क्रेडिट कार्ड वसूली नियम क्या है?

Credit card Vasooli niyam: हमारे देश में जिस तरह से क्रेडिट कार्ड की संख्‍या बढ़ रही है उसी तरह से क्रेडिट कार्ड से लोन लेने वालों की संख्‍या भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में जो लोग बिना सोचे समझे लोन तो ले लेते हैं, पर जब उसे चुकाने की बारी आती है तो लोग गहरी परेशानी में फंस जाते हैं।

इसलिए यदि आप भी समझना चाहते है कि क्रेडिट कार्ड वसूली नियम क्‍या है। तो हमारे इस लेख को अंत तक पढि़ए। अपने इस लेख में में क्रेडिट कार्ड वसूली नियम के बारे में पूरी जानकारी देंगे। साथ ही बताएंगे कि क्‍या लोन ना चुकाने पर आपको जेल भी जाना पड़ सकता है।

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वसूली नियम क्‍या होता है?

क्रेडिट कार्ड वसूली नियम के बारे में हम आपको जानकारी दें, उससे पहले आइए एक बार हम आपको जानकारी देते हैं कि वसूली किसे कहते हैं। तो हम आपको बता दें कि वसूली उसे कहा जाता है जिसके अंदर आपने कोई चीज ली थी, लेकिन यदि आप उसे चुका नहीं पा रहे हैं तो सामने वाली पार्टी आपसे वसूली करना चाहती है।

यानि आपने जो पैसा या चीज ली थी उससे जुड़ी जो भी चीजें आपके पास मौजूद हों, उसकी मदद से उसकी भरपाई की जाए। इसे भी वसूली कहा जाता है। लेकिन क्रेडिट कार्ड की वसूली एक नियम के तहत होती है। जिसका पालन हर कंपनी करती है।

क्रेडिट कार्ड वसूली नियम

वसूली की नौबत कब आती है?

  • वसूली की नौबत तब आती है जब आप अपनी औकात से ज्‍यादा लोन लेते हैं और बाद में चुकाने में असमर्थ हो जाते हैं।
  • वसूली की नौबत तब आती है जब आप बिना आगे के बारे में सोचे समझे लोन ले लेते हैं। लेकिन उसे चुका नहीं पाते हैं।
  • वसूली की नौबत तब आती है जब आप लोन तो ले लेते हैं, लेकिन लोन के तुरंत बाद कुछ ऐसा हो जाता है जिससे आप लोन चुकाने में असमर्थ हो जाते हैं।
  • जब आपकी नीयत खराब होती है तब आप लोन तो ले लेते हैं। लेकिन उसे चुकाते नहीं हैं। जिससे कंपनी को उसकी वसूली करनी पड़ती है।

क्रेडिट कार्ड वसूली नियम क्‍या है?

आइए अब हम आपको जानकारी देते हैं कि क्रेडिट कार्ड वसूली नियम क्‍या है। यहां हम आपको बैंक की तरफ से वसूली के जितने भी तरीके अपनाएं जाते हैं। उन सबकी जानकारी साझा करेंगे। लेकिन ये बात बैंक पर निर्भर करता है कि वसूली के लिए वो कहां तक जाने की कोशिश करती है।

बैंक से बार बार फोन करके परेशान करते हैं

क्रेडिट कार्ड वसूली नियम ये कहता है कि यदि आप बैंक का लोन एक समय सीमा के बाद भी नहीं चुकाते हैं तो बैंक के कस्‍टमर केयर से आपको फोन आने लगेंगे। जिनकी तरफ से आपको कहा जाएगा कि आपने कब लोन लिया था, साथ ही कब उसे चुकाना था और आज उसके ऊपर कितना ब्‍याज हो गया है। कई बार तो ये फोन देर रात को और सुबह सुबह आने लगते हैं।

वो लोग कहते हैं कि इस लोन को आप जल्‍दी ही चका दें। ता‍कि आपको लोन से छुटकारा मिल सके। ये बार बार नंबर बदलकर फोन करेंगे। ताकि आप उन्‍हें समझ भी ना पाएं और लोगों के बीच में बात करते हुए भी शर्म महसूस करें। हर बैंक का ये पहला तरीका होता है।

