अच्छे शिक्षक के गुण क्या होने चाहिए?

Acche shikshak ke gun: एक समय था जब हमारे देश में केवल गिने चुने लोग ही शिक्षक बनते थे। ऐसे में उन्‍हें पूरे मोहल्‍ले में ‘मास्‍टर जी’ के नाम से ही जाना जाता था। लेकिन आज के समय में ना तो शिक्षकों में वो गुण रहे हैं, ना ही शिक्षकों की कमी है। ऐसे में शिक्षक का सम्मान भी लगातार गिरता जा रहा है।

इसलिए यदि आप अच्छे शिक्षक के गुण के बारे में जानना चाहते हो ताकि आप अपनी गली मोहल्‍ले में दोबारा से वही सम्‍मान पा सकें तो हमारे इस लेख को अंत तक पढि़ए। अपनी इस पोस्‍ट में हम आपको शिक्षक के गुणों के बारे में विस्‍तार से जानकारी देंगे।

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शिक्षक कौन होता है?

यदि हम इस बात की बात करें कि शिक्षक क्‍या होता है तो हम आपको बता दें‍ कि शिक्षक को अंग्रेजी में टीचर (Teacher) कहा जाता है। जो कि स्‍कूल कॉलेज या अन्‍य जगहों पर पढ़ाने का काम करता है। इसलिए एक टीचर को कहा जा सकता है कि वो अनेकों रूप में हमें देखने को मिलता है। हालांकि, हम लोग आमतौर पर हम लोग शिक्षक उसे ही कहते हैं जो कि स्‍कूल, कॉलेज या किसी ट्यूशन सेंटर पर पढ़ाने का काम करता है। लेकिन वास्‍तव में एक शिक्षक का दायरा काफी विस्‍तृत होता है।

अच्छे शिक्षक के गुण

कोई इंसान शिक्षक क्‍यों बनना चाहता है?

यदि हम अच्छे शिक्षक के गुण से पहले बात करें कि कोई इंसान शिक्षक क्‍यों बनना चाहता है। तो हम आपको बता दें कि जब किसी इंसान को लगता है कि उसके पास बहुत सारा ज्ञान है और वो उसे दुनिया के साथ बांटना चाहता है। देश के युवाओं में अपने ज्ञान से जोश भरना चाहता है।

तो वो शिक्षक का रास्‍ता चुनता है। हालांकि, आज के समय में अपने ज्ञान को बांटने के लिए अनेकों माध्‍यम हैं। लेकिन शिक्षक का एक अलग महत्‍व होता है। इसलिए ज्ञान बांटने के लिए काफी सारे लोग शिक्षक बनने का रास्‍ता चुनते हैं।

अच्छे शिक्षक के गुण?

आइए अब हम आपको अच्छे शिक्षक के गुण के बारे में जानकारी देते हैं। यहां हम आपको एक एक करके कई सारे अच्छे शिक्षक के गुण बताएंगे। यदि आपके अंदर वो पहले से हैं तो अच्‍छी बात है, अन्‍यथा आप उन्‍हें अपने अंदर डालकर अच्‍छे शिक्षक बन सकते हैं।

अच्‍छा संवाद करने की कला हो

अच्छे शिक्षक के गुण के अंदर सबसे पहली बात ये आती है कि एक शिक्षक को हमेशा अच्‍छा संवाद करने वाला होना चाहिए। क्‍योंकि यदि शिक्षक के अंदर संवाद करने की कला नहीं होगी तो वो अपने छात्रों के साथ कभी सही से बात नहीं कर सकेगा।

जिसका फायदा ये होगा कि उसके छात्र और उसके बीच में अच्‍छी बातचीत होगी। जिससे वो समझ सकेगा कि उसके छात्रों की क्‍या समस्‍या है और वो उसका समाधान किस तरह से कर सकता है। इसलिए शिक्षक और छात्रों के बीच गहरा संवाद तो होना ही चाहिए।

बात को सुनने वाला हो

कई बार देखा जाता है कि शिक्षक छात्रों की बात को सुनने में किसी तरह की दिलचस्‍पी नहीं लेते हैं। या तो उन्‍हें चुप करवा देते हैं या उन्‍हें डांटकर बैठा देते हैं। ऐसे में एक शिक्षक के अंदर अच्छे शिक्षक के गुण में ये बात अवश्‍य होनी चाहिए कि वो छात्रों की बात को सुनने वाला हो। जिससे हर छात्र उसके सामने अपनी बात को रख सके। ताकि वो भी दूसरे छात्रों की तरह होशियार हो सके।

