TLC kya hota hai | टीएलसी बढ़ने से कौन सी बीमारी होती है?

टीएलसी क्या होता है? | टीएलसी बढ़ने पर क्या करें?

TLC kya hota hai: जीवन में आप अब तक कई बार बीमार हुए होंगे और ज्‍यादातर समय आपको खांसी, बुखार और जुखाम जैसी समस्‍या देखने को मिलती है। इन समस्‍याओं के लिए हम लोग ज्‍यादातर समय डॉक्‍टर के पास भी नहीं जाते हैं। क्‍योंकि हमें लगता है कि ये तो ऐसे ही ठीक हो जाएगी।

लेकिन जब भी आप डॉक्‍टर के पास गए होंगे तो आपने देखा होगा कि सबसे पहले डॉक्‍टर आपको TLC टेस्‍ट करवाने को बोलता है। ये TLC टेस्‍ट क्‍या होता है? इसका महत्‍व क्‍या होता है? TLC टेस्‍ट से क्‍या पता लगता है? यदि आप भी नहीं जानते हैं कि टीएलसी क्या होता है? तो हमारे इस लेख को अंत तक पढि़ए।

अपने इस लेख में हम आपको विस्‍तार से बताएंगे क‍ि TLC kya hota hai. साथ ही टीएलसी बढ़ने पर क्या करें? टीएलसी बढ़ने पर क्या खाना चाहिए?

TLC kya hota hai

टीएलसी क्या होता है यह जानने से पहले हम आपको आपको TLC की Full Form बता दें। TLC की Full Form होती है ‘Total Leukocyte Count’ इसे TLC या DLC कहा जाता है। यदि हम TLC की बात करें तो इसके जरिए हमें पता चलता है कि हमारे शरीर में फिलहाल कितनी ‘सफेद रक्‍त कोशिकाएं’ (White Blood Cells) मौजूद हैं। जबकि DLC से हमें अपने शरीर में मौजूद सफेद रक्‍त कोशिकाओं (White Blood Cells) के प्रतिशत के बारे में जानकारी मिलती है।

इसकी जांच तब होती है। जब हम बीमार हो जाते हैं। इसके लिए डॉक्‍टर एक छोटी सी सुई से हमारे शरीर के किसी हिस्‍से का एक बूंद खून निकाल लेता है। जिसके बाद उस खून को लैब के अंदर भेजा जाता है। लैब से जांच होने के बाद उसकी रिपोर्ट आने के बाद हमें पता चलता है कि हमारे शरीर में फिलहाल कितनी सफेद रक्‍त कोशिकाएं मौजूद हैं। TLC जांच की रिपोर्ट हमें एक दिन में बड़े आराम से मिल जाती है। जबकि कई बड़े अस्‍पतालों में तो ये फिलहाल तुरंत भी मिल जाती है।

टीएलसी क्या होता है

हम आपको बता दें कि कभी भी खून की जांच केवल एक काम के लिए नहीं की जाती है। इसलिए जब इसकी रिपोर्ट आती है, तो उसके अंदर लाल रक्‍त कणिकाएं, सफेद रक्‍त कोशिकाएं, प्‍लेटलेट्स और हीमोग्‍लोबिन की मात्रा भी दिखाई देती है। जो कि आप अपनी रिपोर्ट में देख भी सकते हैं।

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TLC का क्‍या काम होता है?

TLC का हमारे शरीर में बेहद ही महत्‍वपूर्ण काम होता है। TLC का काम हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधकता की क्षमता को बढ़़ाना होता है। जिससे हमारे शरीर को रोगों से लड़ने की शाक्ति मिलती है। यदि हम एक सामान्‍य आदमी की बात करें तो उसके अंदर 4 हजार से लेकर 11 हजार तक TLC यानि सफेद रक्‍त कोशिकाएं पाई जाती हैं।

ये संख्‍या कई बार उम्र के साथ घटती और बढ़ती भी रहती है। इसलिए इससे हमें घबराना नहीं चाहिए। लेकिन यदि इसके अंदर ज्‍यादा उतार चढ़ाव आता है, तो हमें सचेत हो जाने की जरूरत होती है। क्‍योंकि इससे आपका शरीर रोगों की चपेट में आ सकता है।

TLC टेस्‍ट क्‍यों किया जाता है?

