Ved kisne likhe the | चार (4) वेद किसने लिखे थे?

वेद किसने लिखे- Ved kisne likhe the

Ved Kisne Likhe: वेद ज्ञान का सबसे बड़ा भंडार है। यदि कोई इंसान वेद की जानकारी रखता है तो समझिए उसकी हर समस्‍या का समाधान वेद के अंदर ही दिया गया है। बस जरूरत होती है वेदों में लिखी और कही हर बात को समझने की। इसलिए वेद को हमेशा हर समाज में विशेष महत्‍व दिया जाता है।

लेकिन यदि आप वेदों के बारे में अच्‍छे से नहीं जानते हैं तो हमारे इस लेख को अंत तक पढि़ए। अपने इस लेख में हम आपको बताएंगे कि वेद क्‍या होते है? वेदों के कितने प्रकार हैं? वेद किसने लिखे? तो चलिए जानते हैं‍ Ved kisne likhe the…

वेद क्‍या हैं?

Ved kisne likha tha यह जानने से पहले हमें यह जानना जरुरी है कि आखिर वेद क्या है, वेदों का क्या महत्त्व है और क्यों वेदों को पढ़ना जरुरी है।

वेद इस दुनिया का सबसे पहला और प्राचीन धर्म ग्रंथ है। इसी को आधार बनाते हुए दुनिया के तमाम मजहब यानि धर्म बने। जिन्‍होंने वेदों को अपने अपने हिसाब से अपनाने का काम किया। सामान्‍य भाषा में वेद का अर्थ ‘ज्ञान’ होता है। वेदों को किसी ने लिखा नहीं है। बाल्कि पुराने समय में इसे ईश्‍वर ने ऋषि मुनियों को सुनाया गया था।

बस इसी को आधार बनाते हुए आगे चलकर वेदों की रचना की गई। आम लोगों को इसे समझने में आसानी रहे इसलिए इसे चार भागों में बांटा गया है। इससे इन्‍हें समझना तो आसान रहता ही है, साथ ही इन्‍हें इंसान अपनी जरूरत के अनुसार ही पढ़ भी सकता है।

वेदों की रचना किसने की – Ved kisne likhe the

वेदों की रचना किसने की इसका आज तक सही से पता नहीं लगाया जा सका है। क्‍योंकि मनुष्‍य ने तो इसे सिर्फ सरल भाषा में करने का काम किया है। माना जाता है कि हजारों साल पहले जब हमारे ऋषि मुनि गहन तपस्‍या में लीन थे, तो उन्‍होंने ही वेदों के बारे में सुना था।

इसके बाद उन्‍होंने मानव जाति के कल्‍याण के लिए अपने श्ष्यिों को वेद पढ़ाना शुरू कर दिया। जिससे ये जानकारी आगे से आगे बढ़ती चली आई। जो कि आज हमारे सामने है। लेकिन इस बात से एक बात स्पष्‍ट है कि वेद हमारे सामने आज जो हैं वो पूरे केवल आधे अधूरे हैं। वास्‍तव में वेद आज से कहीं बड़े और विस्‍तृत होंगे।

लेकिन आगे चलकर इसे पुस्‍तक के रूप में लिखने का काम किया महर्षि वेदव्‍यास जी ने किया। उन्‍होंने इसे कुल चार भागों में बांट कर लिखा है। जिनके नाम हमने आपको ऊपर बता दिए हैं। लेकिन कुछ विदेशी लोग यह भी कहते हैं कि वेद की रचना वेदव्‍यास ने नहीं की, बाल्कि इसकी रचना तो आर्यो के द्वारा की गई थी।

लेकिन ये जानकारी पूरी तरह से गलत है। इसे केवल इसलिए प्रचारित किया जाता है कि वेद जैसी महत्‍वपूर्ण पुस्‍तक की उत्‍पत्ति भारत के लोगों ने नहीं की। इसलिए इसका श्रेय भारत के म‍हर्षि वेदव्‍यास को ना दिया जाए। आइए अब आपको बताते हैं कि चारों वेदों के अंदर क्‍या बताया गया है।

वेद किसने लिखे

वेद के चार भाग

  • ऋगवेद (Rigveda)
  • यजुर्वेद (Yajurveda)
  • सामवेद (Samved)
  • अथर्ववेद (Atharvaveda)

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ऋगवेद (Rigveda)

यह सबसे पहला वेद है। इसके अंदर देवी देवताओं के बारे में वर्णन मिलता है। उन्‍हें किस तरह से प्रसन्‍न किया जा सकता है। उन्‍हें प्रसन्‍न करने के लिए किस तरह से मंत्र आदि का उच्‍चारण करना चाहिए। इन सबकी जानकारी हमें ऋगवेद के अंदर मिलती है।

इसके अंदर 10 मंडल और 1028 सूक्‍त हैं। साथ ही 11 हजार मंत्र दिए गए हैं। जो‍ कि पूजा पाठ के दौरान बोले जाते हैं। ऋगवेद की भी पांच शाखाएं हैं। जिनका नाम है शाकल्‍प, वास्‍कल, अश्‍लायन, शांखायन मंडूकायन। ऋगवेद के अंदर चिकित्‍सा का भी वर्णन है। जिसमें जल चिकित्‍सा, वायु चिकित्‍सा, सौर चिकित्‍स और हवन के द्वारा की जाने वाली चिकित्‍सा का वर्णन है।

