शेयर क्या होता है? | शेयर कितने प्रकार के होते हैं?

Share kya hota hai: आज के समय व्यापार और निवेश करने से संबंधित बात करने हर व्यक्ति शेयर बाजार का जिक्र जरूर करता है। शायद आपने भी कहीं न कहीं अवश्य सुना होगा। परंतु अगर आप नहीं जानते की “शेयर क्या होता है, शेयर कितने प्रकार के होते हैं?

तो आज इस लेख मे हम आपको बताने वाले हैं कि शेयर क्या होता है? शेयर का सही अर्थ क्या है? शेयर कितने प्रकार के होते हैं? कोई कंपनी शेयर बाजार में कैसे और कब आती है, शेयर को कैसे खरीद सकते हैं? इन सभी सवालों के जवाव बहुत ही आसान भाषा मे आप तक पहुचाने का प्रयास करेंगे।

शेयर बाजार में बहुत से लोग निवेश करना चाहते हैं, लेकिन शेयर बाजार के बारे में सही जानकारी नहीं होने के कारण या तो वे शेयर बाजार में निवेश करने से बचते हैं और शेयर में निवेश नहीं करते हैं। या शेयर बाजार में निवेश करके अपना पैसा खो देते हैं।

स्टॉक मार्केट या स्टॉक मार्केट के कई नाम हैं और इसे अलग-अलग लोग अलग-अलग नामों से जानते हैं। यदि आप इस लेख को पूरा पढ़ते हैं तो आपको संबंधित जानकारी विस्तार मे जानने को मिलेगी।

शेयर क्या होता है?

एक सर्वे के अनुसार पाया गया है कि अधिकांश लोगों शेयर शव्द का सही मतलब या फिर सही अर्थ मालूम नहीं है। इस बात को ध्यान मे रखते हुए आइए सबसे पहले जानते हैं की शेयर का सही अर्थ क्या है? (शेयर करना ) जो कि एक अंग्रेजी शब्द है। इसका सरलतम और सरल अर्थ “हिस्सा” है। एक शेयर किसी भी कंपनी की पूंजी का सबसे छोटा भाग होता हैं।

यदि जब भी कोई किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदते हैं। तो वह उस कंपनी का हिस्सेदार यानि मालिक बन जाता है। जैसे अगर किसी कंपनी ने अपने 1000 शेयर को निकाला है। और यदि 100 शेयर एक व्यक्ति खरीद लेता है, तब ऐसे मे 10% के मालिक वह व्यक्ति खुद बन जाता है।

शेयर कितने प्रकार के होते हैं

शेयर कितने प्रकार के होते हैं?

शेयर कई प्रकार के हो सकते हैं और अलग-अलग लोगों द्वारा अलग-अलग तरीके से परिभाषित किए जाते हैं। लेकिन हम शेयरों को मुख्य रूप से 3 भागों में विभाजित कर सकते हैं। आइए जानते हैं शेयरों के प्रकार:-

सामान्य शेयर

इसे कोई भी खरीद सकता है और जरूरत पड़ने पर बेच भी सकते हैं। ये सबसे सामान्य प्रकार के शेयर कहे जाते हैं।

बोनस शेयर

जब कोई कंपनी अच्छा मुनाफा कमाती है और वह कंपनी उसका कुछ हिस्सा अपने शेयर धारकों को देना चाहती है। इसके बदले वह पैसे नहीं देना चाहती और अगर वह शेयर देती है तो उसे बोनस शेयर कहते हैं।

अधिमान्य शेयर

ये शेयर कंपनी कुछ खास लोगों के लिए ही लाती है। जब किसी कंपनी को पैसें की आवश्यकता होती है। और वह बाजार से कुछ पूंजी जुटाना चाहती है, तो वह जो शेयर जारी करेगी वह कुछ खास लोगों को ही खरीदने का पहला अधिकार देगी। जैसे कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी। ऐसे शेयर काफी सुरक्षित माने जाते हैं।

शेयर बाजार क्या है?

जैसा कि हम जानते हैं कि स्टॉक मार्केट या स्टॉक मार्केट को लोग अलग-अलग नामों से जानते हैं और मैं पहले ही कह चुका हूं कि शेयर का सीधा सा मतलब होता है “शेयर”।

उदाहरण के लिए मान लीजिए कि कोई कंपनी एक लाख शेयर जारी करती है। अब यदि कोई व्यक्ति उस कंपनी में उतने शेयर खरीद लेता है तो वह उस कंपनी में उस शेयर का मालिक बन जाता है।

उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति किसी कंपनी में 1 लाख में से 40,000 शेयर खरीदता है, तो उस कंपनी में उसकी हिस्सेदारी 40% होगी। और उसके पास 40% शेयर होंगे। स्टॉक्स किसी भी कंपनी में एक व्यक्ति की हिस्सेदारी का प्रतिनिधित्व करते हैं। और वह व्यक्ति अपने शेयर दूसरों को बेच सकता है या जब चाहे दूसरे व्यक्ति के शेयर खरीद सकता है। सभी कंपनियों के शेयरों का मूल्य कंपनी की लाभप्रदता के अनुसार बढ़ता या घटता है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड पूरे बाजार पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। कोई भी कंपनी सेबी की अनुमति के बिना आईपीओ (IPO) जारी नहीं कर सकती है।

कोई कंपनी शेयर बाजार में कब आती है?

शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने या प्रकट होने के लिए एक कंपनी को एक्सचेंज के साथ लिखित रूप में कई समझौते करने होते हैं। जिसके तहत कंपनी को समय-समय पर बाजार को अपनी सभी गतिविधियों की सूचना देनी होती है। जिसमें ऐसी जानकारी भी शामिल है। जो निवेशकों के हितों को प्रभावित करता है। कंपनी का मूल्यांकन कंपनी द्वारा प्रदान की गई जानकारी के आधार पर किया जाता है।

इस मूल्यांकन के आधार पर मांग में उतार-चढ़ाव होने पर उस कंपनी के शेयर की कीमत में उतार-चढ़ाव होता है। अगर कोई कंपनी लिस्टिंग एग्रीमेंट की शर्तों का पालन नहीं करती है और नियमों का उल्लंघन करने की दोषी पाई जाती है तो सेबी उसे एक्सचेंज से हटाने की कार्रवाई करेगा।

इसके अलावा एक कंपनी को शेयर बाजार में आने के लिए कई चीजों से गुजरना पड़ता है। उदाहरण के लिए कंपनी का पिछले 3 साल का पूरा रिकॉर्ड, कंपनी का मार्केट शेयर 25 करोड़ से ज्यादा है, स्थिति आवेदक के लिए कंपनी की पूंजी न्यूनतम ₹10 करोड़ है।

एफपीओ के लिए ₹ 3 करोड़। होना चाहिए। इन सब बातों के अलावा किसी कंपनी के लिस्ट होने पर कई बातों का भी ध्यान रखा जाता है। किसी कंपनी को सूचीबद्ध होने के लिए, उसे सख्त नियमों का पालन करना पड़ता है।

शेयर बाजार में ट्रेडिंग क्या है?

”व्यापार ” शब्द बहुत लोकप्रिय है और शेयर बाजार में इसका बहुत उपयोग किया जाता है। शब्द का अर्थ हिंदी में “व्यवसाय” या व्यापार” कहा जा सकता है।

इसी तरह, जब कोई व्यक्ति शेयर बाजार में शेयर खरीदता है तो उस व्यक्ति का मुख्य उद्देश्य शेयर की कीमत बढ़ने पर उसे बेचकर लाभ कमाना होता है। इस लाभ को अर्जित करने के लिए शेयरों को खरीदने और बेचने की पूरी प्रक्रिया को “ट्रेडिंग” कहा जाता है।

शेयर कैसे खरीदें?

शेयर खरीदने के लिए आपको सबसे पहले यह तय करना होगा कि आप खुद शेयर खरीदना चाहते हैं या किसी ब्रोकर की मदद लेना चाहते हैं। तभी आप आगे बढ़ सकते हैं। अगर आप किसी ब्रोकर की मदद लेते हैं तो सबसे पहले आपको अपना अकाउंट खोलना होगा। जिसे डीमैट अकाउंट कहा जाता है। जिसे आप अपने ब्रोकर के जरिए खोल सकते हैं।

ब्रोकर के जरिए शेयर खरीदने के कई फायदे हैं, एक तो आपको अच्छा मार्गदर्शन मिलेगा और दूसरा आपको शेयर बाजार की पूरी जानकारी हो जाएगी। ब्रोकर आपकी मदद और शेयर की जानकारी आदि के लिए स्टॉक्स में पैसा या प्रॉफिट शेयर लेते हैं।

भारत में केवल 2 स्टॉक एक्सचेंज हैं। एनएसई (NSE) और दूसरे बीएसई (BSE) स्टॉक केवल उन कंपनियों में खरीदा या बेचा जा सकता है जो इसमें सूचीबद्ध हैं।

जब भी आप कोई शेयर खरीदते हैं तो पैसा आपके डीमैट खाते में ही जाता है। आपका डीमैट खाता आपके बैंक खाते से जुड़ा होता है। आप अपने डीमैट खाते से आसानी से अपने बैंक खाते में पैसे भेज सकते हैं। यदि आप अपना पैसा शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो आप एक डिस्काउंट ब्रोकर ढूंढ सकते हैं। और अपना अकाउंट बना सकते हैं। इसमें आप बहुत जल्दी और आसानी से डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं और उसमें शेयर खरीद सकते हैं।

