UG ka full form और PG ka full form | What is UG and PG in hindi

PG और UG ka full form | What is UG and PG in hindi

यदि आप अभी बच्‍चे हैं तो आपके जहन में कभी ना कभी से बात जरूर आई होगी कि UG ka full form और PG ka full form क्‍या होती है? लेकिन यदि आप उम्र में थोड़े बड़े हैं तो आपने कभी ना कभी ये भी सोचा है कि इनके अंदर किस तरह की पढ़ाई होती होगी। साथ ही इन्‍हें कौन कर सकता है और कौन नहीं। इन्‍हें करने का क्‍या फायदा होता है?

आइए आज अपने इस लेख में हम आपको इन सभी सवालों के जवाब देते हैं। जिससे आप फुल फार्म जानने के बाद ये भी जान सकें कि आपको आगे चलकर UG करनी है या PG करनी च‍ाहिए। तो चलिए जानते हैं UG ka full form

UG ka full form क्‍या होती है?

UG ka full form, Under Graduate होता है और यदि हम PG ka full form की बात करें तो उसे कहते हैं Post Graduate ये एक हायर एजुकेशन से जुड़ा शब्‍द होता है। जो कि लोग जब पढ़ाई करते हैं तो उनके काम आता है। या यूं कहें कि ये पढ़ाई का ही नाम होता है। आइए अब इसके बारे में आगे हम आपको और ज्‍यादा विस्‍तार से बताते हैं। ताकि UG ka full form के साथ साथ हम UG और PG को आप और करीब से जान सकें।

UG ka full form – Under Graduate

PG ka full form – Post Graduate

UG ka full form जानने के बाद चलिए अब ये जानते है कि UG और PG क्या होता है।

UG क्या होता है?

UG क्या होता है

UG की पढ़ाई की एक टर्म होती है। यह एक तीन साल की एक डिग्री होती है। जिसमें हम लोग बारहंवी के बाद दाखिला ले सकते हैं। यदि हम UG के अंदर दाखिला ले लेते हैं तो हमें इसके अंदर पूरे तीन साल तक पढ़ाई करनी पड़ती है। जिसमें कुल 6 समेस्‍टर होते हैं। यानि हर छह महीने बाद हमारा पेपर होता है। यदि हम लोग सभी परीक्षा को सफलतापूर्वक पास कर लेते हैं। तो तीन साल बाद हम लोग ग्रेजुएट कहलाने लायक हो जाते हैं। आम बोल चाल की भाषा में इसे कॉलेज की पहली पढ़ाई भी कहते हैं। इसकी खास बात ये है कि आप चाहे तो एक के बाद कई UG की डिग्री भी कर सकते हैं।

यदि आप चाहे तो UG के अंदर Distance education के लिए भी दाखिला ले सकते हैं। इसके लिए भी आपको आवेदन करना होगा। आवेदन के बाद आपको दाखिला लेना होगा। इसका फायदा ये होता है कि इसके अंदर आपको सिर्फ परीक्षा ही देने जाना होता है। साथ ही कई संस्‍थान ऐसे होते हैं जहां डिस्‍टेंस की परीक्षा साल में केवल एक बार ही आयोजित की जाती है। मतलब आपको तीन साल में केवल तीन बार ही परीक्षा देनी होगी। इसके बाद आपके पास UG की डिग्री हो जाएगी।

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UG के अंदर कौन कौन से कोर्स आते हैं?

जैसा कि हमने आपको बताया कि UG एक डिग्री होती है और UG ka full form, Under Graduate होता है। इसमें आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप कौन सा कोर्स करना पसंद करेंगे। जो कि तमाम अलग अलग Stream से होते हैं। आइए यहां हम आपको उन कोर्स के नाम बताते हैं जो कि देश के लगभग सभी कॉलेज में करवाए जाते हैं। UG के अंदर आप इनमें से कोई भी कोर्स कर सकते हैं। लेकिन कई कोर्स में ये शर्त होती है कि आपके पास बारहंवी में कोई खास Stream होनी चाहिए।

  • BA (Bachler of art)
  • com Bachler Of commerce)
  • sc (Bachler of Science)
  • BBA (Bachler of Business Administration)

UG में द‍ाखिला कैसे होता है?