हमेशा सीखने वाला हो

एक शिक्षक को हमेशा अपने अंदर एक छात्र की भावना हमेशा रखनी चाहिए। क्‍योंकि यदि एक शिक्षक के अंदर अपने ज्ञान का अहंकार आ गया कि उसके पास बहुत सारा ज्ञान है तो वो एक दिन सबसे पीछे रह जाएगा। इसलिए अच्छे शिक्षक के गुण के अंदर ये बात बेहद जरूरी है कि वो हमेशा नई नई चीजें सीखने में यकीन रखे। ता‍कि अपने छात्रों को वो नई नई जानकारी दे सके। क्‍योंकि आज के समय के हिसाब से एक शिक्षक को जानकारी होना बेहद जरूरी है।

तकनीकी ज्ञान से अपडेट हो

आज के नए दौर के शिक्षकों के अंदर अच्छे शिक्षक के गुण में यह बात बेहद जरूरी है कि उसे तकनीकी ज्ञान से अपडेट होना चाहिए। इसका फायदा ये होगा वो अपने छात्रों को नई नई जानकारी दे सकता है। क्‍योंकि आज के समय में देखा जाता है कि कई बार छात्रों को ऑनलाइन (Online Class) भी पढ़ाना होता है। उन्‍हें नोट्स या क्‍लासरूप में स्‍मार्टबोर्ड (Smart Board) पर भी पढ़ाना होता है। ऐसे में यदि वो तकनीकी रूप से अपडेट नहीं होगा तो उसे कई बार छात्रों के सामने शर्मिदा भी होना होगा।

सकारात्‍मक सोच वाला हो

एक शिक्षक को हमेशा सकारात्‍मक सोच (Pogitive Thinking) वाला होना चाहिए। क्‍योंकि यदि वो ही नकारात्‍मक हो जाएगा तो उसके छात्र स्‍वंय ही नकारात्‍मक हो जाएंगे। इसलिए एक शिक्षक को हर हाल में सकारात्‍मक रूप में होना चाहिए। जिससे उससे पढ़ने वाले छात्र भी हमेशा सकारात्‍मक रूप से विचार करेंगे और हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रयासरत रहेंगे। यदि वो किसी बात से कभी नकारात्‍मक होता भी है तो इस बात को छात्रों के बीच में ना पहुंचने दे।

सभी का सम्‍मान करने वाला हो

एक शिक्षक हमेशा छात्रों के बीच रहता है। ऐसे में संभव है कि कभी वो 10 साल के बच्‍चों को पढ़ाने जाए और कभी 20 साल के। लेकिन एक बात तो हमेशा तय है कि वो हमेशा खुद से कम उम्र के छात्रों के बीच में ही रहेगा। इसलिए उसके लिए ये बात बेहद जरूरी है कि वो अपने से छोटे और अपने छात्रों का सम्‍मान करने वाला हो।

क्‍योंकि उसे कभी ऐसा नहीं होना चाहिए कि वो सोचे कि भला ये छात्र उसका क्‍या बिगाड़ लेंगे। ऐसे में उनका अपमान भी कर सकता है। जो कि बेहद एक शिक्षक के लिए बेहद ही गलत तरीका होगा। क्‍योंकि इससे उसके छात्रों के मन में उसके प्रति गलत भावना जन्‍म ले लेगी।

जिम्‍मेदारी से काम करने वाला हो

एक शिक्षक को पूरी तरह से जिम्‍मेदार होना चाहिए, ताकि उसके छात्रों के बीच कभी उसकी लापरवाही का चर्चा सुनने को ना मिले। क्‍योंकि यदि वो लापरवाह होगा तो उसके संस्‍थान या उसके घर मं अक्‍सर उसकी बुराई सुनने को मिलेगी। जिससे उसके छात्रों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा। जो कि एक शिक्षक और छात्र के रिश्‍ते को हमेशा खराब करने का काम करते हैं।

ईमानदारी से काम करने वाला हो

एक शिक्षक को हमेशा ईमानदार होना चाहिए। क्योंकि एक शिक्षक यदि ईमानदार नहीं होगा तो भला वो अपने छात्रों को कैसे इस बात का अर्थ समझा सकता है कि हमें जीवन में क्‍यों ईमानदार होना चाहिए। इसलिए यदि आप अच्छे शिक्षक के गुण को जानना चाहते हैं तो उसके अंदर आपको ईमानदारी भी अवश्‍य जोड़ लेनी चाहिए।

