चांद पर सबसे पहले कौन गया था?

Chand per sabse pahle kaun gaya tha: हमारे देश में चांद के ऊपर अबतक अनेकों गाने बन चुके हैं। साथ ही चांद के ऊपर ना जाने कितनी प्रेम कहानियां हमने सुनी और पढ़ी हैं। लेकिन क्‍या आप चांद के बारे में अच्‍छे से जानते हैं। जैसे कि चांद कहां रहता है। साथ ही चांद पर सबसे पहले कौन गया था। यदि नहीं तो हमारे इस लेख को अंत तक पढि़ए।

अपने इस लेख में हम आपको जानकारी देंगे कि चांद पर सबसे पहले कौन गया था। साथ ही चांद पर अबतक कुल कितने लोग जा चुके हैं। इसके अलावा चांद से जुड़े कुछ रोचक तथ्‍य जो शायद आप अबतक नहीं जानते होंगे।

चांद क्‍या है?

चांद पर सबसे पहले कौन गया था इसके बारे में हम आपको जानकारी दें इससे पहले आइए एक बार हम आपको जानकारी दें कि चांद क्‍या है। तो हम आपको बता दें कि चांद पृथ्‍वी का ही एक उपग्रह है। जो कि पृथ्‍वी की कक्षा के चक्‍कर लगाने का काम करता रहता है।

बहुत से लोगों को लगता है कि चांद खुद से रोशनी करता है। तो हम आपको बता दें कि चांद का कोई खुद का प्रकाश नहीं होता है। साथ ही चांद भी उसी समय से मौजूद है जब से पृथ्‍वी के मौजूद होने के साक्ष्‍य मिले हैं।

चांद पर सबसे पहले कौन गया था

चांद पर सबसे पहले कौन गया था? (World)

आइए अब हम आपको एक टेबल (Table) के माध्‍यम से जानकारी देते हैं कि चांद पर सबसे पहले कौन गया था। इसमें सबसे पहले हम आपको दुनिया के उन लोगों के नाम बताते हैं जो चांद पर पहले पहुंचे थे। क्‍योंकि भारत के कदम चांद पर पड़ने में काफी लंबा समय लग गया था।

क्रम

नाम

मिशन

वर्ष

1.

नील आर्मस्‍ट्रॉन्‍ग

APPOLO 11

1969

2.

बज एल्ड्रिन

APPOLO 11

1969

3.

पेटे कॉनराड

APPOLO 12

1969

4.

एलन बीन

APPOLO 12

1969

5.

एलन शेपर्ड

APPOLO 14

1971

6.

एडगर मिशेल

APPOLO 14

1971

7.

डेविड स्‍कॉट

APPOLO 15

1971

8.

जेम्‍स इरविन

APPOLO 15

1971

9.

जॉन यंग

APPOLO 16

1972

10.

चार्ल्‍स ड्यूक

APPOLO 16

1972

11.

यूजीन सेरनन

APPOLO 17

1972

12.

हैरिसन श्मिट

APPOLO 17

1972

NOTE: यह जानकारी मार्च 2024 तक के आंकड़ों पर आधारित है।

चांद पर सबसे पहले कौन गया था? (India)

चांद पर जाने वाले भारतीयों की लिस्‍ट यदि हम इंटरनेट से तलाश्‍ते हैं तो हमें राकेश शर्मा (1984), कल्‍पना चावला और सुनीता विलियम्‍स की जानकारी मिलती है। लेकिन यह पूरी तरह से सच नहीं है। राकेश शर्मा कभी चांद पर नहीं गए थे। वो केवल अंतरिक्ष में ही गए थे।

जबकि कल्‍पना चावला और सुनीता विलियम्‍स चांद पर गयी अवश्‍य थी। पर हम उन्‍हें भारतीय नहीं कह सकते हैं। क्‍योंकि वह एक अमेरिकी नागरिक थी। यही वजह है कि उनके ऊपर अमेरिका का झंडा दिखाई देता है। जबकि राकेश शर्मा के साथ अपना तिरंगा लगा होता है। हालांकि, परीक्षा की दृष्टि से आज भी राकेश शर्मा सही उत्‍तर माना जाता है। इसे आप केवल साक्षात्‍कार के दौरान बता सकते हैं।

पिछले 50 सालों में कोई चांद पर क्‍यों नहीं गया?