क्रेडिट कार्ड को ब्‍लॉक कर देते हैं

यदि आप फोन करने के बाद भी लोन नहीं चुकाते हैं तो क्रेडिट कार्ड वसूली नियम ये कहता है कि ग्राहक का क्रे‍डिट कार्ड ब्‍लॉक कर दीजिए। इससे आप भविष्‍य में कहीं लेन देन नहीं कर पाएंगे। जिससे आपको समस्‍या होगी। लिहाजा यदि आपको लगेगा कि समस्‍या बढ़ रही है तो आप सबसे पहले लोन चुकाने जाएंगे।

इसके बाद आपके क्रेडिट कार्ड को अनब्‍लॉक कर दिया जाएगा। इसलिए कई बार ग्राहक के क्रेडिट कार्ड को ब्‍लॉक करके भी बैंक कोशिश करते हैं कि सामने वाला ग्राहक लोन चुका दे। ता‍कि बैंक का वो नुकसान होने से बच जाए।

लेट फीस का डर दिखाया जाता है

क्रेडिट कार्ड वसूली नियम के अंदर कई बार बैंक ग्राहक को समय बीतने के साथ लेट फीस का डर भी दिखाने का काम करता है। जिसके अंदर ग्राहक को बार ये चेतावनी देता है कि यदि आपने ये लोन इस तारीख तक नहीं चुकाया तो आपको इतनी लेट फीस देनी होगी।

जिससे ग्राहक के मन में डर बैठ जाता है कि समय के साथ ये लोन तो बढ़ता ही जाएगा। ऐसे में इसे चुकाने में ही भलाई है। ताकि आगे चलकर ये लोन परेशान ना करे। साथ ही वो ग्राहक चिंता मुक्‍त हो सके। इसके अलावा इस डर को दिखाकर बैंक अपना काम निकाल लेता है।

ज्‍यादा ब्‍याज लिया जाने लगता है

कई बैंक ऐसे होते हैं कि वो समय के साथ ज्‍यादा ब्‍याज चार्ज करना शुरू कर देते हैं। जैसे कि आपने कोई लोन लिया और उसे 3 महीने तक नहीं चुकाया तो 0 प्रतिशत ब्‍याज लगेगा, उसके तीन महीने के बाद 10 प्रतिशत और अगले तीन महीने के बाद 20 प्रतिशत और इस तरह से आगे चलकर ब्‍याज बढ़ता चला जाएगा।

इस तरह से ग्राहक सोचता है कि एक दिन लोन का पैसा ही कई गुना तक चला जाएगा। ऐेसे में उसे चुकता ही कर देने में भलाई है। जिससे ग्राहक भी चिंता मुक्‍त हो जाए और बैंक का काम बन जाए। लोन चुकाने में यह काफी अहम तरीका माना जाता है।

घर पर लिखित नोटिस भेजकर

यदि बैंक इन सब तरीकों को अपना लेता है और फिर भी ग्राहक टस से मस नहीं होता है तो क्रेडिट कार्ड वसूली नियम ये कहता है कि बैंक आपको एक नोटिस भेज सकता है। जिसके अंदर कुछ जानकारी दी गई होती हैं। साथ ही लोन ना चुकाने पर आपके खिलाफ क्‍या कार्रवाई की जाएगी उसका डर दिखाया जाता है।

इस तरह से काफी सारे लोग नोटिस देखकर डर जाते हैं और भागे भागे बैंक जाते हैं और सारा लोन चुकता कर देते हैं। क्‍योंकि नोटिस का आज भी हमारे देश में काफी ज्‍यादा महत्‍व है। जिससे लोग डर जाते हैं कि नोटिस आ गया तो आगे चलकर घर पर पुलिस भी आ सकती है।

एजेंट को घर भेजकर

कई बार ऐसा भी देखा गया है कि बैंक आपके घर पर एजेंट भेज देता है। जो‍ कि आपका नाम लेकर पूछता है और यदि आप मिलते हैं तो आपसे लोन चुकाने को कहता है। जिससे आपके ऊपर एक तरह से दबाव बनता है। और यदि उस समय आपके घर पर कोई इंसान बैठा हो तो ये दबाव और बढ़ जाता है।