वैसे तो भी एक शिक्षक ही क्‍यों ईमानदारी तो हमारे देश में हर नागरिक के अंदर होनी चाहिए। क्‍योंकि बेईमानी से कमाया हुआ धन या किया हुआ काम बहुत दिन नहीं चलता है और उसका पता चलता है तो सारे समाज में बदनामी हो जाती है।

सभी की मदद करने वाला हो

एक शिक्षक को हमेशा लोगों की मदद करने वाला होना चाहिए। क्‍योंकि यदि एक शिक्षक लोगों की मदद करेगा तो उसके छात्रों के अंदर भी ये भाव आएगा कि उन्‍हें भी बड़े होकर लोगों की मदद ही करनी है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि एक छात्र माता पिता के बाद शिक्षक से ही सीखता है। इसलिए यदि वो लोगों की मदद करेगा तो उसके छात्र स्‍वत: ही उस और बढ़ने लगेंगे। जो‍ कि आज के समय में हर छात्र के अंदर भाव होना चाहिए।

गलती स्‍वीकार करने वाला हो

अच्छे शिक्षक के गुण के अंदर ये बात भी होनी चाहिए वो अपनी गलती स्‍वीकार करे और भविष्‍य में उस गलती के दोहराव से बचे। इसका फायदा ये होगा कि उसके छात्रों के अंदर ये भावना आएगी कि यदि हमसे इतने बड़े शिक्षक होकर अपनी गलती स्‍वीकार कर रहे हैं तो हमें अपनी गलती स्‍वीकार करने में जरा भी नहीं हि‍चकिचाना चाहिए। वैसे भी अपनी गलती स्‍वीकार करने से कोई इंसान कभी छोटा नहीं हो जाता है।

समय का पालन करने वाला हो

एक शिक्षक को हमेशा समय का पालन करने वाला होना चाहिए। इसमें सबसे पहले उसे ध्‍यान रखना चाहिए कि जब भी उसकी क्‍लास शुरू हो तो उसे छात्रों के बीच में समय से ही पहुंच जाना चाहिए। जिससे छात्रों को पता हो कि उसके शिक्षक कभी लेट नहीं होते हैं और हमेशा समय का पालन करते हैं। यदि उसके छात्र ऐसा देखेंगे तो संम्‍भवत: उसके छात्र भी हमेशा क्‍लास में समय से पहुंचेंगे। साथ ही उनमें से कुछ छात्र हमेशा समय का पालन करेन की आदत भी बना लेंगे।

गुस्‍सा ना करने वाला हो

वैसे यह तो कहना गलत होगा कि एक शिक्षक को कभी गुस्‍सा नहीं करना चाहिए। लेकिन एक शिक्षक को तभी गुस्‍सा करना चाहिए जब उसे बहुत जरूरी लगे। क्‍योंकि यदि वो हर बात पर अपने छात्रों को गुस्‍सा करेगा तो उसके छात्रों की ऐसी आदत बन जाएगी कि सर तो गुस्‍सा करेंगे ही फिर काम करने का फायदा क्‍या हुआ। जो कि किसी भी छात्र के अंदर बेहद गलत धारणा होती है।

बच्‍चों को प्रोत्‍साहन देने वाला हो

एक शिक्षक को चाहिए कि वो बच्‍चों को प्रोत्‍साहित भी करता रहे। क्‍योंकि एक छात्र के लिए एक शिक्षक के प्रोत्‍साहन से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता है। इसलिए उसे इस बात का ध्‍यान रखना चाहिए कि जब भी उसका कोई छात्र अच्‍छा काम करे तो उसे उसका प्रोत्‍साहन बढ़ाते रहना चाहिए। ताकि वो आगे और भी अच्‍छे का करे और अपने माता पिता और शिक्षक का नमा ऊंचा करे।

समानता का भाव रखने वाला हो

एक शिक्षक को सभी छात्रों के अंदर समानता का भाव दिखाना चाहिए। क्‍योंकि एक शिक्षक के पास हर साल अनेकों तरह के छात्र आते हैं। जिसमें कुछ छात्र तो ऐसे होते हैं जो पढ़ाई में बेहद होशियार होते हैं, लेकिन कुछ छात्र पढ़ाई में बेहद कमजोर होते हैं।

इसलिए एक शिक्षक को हमेशा सभी छात्रों को समानता के भाव से देखना चाहिए। बाल्कि ये कहा जाए कि उसे पढ़ाई में कमजोर छात्रों को अपने दिल के ज्‍यादा करीब रखना चाहिए तो गलत नहीं होगा। क्‍योंकि सही मायने में कमजोर छात्रों को एक शिक्षक की ज्‍यादा जरूरत होती है। होशियार छात्र तो स्‍वत: भी आगे पढ़ लेंगे।