आपने अभी तक ये तो जान लिया कि जब भी हम बीमार हो जाते हैं तो डॉक्‍टर हमें TLC टेस्‍ट करवाने की सलाह देता है। साथ ही उस टेस्‍ट से हमें क्‍या जानकारी मिलती है। इसका भी आपको पता लग गया। आइए अब हम आपको बताते हैं कि एक डॉक्‍टर को कब लगता है कि मरीज का TLC टेस्‍ट करवाना जरूरी है।

इसका जवाब है कि जब किसी भी मरीज के शरीर में खून में किसी तरह की समस्‍या लगती है। तो डॉक्‍टर TLC टेस्‍ट करवाता है। साथ ही एलर्जी, संक्रमण, एनीमिया जैसी समस्या के अंदर भी डॉक्‍टर TLC टेस्‍ट करवाने की सलाह देता है। इसके अलावा यदि आपके शरीर में किसी तरह का इंफेक्‍शन हो गया है और लंबे समय से ठीक नहीं हो रहा है तो भी आपका TLC टेस्‍ट करवाना उचित समझा जाता है।

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TLC जांच की खास बात ये होती है कि ये सीधे आपके खून की जांच करती है। जिससे सीधे तौर पर डॉक्‍टर को आपकी बीमारी का पता चल जाता है। क्‍योंकि खून हमारे पूरे शरीर में दौड़ता है। ऐेसे में जब शरीर के किसी भी हिस्‍से में समस्‍या होगी तो खून की जांच में वो जरूर आ जाएगी। जबकि तमाम दूसरी जांच कभी कभी इतनी बारीकी से बीमारी का पता नहीं लगा पाती हैं।

TLC बढ़ने का क्‍या मतलब होता है?

TLC यानि सफेद रक्‍त कोशिकाओं की संख्‍या जब हमारे शरीर में अचानक से बढ़ने लगती है, तो इसके कई मायने निकाले जाते हैं। इसका पहला संकेत तो ये है हम किसी तरह की संक्रमण वाली बीमारी से ग्रसित हो चुके हैं। जिससे हमारा शरीर लड़ने में लगा हुआ है। क्‍योंकिे आमतौर पर तो TLC की संख्‍या 11 हजार से ऊपर नहीं जाती है।

tlc बढ़ने के कारण

लेकिन यदि यह ऊपर जाती है। तो इसका मतलब हमारा शरीर इस समय जिस संक्रमण से लड़ रहा है, वो बीमारी गंभीर है। जिससे 11 हजार सफेद रक्‍त कोशिकाएं लड़ नहीं पा रही थी। इसलिए इनकी संख्‍या बढ़ गई। TLC बढ़ने का एक मतलब तो स्‍पष्‍ट है कि आपका शरीर किसी तरह की समस्‍या का सामना कर रहा है। लेकिन इसमें अच्छी बात ये हैं कि आपका शरीर उस समस्‍या से छुटकारा पाने के लिए लड़ भी रहा है। जिससे एक तरह से कुछ समय बाद आपको आराम मिल जाएगा।

TLC बढ़ने के कारण

TLC बढ़ने के कई कारण होते हैं। आइए आपको एक एक करके सभी कारण बताते हैं। जिनके कारण किसी भी इंसान के शरीर की TLC की संख्‍या बढ़ जाती है।

  • TLC बढ़ने का पहला कारण ये होता है कि हमारा शरीर किसी संक्रमण वाली बीमारी की चपेट में आ चुका है। जिससे इस समय हमारा शरीर लड रहा है। इसके चलते आपके शरीर की टीएलसी की मात्रा बढ़ चुकी है।
  • इसके अलावा यदि आपके शरीर पर कहीं फोड़ा, फुंसी हो जाती है तो भी TLC बढ़ना बेहद आम बात होती है। इससे आपको किसी भी तरह से घबराने की जरूरत नहीं होती है।
  • इसके बाद आपके शरीर के हिस्‍से पर चोट या कट आदि लग जाए तो भी आपकी TLC बढ़ सकती है।