ग्राहक को ब्‍लैक लिस्‍ट करके

क्रेडिट कार्ड वसूली नियम के अंदर यदि ग्राहक हर तरह से पैसे चुकता करने को तैयार नहीं होता है तो बैंक की तरफ से ग्राहक को ब्‍लैक लिस्‍ट कर दिया जाता है। जिससे वो ग्राहक उस बैंक की कोई भी सेवा नहीं ले पाता है। इस तरह से आप देख सकते हैं कि ग्राहक को यदि बैंक ब्‍लैक लिस्‍ट कर दे तो उस ग्राहक लिए उस बैंक के दरवाजे पूरी तरह से बंद हो जाएंगे।

जिससे कई बार ग्राहक तुरंत अपना लोन चुकता कर देता है। ता‍कि यदि उस बैंक के अंदर उसके कई सारे खाते हैं तो वो सभी चालू हो जाएं। जिससे वो लेन देन आसानी से कर सके। इस तरीके से भी अक्‍सर काफी सारे लोग लोन चुका देते हैं।

ग्राहक को डिफॉल्‍टर बनाकर

कई बार किसी ग्राहक को बैंक डिफाल्‍टर तक बता देता है। लेकिन यह केवल तभी करता है जब राशि ज्‍यादा हो। ऐसे में बैंक उस ग्राहक का नाम और फोटो आदि चस्‍पा कर देता है। साथ ही उसकी जानकारी अखबारों में भी निकलवा देता है।

जिससे उस ग्राहक की बदनामी होने लगती है। इस तरह से वो ग्राहक बदनामी के डर से बचने के लिए अपना लोन बैंक में चुकता कर देता है। साथ ही डिफॉल्‍टर की लिस्‍ट से बाहर हो जाता है। क्‍योंकि डिफॉल्‍टर नाम अपने आप में काफी बदनाम है।

वकील से बात करवाकर

कई बार क्रेडिट कार्ड वसूली नियम के अंदर बैंक की तरफ से किसी वकील का फोन भी आता है। जिसमें वो वकील खुद को हाईकोर्ट का वकील बताता है। साथ ही लोन ना चुकाने पर आपके खिलाफ केस फाइल करने की धमकी देता है।

इस तरह से कई बार लोग वकील की बात को सुनकर डर जाते हैं और अपना सारा बकाया लोन चुकता कर देते हैं। क्‍योंकि आज के समय में हर कोई कोर्ट और कचेरी के नाम से डर जाता है। और वकील तो बातचीत के दौरान ऐसी ऐसी धाराएं बता देता है कि वो डर से कांपने लगता है।

कोर्ट का नोटिस भेजकर

इसके बाद भी यदि आप लोन नहीं चुकाते हैं तो आपको कई बार कोर्ट का नोटिस भी आ जाता है। जो कि काफी अहम होता है। क्‍योंकि कोर्ट के नोटिस का यदि आप जवाब नहीं देते हैं तो आपके खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई भी हो सकती है।

इसलिए हम कहना चाहते हैं‍ कि यदि आपके पास कोर्ट का नोटिस आता है तो वकील के माध्‍यम से उसका जवाब अवश्‍य फाइल करें। अन्‍यथा आपको आगे चलकर परेशानी हो सकती है। जिसके बाद में आपको लोन भी चुकाना होगा और समाज में बदनामी भी उठानी होगी।

सिविल मुकद्दमा दर्ज करवाकर

यदि फिर भी बात नहीं बनती है तो कंपनी आपके खिलाफ सिविल कोर्ट में केस दर्ज करवा सकती है। जिसके बाद आपके ऊपर केस चलेगा और आपकी तरफ से भी एक वकील होना चाहिए। जो कि आपका पक्ष कोर्ट में रखने का काम करेगा।