यदि आपने बारंहवीं पास कर रखी है तो आप इसके बाद UG में आसानी से दाखिला ले सकते हैं। इसके लिए आपको सबसे पहले अपने मनचाहे कॉलेज में ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के दौरान आप चाहे तो एक से ज्‍यादा कोर्स का चुनाव भी कर सकते हैं।

इसके बाद जिसमें भी आपका मन चाहे उसमें दाखिला ले सकते हैं। अब यदि वहां Entrance Exam होता होगा तो आपको वो देना होगा। लेकिन यदि ये नहीं होता होगा तो आपके बारहंवीं के प्राप्‍त अंकों को आधार मानकर एक मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी। यदि आपका नाम उस मेरिट लिस्‍ट में आत है तो आप उस संस्‍थान में UG में द‍ाखिला ले सकते हैं। इसके बाद पूरे तीन साल तक आपको उस संस्‍थान में पढ़ाई करनी होगी। जिसके बाद आप ग्रेजुएट कहे जाएंगे।

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PG क्‍या होता है?

अब आपने जब जान लिया कि UG क्‍या होता है, तो आपके जहन ये बात भी जरूर आई होगी कि फिर PG क्‍या होता है। तो हम आपको बता दें कि PG भी एक तरह की पढ़ाई होती है। जो कि UG करने के बाद ही की जा सकती है। PG पूरे दो साल की होती है। ऐसे में PG में कुल चार समेस्‍टर होते हैं।

इसके अंदर भी आपको हर छह महीने बाद परीक्षा देनी होती है। यदि आप सभी परीक्षा अच्‍छे से पास कर लेते हो तो दो साल बाद पोस्‍ट ग्रेजुएट कहलाएंगे। आम बोलचाल की भाषा में इसे मास्‍टर डिग्री भी कहा जाता है। लेकिन वास्‍तव में ये सिर्फ इसका नाम मात्र है। महज इसे पूरा करने से आप मास्‍टर नहीं बन सकते हैं। हॉ, पर ये जरूर है कि आप किसी एक विषय के अपने आप में मास्‍टर जरूर बन सकते हैं।

इस डिग्री की खास बात ये होती है कि इसमें बहुत से कोर्स ऐसे होते हैं जिनमें आप तभी दाखिला ले सकते हैं जब आपने उसी विषय में UG किया हो। लेकिन कई कोर्स ऐसे भी हैं आपका UG का विषय मायने नहीं रखता है। बस आपको UG में पास होना चाहिए। फिर आप उस विषय के साथ PG आसानी से कर सकते हैं।

यदि आप PG डिस्‍टेंस से करना चाहते हैं। तो उसकी भी सुविधा दी जाती है। लेकिन यहां एक बाध्‍यता ये होती है। आप डिस्‍टेंस की जरिए आप हर कोर्स नहीं कर सकते हैं। इसकी कुछ सीमाएं होती हैं। आप यदि उनके अंदर दाखिला लेते हैं तो आपकी PG की डिग्री में आपको सिर्फ परीक्षा ही देने जाना होगा। यदि आप सभी परीक्षा पास कर लेते हैं तो आपको मास्‍टर की डिग्री आसनी से दे दी जाएगी।

PG डिग्री में कौन कौन से कोर्स आते हैं?

जैसे आपने जाना कि UG के अंदर तमाम अलग अलग तरह के कोर्स आते हैं। उसी तरह PG भी एक डिग्री है। इसके अंदर भी कई सारे कोर्स आते हैं। आइए आपको उन प्रमुख कोर्स के नाम बताते हैं, जो कि देश के ज्‍यादतर संस्‍थानों में कराए जाते हैं। आप इनमें से कोई भी अपनी पसंद का कर सकते हैं।

  • MA (Master of art)
  • com (Master of Commerce)
  • sc (Master of science)
  • MBA (Master of Business Administration)

PG में दाखिला कैसे होता है?

यदि आप UG पास कर चुके हैं और आगे चलकर PG में दाखिला लेना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले ऑनलाइन या ऑफलाइन आपको आवेदन करना होगा। प्रक्रिया इस बात पर‍ निर्भर करती है कि आप कहां रहते हैं और किस संस्‍थान में आवेदन कर रहे हैं।

आवेदन करने के बाद संभव है कि आपकी लिखित परीक्षा ली जाए या आपके UG के नंबरों को आधार मानकर एक मेरिट लिस्‍ट तैयार की जाए। यदि आपका नाम उस लिस्‍ट में आ जाता है तो आप उस संस्‍थान में दाखिला ले सकते हैं। लेकिन यहां ध्‍यान ये रखने वाली बात है क‍ि ज्‍यादातर संस्‍थान ये मांगते हैं कि आपके UG में 45 से 50 प्रतिशत अंक जरूर हों। इसके बिना आप आवेदन नहीं कर सकते हैं।

UG और PG में क्‍या अंतर होता है?