समझाने की कला आती हो

वैसे तो एक शिक्षक का काम छात्रों को पढ़ाने का होता है। लेकिन पढ़ाने के साथ ही उसे छात्रों को समझाने की कला भी आती हो। इसका फायदा ये होगा कि उसकी समझाई बात हर छात्र को आसानी से समझ आ जाएगी। क्‍योंकि कई बार देखा जाता है कि छात्र किताबी भाषा को नहीं समझ पाते हैं। ऐसे में यदि उन्‍हें कोई शिक्षक उसी बात को आसान भाषा में समझा दे तो पूरी तरह से समझ आ जाती है।

छात्रों के मन की बात समझने वाला हो

अच्छे शिक्षक के गुण के अंदर ये गुण बेहद जरूरी है कि एक शिक्षक को छात्रों के मन की बात को तुरंत समझ जाना चाहिए। जैसे कि यदि वो पढ़ा रहा है तो उसके छात्रों को सबकुछ समझ में आ रहा है या नहीं। यदि नहीं आ रहा है तो उसे उसमें बदलाव करके पढ़ाना चाहिए। ताकि उसके छात्र उसकी बात को बेहतर तरीके समझ सकें।

नशे से दूर रहने वाला हो

नशा आज के युवाओं में तेजी से बढ़ रहा है। जो कि बेहद ही खतरनाक है। इसलिए एक अच्‍छे शिक्षक को पढ़ने और पढ़ाने के साथ चाहिए कि वो नशे से भी दूर रहें। साथ ही अपने छात्रों को समय समय पर नशे से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दे।

लेकिन यदि वो खुद ही नशा करेगा तो संभव ही नहीं है कि वो छात्रों के सामने नशे के बुरे प्रभाव पर बात कर सके। साथ ही उसके नशे की आदत देखकर छात्र भी या तो उससे दूर कटने लगेंगे या वो खुद भी नशे की तरफ जाने लगेंगे।

FAQ

अच्छे शिक्षक के गुण क्‍या होने चाहिए?

अच्‍छे शिक्षक के अंदर अनेकों तरह के गुण होने चाहिए। इन गुणों की चर्चा हमने इस पोस्‍ट में ऊपर की है। आप उन्‍हें पढ़ सकते हैं।

अच्‍छा शिक्षक कौन बन सकता है?

कोई भी इंसान जो कि इन सभी गुणों से भरपूर हो वो समाज में एक अच्‍छा शिक्षक आसानी से बन सकता है। क्‍योंकि शिक्षक के लिए कोई तय मानक नहीं नहीं हैं।

एक शिक्षक को कितना पढ़ा होना चाहिए?

एक शिक्षके लिए पढ़ाई से ज्‍यादा सीखने और सिखाने की कला मायने रखती है। इसलिए यदि ये कला उसे अच्‍छे से आती है तो वो एक बेहतर शिक्षक बन सकता है।

एक शिक्षक के लिए क्‍या जरूरी है?

एक शिक्षक के लिए जरूरी है कि वो हमेशा खुद को एक छात्र के रूप में देखे। ताकि हमेशा वो अपने छात्रों की उम्‍मीदों पर खरा उतर सके और एक अच्‍छे शिक्षक की भूमिका निभा सके।

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Conclusion

आशा है कि अब आप समझ गए होंगे कि अच्छे शिक्षक के गुण क्‍या होने चाहिए। इसे जानने के बाद आप समझ गए होंगे कि एक शिक्षक के ऊपर बहुत बड़ी जिम्‍मेदारी होती है। ऐसे में उसके अंदर हर वो गुण होना चाहिए जो कि देश के एक सच्‍चे नागरिक में होने चाहिए। क्‍योंकि जिस तरह सीमा पर सैनिक सुरक्षा की जिम्‍मेदारी निभाते हैं, ठीक उसी तरह से शिक्षक देश के अच्‍छे भविष्‍य की जिम्‍मेदारी को निभा रहे होते हैं।

उम्र में युवा और तजुर्बे में वरिष्ठ रोहित यादव हरियाणा के रहने वाले हैं। पत्रकारिता में डिग्री रखने के साथ इन्होंने अपनी सेवाएं कई मीडिया संस्थानों को दी हैं। फिलहाल ये पिछले लंबे समय से अपनी सेवाएं 'All in Hindi' को दे रहे हैं।

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