इसके बाद काफी समय तक सुनवाई होगी, जिसके बाद कोर्ट फैसला सुनाएगा जो कि आपको मानने के लिए बाध्‍य होना पड़ेगा। इसलिए यदि आपको लगता है कि मामला कोर्ट जा सकता है तो आप पहले ही मामले को निपटा लें। अन्‍यथा कोर्ट में समय और पैसा दोनों खराब होंगे।

ग्राहक की संपत्ति नीलाम करके

मामला कोर्ट में जाने के बाद यदि आप फिर भी क्रेडिट कार्ड का लोन नहीं चुकाते हैं, तो कोर्ट की तरफ से आदेश आ सकता है कि आपकी जो भी संपत्ति है उसे नीलाम कर लिया जाए। ताकि आपके लिए उधार की उससे भरपाई की जा सके। खास बात ये है कि इस नीलामी को आप रोक भी नहीं सकते हैं।

क्‍योंकि यह कोर्ट की तरफ से आदेश होगा। लेकिन यहां एक बात और कहना चाहेंगे कि यह सब तभी होता है जब आपका पैसा 10 से 12 लाख या उससे अधिक होता है। 1 से 2 लाख के लिए कंपनी कभी इतना झंझट नहीं उठाती है। क्‍योंकि उनके पास भी इतना समय नहीं होता है।

लोन ना चुकाने के नुकसान?

क्रेडिट कार्ड वसूली नियम क्या है इसे जानने के बाद आइए आपको हम जानकारी देते हैं कि यदि आप लोन नहीं चुकाते हैं तो उसके क्‍या नुकसान देखने को मिल सकते हैं। क्‍योंकि लोन ना चुकाना आसान है, लेकिन उससे आपको जो नुकसान उठाना पड़ेगा। वो काफी ज्‍यादा नुकसानदेह हो सकता है।

सिविल स्‍कोर खराब होगा

क्रेडिट कार्ड वसूली नियम ये कहता है कि यदि कोई इंसान क्रेडिट कार्ड का लोन नहीं चुकाता है तो उसका सिबिल स्‍कोर खराब हो जाएगा। जो कि आम सी बात है। सिबिल स्‍कोर खराब होने के कारण आपको किसी तरह का आगे लोन नहीं दिया जाएगा। यदि लोन मिलता भी है तो काफी ज्‍यादा ब्‍याज पर मिलेगा।

इसलिए यदि आप आज 30 साल के हैं और आपने जीवन में एक बार भी क्रेडिट कार्ड का लोन नहीं चुकाया तो आगे आप लोन लेने के काबिल नहीं रहते हैं। इसलिए हमेशा 50 से 60 हजार रूपए का लोन हो तो उसे चुका दें। वरना जीवन में एक बार लोन ना चुकाने की कीमत आपको जीवनभर उठानी पड़ेगी।

समाज में इज्‍जत दांव पर लगेगी

हर इंसान की समाज में अपनी एक इज्‍जत होती है। इसलिए यदि आप लोन नहीं चुकाते हैं तो आपको उससे भी हाथ धोना पड़ेगा। क्‍योंकि कभी आपके घर नोटिस, कभी कॉल और कभी बैंक के एजेंट खुद दरवाजे पर आकर खड़े रहेंगे। जिससे आपके आसपास रहने वाले लोगों को बात का पता चलेगा।

इसलिए समाज की बदनामी से बेहतर है कि आप लोन चुका ही दें। क्‍योंकि समाज में यदि आपकी एक बार बदनामी हो गई तो उस इज्‍जत को दोबारा से बनाने के लिए आपको काफी ज्‍यादा मेहनत करनी होगी। और मेहनत के बाद भी शायद आप वो इज्‍जत आप नहीं बना पाएंगे जो आपकी समाज में पहले थी।

ज्‍यादा पैसा चुकाना होगा

यदि आप क्रेडिट कार्ड का लोन नहीं चुकाते हैं तो आपको समय बीतने के साथ उस लोन की राशि को ज्‍यादा करके चुकाना होगा। जैसे कि आपने यदि एक लाख का लोन लिया है और आप उसे दस साल तक नहीं चुकाते हैं। आगे चलकर कानूनी समस्‍या के चलते आपको चुकाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