What is UG and PG in hindi

अभी तक आपने जाना कि UG और PG क्‍या होती है। साथ ही उनकी फुल फार्म क्या होती है। आइए अब आपको हम बताते हैं कि इन दोनों के अंदर क्‍या अंतर होता है। इनमें पहला अंतर तो ये होता है कि UG बारहंवीं के बाद की जाती है। जबकि PG UG पास करने के बाद की जाती है। जिससे एक बात तो स्‍पष्‍ट है कि PG UG से बड़ी डिग्री होती है।

इसके बाद यदि आप PG करते हैं तो माना जाता है कि आप सिर्फ उस विषय के जानकार ही नहीं बाल्कि उस विषय के अच्‍छे जानकार हो जाते हैं। क्‍योंकि आपने पिछले पांच साल तक उस विषय की गहनता पढ़ाई भी की है और परीक्षा को पास भी किया है। साथ ही PG का समाज में आज भी विशेष महत्‍व है।

लेकिन यदि आप केवल UG करते हैं तो माना जाता है कि आपको उस विषय की केवल समझ है। आप उस विषय के बहुत अच्‍छे जानकार नहीं हैं। साथ ही केवल UG के आधार पर आप कभी भी आगे चलकर अध्‍यापक नहीं बन सकते हैं। लेकिन PG के बाद यदि आप NET JRF की परीक्षा पास कर लेते हैं तो आप अध्‍यापक के लिए आवेदन भी कर सकते हैं।

इसलिए कुल मिलाकर संभव हो तो आप UG के बाद PG अवश्‍य करें। इसके फायदे ही फायदे ही हैं। लेकिन यदि आप सिर्फ UG तक पढ़े हैं तो भी आपको किसी तरह से परेशान होने की जरूरत नहीं है।

UG और PG करते समय ध्‍यान रखने योग्‍य बातें

  • जब भी आप UG या PG में दाखिला लें तो अपने कॉलेज या कोर्स का चुनाव बहुत ध्‍यान से करें। क्‍योंकि यहीं से आपके भविष्‍य को एक नई दिशा देने की बात आती है। यदि आप गलत संस्‍थान चुन लेते हैं तो आपका पूरा भविष्‍य दांव पर लग जाता है।
  • UG PG के दौरान हर Semester में आप बेहतर करने की कोशिश करें। क्‍योंकि अंत में आपके हर समेस्‍टर के नंबर जोड़कर तय किया जाता है कि आपके UG और PG में कितने नंबर बने। इसलिए एक समेस्‍टर में भी आपकी लापरवाही भारी पड़ सकती है।
  • कोशिश करें कि आपने जिस विषय से UG किया हो उसी विषय में आगे चलकर PG भी करें। इससे आपको PG में मेहनत भी कम करनी पड़ती हैं। साथ ही उस विषय के आप अच्‍छे जानकार बन जाते हैं। क्‍योंकि आपने पहले भी तीन साल उस विषय को अच्‍छे से पढ़ा है।
  • UG और PG के दौरान कभी भी इस बात की गलतफहमी ना लाएं कि आपको महज डिग्री पूरी कर लेने से नौकरी मिल जाएगी। भले की आपके डिग्री में कितने भी नम्बर हों, परन्‍तु इस बात का आप हमेशा ध्‍यान रखें कि आगे चलकर आपको नौकरी डिग्री देखकर नहीं, बाल्कि आपकी काबिलियत के आधार पर मिलेगी। इसलिए किताबी ज्ञान के साथ वास्‍तविक ज्ञान भी जरूर हासिल करें।
  • यदि आप डिग्री के बाद भी जिस तरह के मौके की तलाश कर रहे थे, वो नहीं मिल रहे हों। तो इस बात से निराश ना हों। क्‍योंकि यदि आपके अंदर हुनर होगा, तो एक ना एक दिन आपको मंच जरूर मिलेगा।

आपने जाना

आज आपने जाना कि UG ka full form और PG ka full form क्या होता है, और UG और PG में क्‍या अंतर होता है के साथ साथ UG और PG करते समय ध्‍यान रखने योग्‍य बातें क्या है? आशा है अब आप UG ka full form जान चुकें होंगे।

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नमस्कार दोस्तों, मैं रवि "आल इन हिन्दी" का Founder हूँ. मैं एक Economics Graduate हूँ। कहते है ज्ञान कभी व्यर्थ नहीं जाता कुछ इसी सोच के साथ मै अपना सारा ज्ञान "आल इन हिन्दी" द्वारा आपके साथ बाँट रहा हूँ। और कोशिश कर रहा हूँ कि आपको भी इससे सही और सटीक ज्ञान प्राप्त हो सकें।

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