Neutrophils meaning in Hindi | Neutrophils in Hindi
Neutrophils in Hindi- नमस्कार दोस्तों, न्यूट्रॉफिल (Neutrophils) हमारे शरीर में बेहद काम की होती है। लेकिन फिर भी हम इसके बारे में ज्यादा जागरूक नहीं रहते।जबकि हमें चाहिए कि न्यूट्रॉफिल के बारे में हम पूरी जानकारी रखें।
इसलिए आइए आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में न्यूट्रॉफिल के बारे में बताते हैं। न्यूट्रोफिल क्या है और हमारे शरीर में इसका क्या काम होता है। साथ ही न्यूट्रॉफिल की देखभाल हम कैसे कर सकते हैं और न्यूट्रोफिल्स नार्मल रेंज क्या होती है। तो चलिए शुरू करते हैं Neutrophils meaning in Hindi.
न्यूट्रोफिल क्या है
Neutrophils meaning in Hindi- न्यूट्रॉफिल (Neutrophils) को हम आम भाषा में ‘श्वेत रक्त कोशिकाओं’ के नाम से जानते हैं। जो कि हमारे रक्त में मौजूद होती है। इनका काम हमारे शरीर को तमाम संक्रमणशील बीमारियों से बचाना होता है। इसकी कमी से हमारा शरीर वायरस से जुड़ी तमाम बीमारियों से संक्रमित हो जाता है।
Neutrophils meaning in Hindi – श्वेत रक्त कोशिकाओं का एक रूप
न्यूट्रॉफिल की जांच हमारे शरीर के खून के माध्यम से की जाती है। जब हम किसी अस्पताल में अपने खून की जांच करवाते हैं तो डॉक्टर तमाम चेकअप के साथ हमारे शरीर में मौजूद न्यूट्रॉफिल की जांच भी करते हैं और उसी के अनुसार इलाज को आगे बढ़ाते हैं।
न्यूट्रोफिल्स नार्मल रेंज क्या होती है?
यदि हम सामान्य व्यक्ति में न्यूट्रोफिल्स नार्मल रेंज की बात करें तो ये किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में उपस्थित में 40 से 70 प्रतिशत के बीच होती है। न्यूट्रॉफिल संख्या में यदि किसी व्यक्ति के शरीर में अगर ये 5 हजार के करीब हैं तो व्यक्ति स्वस्थ है और यदि एक हजार से लगभग हैं तो उसे सतर्क हो जाने की जरूरत है।
न्यूट्रोफिल्स की नार्मल रेंज – 1500 से 8000 न्युट्रोफिल प्रति माइक्रो लीटर
लेकिन यदि न्यूट्रॉफिल की मात्रा शरीर में 500 से भी कम हो जाती हैं तो व्यक्ति किसी भी संक्रमण वाली बीमारी से ग्रस्त हो सकता है और उसे परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए ऐसी स्थिती में तुरंत अस्पताल में दिखाना चाहिए।
न्यूट्रोफिल्स नार्मल रेंज से क्यों कम हो जाती है?