तो संभव है कि आप 1 लाख की जगह 10 लाख रूपए भी चुकाएं और समाज में बदनामी का बोझ साथ में उठाएं। इसलिए जरूरी है कि आप समय से लोन चुका दें और झंझट से बच जाएं। वैसे भी पैसा तो आनी जानी चीज है।

मानसिक तौर पर परेशान रहना होगा

यदि आप क्रेडिट कार्ड से लिया लोन समय से नहीं चुकाते हैं तो आपको मानसिक तौर पर परेशान रहना होगा। जो कि किसी भी इंसान के लिए सही नहीं हो सकता है। क्‍योंकि इससे आपके घर परिवार में तनाव का माहौल बना रहता है। साथ ही किसी भी काम में आपका मन भी नहीं लगता है।

इसलिए कुछ लाख रूपए के लिए आप इतना सब सहेंगे ये सही नहीं हो सकता है। क्‍योंकि कई बार तो देखा गया है कि लोग लोन के दबाव में आकर आत्‍महत्‍या तक कर लेते हैं। जो कि किसी भी परिवार के लिए कभी ना भूलने वाला गम होता है।

जेल जाने का खतरा रहेगा

यदि आप क्रेडिट कार्ड का बड़ा लोन नहीं चुकाते हैं तो आपको जेल जाने का खतरा बना रहेगा। क्‍योंकि यदि मामला कोर्ट में जाता है और आप वहां भी जाकर लोन नहीं चुकाते हैं या अपना पक्ष नहीं रखते हैं, तो कोर्ट आपको जेल में डालने का आदेश भी दे सकता है।

हालांकि, ऐसा केवल 1 प्रतिशत मामलों में होता है और जेल भी महज 15 से 20 दिन की होती है। इसलिए आपके साथ संभवत: ऐसी नौबत ना आए। लेकिन जब तक आप लोन चुकता नहीं करेंगे तबतक खतरा तो बना ही रहेगा।

आगे लोन या क्रेडिट कार्ड नहीं ले सकेंगे

इन सब चीजों को सहते हुए भी यदि आप लोन चुकता नहीं करते हैं तो भविष्‍य में आप आगे चलकर कभी लोन नहीं ले पाएंगे। जो‍ कि आपके लिए काफी दुखद होगा। क्‍योंकि जीवन में कब क्‍या करना पड़े ये कहना बड़ा कठिन है। जो लोन आप आज मजे मजे में नहीं चुका रहे हैं।

संभव है कि आगे चलकर कभी आप कोई बिजनेस शुरू करें और वहां आपको लोन ना मिलने से सारा काम चौपट करना पड़े। उस दिन शायद आपको अहसास होगा कि उस दिन लोन चुकता कर दिया होता तो आज आसानी से लोन मिल जाता और बिजनेस शुरू कर सकते थे।

लंबे समय का परेशान होना पड़ेगा

क्रेडिट कार्ड वालों के पास एक बड़ी सी टीम होती है। जिसका काम केवल लोन की वसूली मात्र करना होता है। इसलिए यदि आप लोन नहीं चुकता करते हैं, तो आपको वो लोग लंबे समय तक परेशान करेंगे। इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा कि यदि आप उनका बकाया नहीं चुकाते हैं तो वो आपको कभी कॉल, कभी नोटिस तो कभी घर आकर कई सालों तक परेशान करेंगे।

क्‍या बकाया ना चुकाने पर जेल हो सकती है?