अगर आपने ऊपर दी गई टेबल में गौर किया हो तो देखा होगा कि पिछले 51 साल से कोई भी आदमी चांद पर नहीं गया है। जबकि आज तो और भी ज्‍यादा आधुनिक तकनीक आ चुकी है। इसका सबसे सही जवाब ये है कि उस समय दूसरे विश्‍व युद्ध के बाद अमेरिका स्‍पेस में अपनी ताकत दिखाना चाहता था। इसलिए उसने एक के बाद एक अंतरिक्ष यान भेजने शुरू कर दिए। जिसमें कई अंतरिक्ष यात्री भी भेजे।

लेकिन फिर उसे अहसास हुआ कि चांद पर इंसान भेजने में फायदा कोई नहीं होता है। जबकि खर्चा बहुत ज्‍यादा हो जाता है। यही वजह है कि उसके बाद अमेरिका ने चांद पर से सूचनाएं प्राप्‍त करने क लिए दूसरे तरीके अपना लिए। जिसमें मानव रहित अंतरिक्ष यान सबसे कारगर तरीका रहा। लेकिन उनमें किसी इंसान को नहीं भेजा। हालांकि, लंबे अंतराल के बाद अब संभव है कि साल 2024 में अमेरिका फिर से चांद पर इंसान भेजे और ये दुनिया के देशों में दोबारा से चांद पर जाने की होड़ लग जाए।

हालांकि, भारत की तरफ से फिलहाल चांद पर कोई नहीं जाने वाला है। हमारा चंद्रयान 3 मिशन भी मानव रहित होगा। इस बात की जानकारी इसरो ने काफी पहले दे दी थी। संभव है कि इसरो भी कभी खर्च को देखते हुए ही चांद पर इंसान नहीं भेजना चाहता हो।

चांद से जुड़े 5 कुछ रोचक तथ्‍य

  • चांद का आकार पृथ्‍वी के आकार का केवल 27 फीसदी ही है। जबकि इसका क्षेत्रफल अफ्रीका के बराबर है।
  • पृथ्‍वी पर से देखने से चंद्रमा का आकार भले ही गोल है। पर चांद का असली आकार अंडाकार नुमा है।
  • नील आर्मस्‍ट्रोग ने जब चांद पर पहला कदम रखा तो उसका निशान आजतक चांद पर बना हुआ है। जो कि अगले लाखों वर्षो तक उसी तरह वहां बना रहेगा।
  • खबरों की मानें तो साल 1950 में अमेरिका ने रूस को अपनी ताकत का अहसास कराने के लिए चांद को एटम बम से खत्‍म करने तक की योजना बनाई थी। ताकि रूस उससे खौफ खा जाए। लेकिन यह केवल योजना मात्र रह गया।
  • अगर इस लेख तक पहुंचने में आपको जरा भी लगा कि आपका इंटरनेट धीरे है तो आप सीधा चांद पर जा सकते हैं। क्‍योंकि NASA ने चांद पर 19 MBPS की स्पीड से Wi Fi की व्‍यवस्‍था की है। यह मजाक नहीं एकदम सच है।

FAQ

चांद पर सबसे पहले कौन गया था?

चांद पर सबसे पहले नील आर्मस्‍ट्रोग गए थे। जो‍ कि साल 1969 के दौरान अपोलो मिशन पर गए थे।

चांद पर वैज्ञानिक कैसे जाते हैं?

चांद पर वैज्ञानिक इसरो और नासा के अंतरिक्ष यान की मदद से जाते हैं। जो कि इसरो के द्वारा समय समय पर छोड़ा जाता है।

चांद पर आम आदमी कैसे जा सकता है?

चांद पर अभी तक केवल वैज्ञानिक ही जा सकते हैं। आम लोगों को चांद पर जाने की किसी तरह से इजाजत नहीं है।

चांद पर एक मिशन भेजने में कितना खर्च आता है?

चांद पर एक मिशन भेजने में कई सौ करोड़ का खर्च आता है। यही वजह से अब चांद पर खर्च को कम करने के लिए मानव रहित मिशन भेजे जाते हैं।

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Conclusion

आशा है कि अब आप समझ गए होंगे कि चांद पर सबसे पहले कौन गया था। साथ ही उनके वर्ष और नाम क्‍या थे। साथ ही आपने चांद से कुछ रोचक जानकारी हासिल की। जिसे शायद आप अबतक नहीं जाते होंगे। अगर आपको हमारा ये लेख पसंद आया है तो हमारे इस लेख को दोस्‍तों के साथ ही शेयर करें। साथ ही नीचे कमेंट बॉक्‍स में बताएं कि क्‍या आपको पता था कि चांद पर अभी तक कोई भारतीय नहीं गया है।

उम्र में युवा और तजुर्बे में वरिष्ठ रोहित यादव हरियाणा के रहने वाले हैं। पत्रकारिता में डिग्री रखने के साथ इन्होंने अपनी सेवाएं कई मीडिया संस्थानों को दी हैं। फिलहाल ये पिछले लंबे समय से अपनी सेवाएं 'All in Hindi' को दे रहे हैं।

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