TLC कम होने के कारण

TLC घटने के भी कई कारण होते हैं। लेकिन TLC का घटना कभी भी हमारे शरीर के लिए अच्‍छा नहीं कहा जाता है। आइए एक एक करके TLC घटने के सभी कारण जानते हैं।

  • TLC कम होने का पहला कारण ये है कि आपका शरीर TLC बनाने में सक्षम ही नहीं हो। यदि ऐसा है तो यह बेहद गंभीर संकेत है। इसके लिए आपको तुरंत डॉक्‍टर से संपर्क करना चाहिए।
  • इसके अलावा संभव है किे आपका शरीर इस समय जिस बीमारी से लड़ रहा हो उससे लड़ने में आपके शरीर की एक बड़ी मात्रा में TLC खत्‍म हो गई हो। जिससे खून की जांच में ये संख्‍या कम आ रही हो। लेकिन इससे आपको थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है। घबराना बिल्‍कुल नहीं है। क्‍योंकि बीमारी से निजात मिलने के बाद आपका शरीर फिर से TLC की संख्‍या दोबारा से सही कर लेगा।

TLC की संख्‍या सही करने के लिए क्‍या करें?

यदि आप एक स्‍वस्‍थ व्‍यक्ति हैं तो आपको चाहिए कि आप कुछ ऐसे उपाय अपनाएं जिससे TLC कभी भी कम होने या बढ़ने की समस्‍या से ही आपको जूझना ना पड़े। इसके लिए जरूरी है कि आप अपना सही खान पान रखें। खाने में फल और हरी सब्‍जियों का प्रयोग करें। साथ ही बाहर का खाना खाने से बचें। इसके अलावा नियमित योगा अभ्‍यास करने की कोशिश करें।

इसके बाद यदि आपको लगता है कि आपकी रोग प्रतिरोधकता क्षमता कम है, तो आप इसके लिए कुछ आर्युवेद की दवाइयों का प्रयेाग कर सकते हैं। जिससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता तेजी से बढ़ सकती है। ये दवाइयां आपको अपने आसपास के मेडिकल स्‍टोर पर मिल जाएंगी। साथ ही इनसे आपके शरीर को किसी तरह का नुकसान भी नहीं होता है।

इसके अलावा TLC को सही रखने का एक अलग उपाय ये है कि आप ऐसी जगहों पर जाने से बचें जहां संक्रमण की समस्‍या देखने को मिल सकती है। संक्रमण वाली चीजों को खाने से बचें। साथ ही किसी का जूठा खाने से दूर रहें। बाहर का खाना जब भी खाएं तो दाम से ज्‍यादा इस बात का ध्‍यान दें कि आप जहां खाना खा रहे हैं।

वहां साफ सफाई और खाने को बनाने में पूरी तरह से स्‍वच्‍छता के नियमों का पालन किया गया है कि नहीं। क्‍योंक‍ि कहा जाता है कि समस्‍या को आने से पहले ही यदि उसका समाधान कर दिया जाए, तो इससे बेहतर कुछ हो नहीं सकता है।

आशा है अब आप समझ चुकें होंगे कि टीएलसी क्या होता है? यदि आपको यह लेख पसंद आया तो इसे पाने दोस्तों के साथ भी शेयर करें।

नमस्कार दोस्तों, मैं रवि "आल इन हिन्दी" का Founder हूँ. मैं एक Economics Graduate हूँ। कहते है ज्ञान कभी व्यर्थ नहीं जाता कुछ इसी सोच के साथ मै अपना सारा ज्ञान "आल इन हिन्दी" द्वारा आपके साथ बाँट रहा हूँ। और कोशिश कर रहा हूँ कि आपको भी इससे सही और सटीक ज्ञान प्राप्त हो सकें।

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