क्रेडिट कार्ड वसूली नियम के अंदर आपके जहन में सबसे पहला सवाल ये आता है कि यदि आप लोन नहीं चुकाते हैं तो क्‍या आपको कभी जेल जाना पड़ सकता है? तो इसका जवाब ‘हॉ’ में भी है और ‘नहीं’ में भी। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि यदि आप 2 से 3 लाख तक का लोन नहीं चुकाते हैं तो आपको किसी तरह से जेल जाने का खतरा नहीं है। साथ ही 2 से 3 साल बाद जब क्रेडिट कार्ड वालों को लग जाता है कि आप लोन नहीं चुकाएंगे, तो वो भी फोन करना बंद कर देते हैं।

लेकिन यदि आपका लोन 10 से 12 लाख रूपए तक है तो आपको संभव है कि जेल के दर्शन भी करने पड़ें। ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्‍योंकि संभव है कि कंपनी ऐेसे मामलों को कोर्ट तक ले जाए। और यदि मामला कोर्ट तक जाता है तो या तो आपको समझौता करना होगा या कोर्ट जो भी फैसला सुनाएगा उसको मानना होगा।

कुछ जरूरी बातें

  • कभी भी लोन ना चुकाने पर आपको कितनी भी धमकी मिले पर कभी भी गलत कदम ना उठाएं। क्‍यों‍कि ये जीवन बार बार नहीं मिलता है।
  • यदि आपको लगता है कि आप लोन ना चुकाने की वजह से परेशान हो चुके हैं। तो बेहतर होगा आप अपने रिश्‍तेदारों से पैसा लेकर पहले लोन चुका दें।
  • लोन ना चुकाने पर कई बार बैंक की तरफ से फर्जी नोटिस या फर्जी वकील बनकर बात करते हैं। आप बिना उनकी सत्‍यता को जाने किसी तरह का कदम ना उठाएं।
  • यदि लोन ना चुकाने पर एजेंट कभी आपके घर आता है तो घबराएं नहीं, उसके साथ पूरे सम्‍मान से बात करें। क्‍योंकि अंतत: वो भी आपकी तरह कहीं नौकरी कर रहा है।
  • कभी भी लोन चुकाने के लिए बैंक से ही दूसरा लोन ना लें। इससे आपके ऊपर बोझ दोगुना हो सकता है।
  • कहते हैं किे कठिन समय में धैर्य के साथ काम लेना चाहिए। इसलिए आपको कितना भी परेशान किया जाए पर आप धैर्य और संयम के साथ फैसला लें।

FAQ

क्रेडिट कार्ड वसूली नियम क्‍या है?

क्रेडिट कार्ड वूसली नियम के अंदर ग्राहक को फोन करना, नोटिस भेजना, एजेंट घर भेजना और अंत में ग्राहक के खिलाफ कोर्ट में केस फाइल कर देना जैसी चीजें तक शामिल हैं।

क्‍या लोन ना चुकाने पर जेल जाना पड़ सकता है?

नहीं, हम इस चीज को दावे के साथ नहीं कह सकते हैं कि आपको जेल जाना ही होगा। क्‍योंकि ऐसा केवल 0.001 प्रतिशत मामलों में देखा जाता है।

लोन ना चुकाने पर कितने दिनों की जेल होती है?

थोड़ा बहुत लोन ना चुकाने पर आपको केवल 15 से 30 दिनों तक जेल में रहना पड़ सकता है। जिसके बाद आप आसानी से बाहर आ सकते हैं।

क्‍या लोन ना चुकाना सही होगा?

नहीं, कहते हैं कि गलत चीज हमेशा गलत ही होती है। इसलिए बेहतर यही होगा कि आप लोन चुकाकर अपने घर चैन की नींद सोएं।

क्‍या क्रेडिट कार्ड वालों से बचने का कोई तरीका है?

नहीं, क्‍योंकि आपने उनसे पैसा उधार लिया है इसलिए वो आपका पीछा लोन ना चुकाने तक करते रहेंगे। चाहे फिर आप कहीं भी चले जाएं।

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Conclusion

आशा है कि अब आप समझ गए होंगे कि क्रेडिट कार्ड वसूली नियम क्‍या है। इसे जानने के बाद आप समझ सकते हैं कि यदि आप क्रेडिट कार्ड का लोन नहीं चुकता करते हैं तो आपके साथ क्‍या क्‍या हो सकता है। हालांकि, ये जरूरी नहीं है कि आपके साथ बुरा ही हो। संभव है कि आपकी किस्‍मत अच्‍छी हो और आपको लोन चुकाने के लिए कंपनी ज्‍यादा परेशान ना करे।

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