इसके अंदर 125 औषधि का भी जिक्र किया गया है। जो कि 107 जगहों पर पाई जाती हैं। इन औ‍षधियों में सोम का भी वर्णन मिलता है। जिसके जरिए च्‍वन ऋषि को दोबारो से युवा किया गया था। आज के आधुनिक युग में इस वेद का बड़ा महत्‍व है। क्‍योंकि कई बार इस वेद में बताई गई औषधि का हम लोग प्रयोग करते हैं।

यजुर्वेद (Yajurveda)

यजुर्वेद का अर्थ होता है गतिशील। जबकि इसके अंदर ‘जु’ का अर्थ होता है आकाश। इस वेद के अंदर यज्ञ की विधियों का वर्णन किया गया है। यज्ञों में प्रयोग किए जाने वाले मंत्रों का जिक्र किया गया है। इसके अलावा तत्‍वज्ञान का जिक्र किया गया है। जिसके अंदर आप रहस्‍यमयी ज्ञान को अर्जित कर सकते हैं।

इस वेद की दो अलग से शाखाएं भी हैं जो कि शुक्‍ल और कृष्‍ण हैं। इन दोनों शाखाओं में भी इससे जुड़ी जानकारी दी गई है।

सामवेद (Samved)

एक वेद पूरी तरह से संगीत‍ के ऊपर आधारित है। इसमें ज्‍यादातर मंत्र ऋगवेद से लिए गए थे। लेकिन उनमें बदलाव ये किया गया था कि उन्हें एक संगीत की तरह लिखा गया था। जिसे हम लोग गाते हुए बोल सकते हैं। इसमें कुल 1824 मंत्र दिए गए हैं। जिनमें सविता, अग्नि और इंद्र देवी देवताओं के बारे में जिक्र मिलता है।

इस वेद में प्रमुख रूप से तीन शाखाएं हैं और 75 ऋचाएं हैं। इस वेद के बारे में परीक्षाओं में भी कई बार पूछा जाता है।

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अथर्ववेद (Atharvaveda)

इस वेद के अंदर रहस्‍यमयी चीजों, उनकी विधाओं और चमत्‍कार से जुड़ी चीजों का वर्णन किया गया है। साथ ही जड़ी बूटियों और उनसे होने वाले इलाज का वर्णन मिलता है। इस वेद के अंदर बताया गया है कि श्रेष्‍ठ कर्म को करते हुए जो परमात्‍मा की भक्ति में लीन रहता है वो एक दिन मोक्ष को प्राप्‍त करता है।

इस वेद के अंदर कुल 10 अध्‍याय दिए गए हैं। जिनके अंदर 5687 मंत्रों का वर्णन है। जिनको इस वेद के माध्‍यम से पढ़ा जा सकता है।

यूनेस्‍को में भी शामिल है वेद

आज वेद केवल भारत और भारत के लोगों तक ही सीमित नहीं है। इसको यूनेस्‍को तक ने अपनी विश्‍व घरोहर में शामिल किया है। आज की तारीख में वेद सबसे प्राचीन और लिखित ग्रंथ माने जाते हैं। इसलिए वेदों की 28 हजार प्रतियों को पुणे में संभाल कर रखा गया है।

जबकि ऋगवेद की 30 हजार प्रतियों को यूनेस्‍कों की तरफ से विश्‍व विरासत सूची में शामिल किया गया है। इन्‍हें सांस्कृतिक घरोहर की सूची में शामिल किया गया है। जो कि बताता है किे वेद का महत्‍व कितने बड़े स्‍तर पर है।

क्‍या वेदों के अंदर भगवान का जिक्र है?

बहुत से लोग राम, सीता, हनुमान और कृष्‍ण को भी वेदों के अंदर तलाशने की कोशिश करते हैं। लेकिन यह उन लोगों की ये बड़ी भूल होती है। क्‍यों‍कि इनका जन्‍म वेदों के समय नहीं हुआ था। वेदों की रचना तो सृष्टि के आदिकाल से कर दी गई थी। इसलिए उस दौरान तो ये थे ही नहीं।

लेकिन वेद के अंदर भी सरस्‍वती और गंगा नदी का जिक्र आता है। जिसे उसके अदंर भी भगवान के रूप में बताया गया है। शायद इसीलिए लोग आज इन नदियों की पूजा करते हैं।

नमस्कार दोस्तों, मैं रवि "आल इन हिन्दी" का Founder हूँ. मैं एक Economics Graduate हूँ। कहते है ज्ञान कभी व्यर्थ नहीं जाता कुछ इसी सोच के साथ मै अपना सारा ज्ञान "आल इन हिन्दी" द्वारा आपके साथ बाँट रहा हूँ। और कोशिश कर रहा हूँ कि आपको भी इससे सही और सटीक ज्ञान प्राप्त हो सकें।

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