न्यूट्रॉफिल कम होने का एक प्रमुख कारण रेडिएशन (Radiation) होता है। रेडिएशन हमारे आसपास लगे मोबाइल टावरों और तमाम बिजली से चलने वाले उपकरणों से निकलता है। न्यूट्रोफिल्स नार्मल रेंज में रहें इसका एक ही उपाय है कि हम अपने मोबाइल फोन और बिजली से चलने वाली चीजों को या तो बंद कर दें या अपने शरीर से कुछ दूर करके रखें।
इसके साथ ही कैंसर के जो रोगी कीमोथेरेपी करवा चुके होते हैं उनमें Neutrophils कम होने की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसे लोगों को चाहिए कि कीमोथेरेपी करवाने से पहले अपने शरीर में न्यूट्रॉफिल की मात्रा जरूर चेक करवा लें।
इसके अलावा कुछ ऐसे भी कारण है जिनसे न्यूट्रोफिल्स की मात्रा कम हो जाती है।
न्यूट्रोफिल्स नार्मल रेंज से कम है तो बरतें ये सावधानी
यदि किसी व्यक्ति में न्यूट्रोफिल्स नार्मल रेंज से कम है तो ऐसी स्थिति को न्युट्रोपेनिया के नाम से जाना जाता है। जिन लोगों को पता है कि उनके शरीर में न्यूट्रोफिल्स नार्मल रेंज से बेहद कम है। उन्हें कुछ सावधानी बरतनी चाहिए जिससे वो किसी गंभीर बीमारी से बच सकते हैं। इसमें वो ध्यान रखें कि वो किसी ऐसी जगह पर ना जाएं जहां बहुत भीड़ भाड़ हो।
साथ ही यदि किसी ऐसी जगह जाना जरूरी हो तो फेस मास्क पहन कर रखें, साथ ही फेस मास्क को नियमित तौर पर बदलते भी रहें। ऐसे लोगों को चाहिए कि वो बाहर के खाने की बजाय अपने घर का बना खाना ही खाएं। लेकिन यदि रोगी कि न्यूट्रॉफिल ज्यादा ही कम हो जाती है तो उसे चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
कैसे बढ़ाएं न्यूट्रॉफिल की मात्रा
न्यूट्रॉफिल की मात्रा कम होना हमारे शरीर के लिए एक गंभीर संकेत है लेकिन इसे आप बेहद आसानी से बढ़ा भी सकते हैं। इसके लिए आप बस अपने खान पान में कुछ बदलाव कर दीजिए तो आपके शरीर में न्यूट्रॉफिल की मात्रा तेजी से बढ़ने लग जाएगी।
इसमें आप अपने खान पान में विटामिन सी से भरपूर चीजों का सेवन शुरू करें। जो कि हमें संतरा, केला और सेब आदि में मिलता है। साथ ही विटामिन ई और ओमेगा थ्री का भी खूब सेवन करें।
यदि आप कच्चे मांस मंछली का सेवन करते हैं, तो आप इन्हें हमेशा पूरी तरह से पकाकर ही खाएं। कच्चा मांस आपके शरीर के लिए नुकसानदेह सिद्ध हो सकता है। इसी के साथ आप मछली, अंडे और हरे पत्तेदार सब्जियों का सेवन भी खूब करें। इन सब चीजों से आपके शरीर में कम होती न्यूट्रॉफिल की मात्रा तेजी से बढ़ने लगेगी।
शरीर में न्यूट्रोफिल कितना होना चाहिए?
शरीर में न्यूट्रोफिल 1500 से 8000 न्युट्रोफिल प्रति माइक्रो लीटर
न्यूट्रोफिल बढ़ने का क्या कारण है?
न्यूट्रोफिल बढ़ने का कारण सर्जरी, दुर्घटना, तम्बाकू का सेवन, गर्भावस्था, मोटापा, और कुछ विशेष प्रकार की दवाए होतीं है।
न्यूट्रोपेनिया के क्या क्या कारण है?
न्यूट्रोपेनिया में न्यूट्रोफिल की संख्या प्रति माइक्रो लीटर रक्त में 1500 से कम हो जाती है। ऐसा किसी संक्रमण, विटामिन की कमी, बोन मेरो के रोग, जन्मजात रोग व कुछ प्रकार की दवाओं के कारण से होता है।
अंतिम शब्द
दोस्तों आज अपने इस लेख में जाना कि न्यूट्रोफिल क्या है, Neutrophils meaning in Hindi और न्यूट्रोफिल्स नार्मल रेंज क्या है। दोस्तों covid जैसी महामारी ने आपको हमको और पुरे देश दुनिया को हिला कर रख दिया है।
इसलिए हमारी यह जिम्मेदारी बनती है की हम इसे बढ़ने से रोकें। और इसे तभी रोका जा सकता है जब हम सभी इम्युनिटी से भरपूर हों और social distancing का पालन करें। इसलिए समय समय पर या जब भी आवश्यक हो अपना चेकअप करवातें रहें।