शेयर के फ़ायदे और नुकसान

हर एक चीज के कुछ फायदे और कुछ नुकसान होते हैं। बिल्कुल उसी तरह शेयर भी कभी फायदा और कभी नुकसान देते हैं। आए पहले फायदे और बाद मे नुकसान की चर्चा करते हैं –

फ़ायदे

  • शेयर मार्केट इन्वेस्टमेंट का सबसे बड़ा फायदा है कि इसमें बैंक एफडी, बचत खाते आदि जैसे अन्य इन्वेस्टमेंट की तुलना में बहुत ही कम समय में अधिक रिटर्न करने की क्षमता है।
  • जब आप पब्लिक लिस्टेड कंपनी के शेयर खरीदते हैं। तो कंपनी में हिस्सेदारी बन जाती है। इसमे आपका शेयर आकार कितना भी छोटा क्यों न हो, यह आपको कंपनी पर नियंत्रण प्रदान करता है।
  • शेयरों का यह स्वामित्व व्यक्ति को वोटिंग अधिकार प्रदान करता है और आपको डिविडेंट, बोनस इत्यादि प्राप्त होते है।
  • स्टॉक मार्केट को भारतीय सिक्योरिटी और एक्सचेंज बोर्ड (सेबी) द्वारा रेगुलेट किया जाता है। सेबी सख्ती से शेयरधारकों की सुरक्षा के लिए ब्रोकर, सब ब्रोकर, एडवाइजर और स्टॉक एक्सचेंज जैसे मार्केट पार्टिसिपेंट की निगरानी करता है।

नुकसान

  • शेयर बाजार में निवेश को जोखिम भरा माना जाता है। इसमे सामने वाले व्यक्ति का निवेश दोगुना होने के साथ नुकसान भी दे सकता है।
  • कंपनी के दिवालिया होने पर आपके निवेश किए गए पैसे भी डूब सकते हैं। यह कंपनी के नियमों पर निर्धारित किया जाता है।
  • शेयर की कीमतें वोलैटिलिटी के कारण बार-बार बढ़ती और गिरती हैं। कई इन्वेस्टर लालच के कारण हाई वैल्यू पर एक शेयर खरीद लेते हैं और डर से कम कीमत पर शेयर बेच देते हैं। इस तरह उन्हे नुकसान होता है।
  • जब किसी कंपनी को बंद कर दिया जाता है, तो शेयर धारकों को भुगतान अंतिम में किया जाता है।

FAQ

किसी कंपनी का शेयर कब बढ़ता है?

शेयर की कीमत में परिवर्तन होता है क्योंकि आपूर्ति और मांग संतुलन में बदलाव होता है। जब स्टॉक की मांग अधिक होती है लेकिन कम आपूर्ति होती है, तो इससे उन शेयरों की कीमत बढ़ जाती है।

शेयर मार्केट में नुकसान कब होता है?

शेयर मार्केट में नुकसान तब होता है जब निवेशक बिना कोई रिसर्च किए बाजार में निवेश करते हैं और दूसरों की सलाह पर शेयर खरीदते और बेचते हैं। इसलिए पहले सही जानकारी हासिल कर लें।

भारत में कुल कितने शेयर बाजार हैं?

भारत में SEBI द्वारा मान्यता प्राप्त 23 स्टॉक एक्सचेंज हैं। इनमें दो BSE और NSE के राष्ट्रीय स्तर के स्टॉक एक्सचेंज हैं। इसके अलावा 21 रीजनल स्टॉक एक्सचेंज यानी RSE हैं।

शेयर मार्केट में पैसा कब लगाएं?

शेयर मार्केट में पैसा लगाने का सबसे अच्छा सही समय मंदी या फिर गिरावट के वक्त होता है क्योंकि जब पूरा शेयर बाजार डरा हुआ होता है तो निवेशक अपने खरीदे हुए शेयर बेचने लगते हैं जिससे आपको मजबूत कंपनियों के शेयर सस्ते दाम में खरीदने को मिल जाते हैं इसीलिए आपको गिरावट के समय शेयर बाजार में पैसा लगाना चाहिए।

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Conclusion

इस लेख मे आपको “शेयर क्या होता है, शेयर कितने प्रकार के होते हैं” से संबंधित जानकारी विस्तार से समझाने का प्रयास किया गया है। मुझे पूरी उम्मीद है की आपको मेरे द्वारा यह लेख “ शेयर क्या होता है, शेयर कितने प्रकार के होते हैं ” पसंद आया होगा। अगर आपका कोई भी सवाल है या फिर किसी भी अन्य सहायता के लिए कमेन्ट कर सकते हैं।

उम्र में युवा और तजुर्बे में वरिष्ठ रोहित यादव हरियाणा के रहने वाले हैं। पत्रकारिता में डिग्री रखने के साथ इन्होंने अपनी सेवाएं कई मीडिया संस्थानों को दी हैं। फिलहाल ये पिछले लंबे समय से अपनी सेवाएं 'All in Hindi' को दे रहे हैं।

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