकते हैं। इसलिए जब भी आप असफल हों तो आपको चाहिए कि आप अपने असफल होने के कारणों की तलाश करें। यदि आप ईमानदारी से कारण की तलाश करते हैं तो पाएंगे कि कहीं ना कहीं आपके अंदर ही कमी रह गई थी। जो कि परीक्षा से पहले दूर नहीं की गई थी।

यदि आपको वो कारण समझ आता है तो उनके ऊपर काम करें। अगली परीक्षा में देखें कि कहीं वही गलती आप फिर से ना करें। इससे आप पाएंगे कि असफल होने के बाद भी आपने कुछ ना कुछ नया ही सीखा है। जो कि आपको आगे चलकर पढ़ाई में बहुत तेज करने में अपनी भूमिका ही अदा करेगा। क्‍योंकि कहा गया है कि गिर कर उठने वाला कभी दोबारा नहीं गिरता है।

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Conclusion

आशा है कि अब आप समझ गए होंगे कि Padhai karne ka aasan tarika क्‍या है। इसे जानने के बाद यदि आप इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं, तो एकदम से तो कोई परिवर्तन आपको दिखाई नहीं देगा। लेकिन धीरे धीरे आपको बदलाव जरूर दिखाई देने लगेगा। यदि आपको हमारा ये लेख पसंद आया है तो इसे अपने दोस्‍तों के साथ भी शेयर करें। साथ ही इस लेख से जुड़ा यदि आपका कोई सवाल या सुझाव है तो हमें नीचे कमेंट करें।

नमस्कार दोस्तों, मैं रवि "आल इन हिन्दी" का Founder हूँ. मैं एक Economics Graduate हूँ। कहते है ज्ञान कभी व्यर्थ नहीं जाता कुछ इसी सोच के साथ मै अपना सारा ज्ञान "आल इन हिन्दी" द्वारा आपके साथ बाँट रहा हूँ। और कोशिश कर रहा हूँ कि आपको भी इससे सही और सटीक ज्ञान प्राप्त हो सकें।

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