12वीं के बाद लोको पायलट कैसे बनें?

Loco Pilot kaise bane: भारतीय रेलवे में नौकरी पाने का सपना हमारे देश का हर युवा देखता है। और अगर बात लोको पायलट (Loco Pilot) की हो तो बात कुछ अलग ही हो जाती है। क्‍योंकि लोको पायलट आज भी रेलवे में सबसे महत्‍वपूर्ण पदों में से एक माना जाता है। जिससे इसका काफी महत्‍व है।

इसलिए यदि आपका भी आगे चलकर लोको पायलट बनना सपना है और जानना चाहते हैं कि 12वीं के बाद लोको पायलट कैसे बनें तो हमारे इस लेख को अंत तक पढि़ए। इस लेख में हम आपको लोको पायलट बनने की पूरी प्रक्रिया विस्‍तार से समझाएंगे।

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लोको पायलट क्‍या होता है?

लोको पायलट कैसे बनें के बारे में हम आपको जानकारी दे इससे पहले आइए एक बार हम आपको बताते हैं कि लोको पायलट क्‍या होता है। तो हम आपको बता दें कि लोको पायलट ट्रेन के ड्राइवर को कहा जाता है। लोको पायलट का काम किसी भी ट्रेन को सिग्‍नल के हिसाब से चलाना और गति को तेज और धीरे करते रहना होता है। इस पद के महत्‍व को आप इस बात से समझ सकते हैं कि ट्रेन के अंदर बैठे हजारों यात्रियों की जिम्‍मेदारी पूरी तरह से लोको पायलट के ऊपर होती है।

लोको पायलट कैसे बनें

लोको पायलट बनने के फायदे

  • यह एक रेलवे की सरकारी नौकरी होती है। जो कि समाज में बेहद ही सम्‍मान से देखी जाती है।
  • लोको पायलट को काफी अच्‍छी सैलरी मिलती है। जिससे उसे कभी भी आर्थिक संकट नहीं होता है।
  • लोको पायलट को रेलवे के अंदर काफी सारी सुविधाएं भी मिलती है। जो कि इस नौकरी में सबसे खास बात होती है।
  • बतौर लोको पायलट आप देश के अलग अलग हिस्‍सों में ड्यूटी करते हुए सफर कर सकते हैं। या यूं कहें कि आप ‘देश भ्रमण’ कर सकते हैं।

12वीं के बाद लोको पायलट कैसे बनें?

आइए अब हम आपको जानकारी देते हैं कि लोको पायलट कैसे बनें। लोको पायलट बनने की प्रक्रिया काफी लंबी और कठिन भी है। इसलिए जरूरी है कि आप लोको पायलट बनने की पूरी प्रक्रिया को बेहद ही गंभीरता से समझें।

10वीं पास करें

लोको पायलट कैसे बनें में आपको सबसे पहले किसी भी मान्‍यता प्राप्‍त बोर्ड से दसवीं पास करनी चाहिए। इसके अंदर आप कोई भी विषय ले सकते हैं। क्‍योंकि लोको पायलट बनने के लिए आपके दसवीं के विषय कभी बाधा नहीं बनते हैं।

ITI पास करें

यदि आप दसवीं के बाद ही लोको पायलट बनना चाहते हैं तो दसवीं पास करते ही किसी भी ऑटोमोबाइल, मैकेनिकल या इलैक्ट्रिकल ट्रेड से आईटीआई पास करनी चाहिए। इसमें आप NCVT/ SCVT दोनों में से किसी में से कर सकते हैं। बस आपकी आईटीआई कम से कम 2 साल की हो। इसके बाद आप आसानी से लोको पायलट के लिए आवेदन कर सकते हैं।

डिप्‍लोमा पास करें

यदि आप आईटीआई नहीं करना चाहते हैं तो बारहंवी के बाद किसी तरह का डिप्‍लोमा कर सकते हैं। जो कि मैकेनिकल, ऑटोमोबाइल या इलैक्ट्रिक ट्रेड से होना चाहिए। साथ ही कम से कम दो साल का होना चाहिए।

B.Tech पास करें

यदि आप डिग्री के साथ जाना चाहते हैं तो आप 12वीं पास करके सीधा B.Tech कर सकते हैं। इसमें भी आपको मैकेनिकल, ऑटोमोबाइल या इलैक्ट्रिकल ट्रेड ही लेनी होती है। इसके बाद जब आपकी B.Tech पूरी हो जाती है तो आप लोको पायलट बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं। लोको पायलट कैसे बनें में आप लोको पायलट बनने की योग्यता पूरी तरह से समझ गए होंगे।

ऑनलाइन आवेदन करें

लोको पायलट कैसे बनें में जब आपको लगे कि आप अब लोको पायलट बनने की योग्यता पूरी कर चुके हैं तो आपको लोको पायलट के लिए ऑनलाइन आवेदन कर देना चाहिए। इसके लिए आपको रेलवे की वेबसाइट और नौकरी की अपडेट देने वाली दूसरी वेबसाइट देखते रहनी चाहिए। क्‍योंकि लोको पायलट की भर्ती कब आएगी इसका कोई तय समय नहीं होता है।

हालांकि, हम आपको पिछले सालों के आधार पर एक अनुमान दे दें कि ये भर्ती लोकसभा चुनावों के ठीक पहले निकाली जाती है। इसलिए चुनावों के आसपास आप लोको पायलट की भर्ती की उम्‍मीद अवश्‍य कर सकते हैं। यहां हम आपको लोको पायलट के पदों की संख्‍या का कोई अनुमान नहीं दे सकते हैं। क्‍योंकि यह हर साल घटते और बढ़ते रहते हैं।

आयु सीमा (Age Criteria)

लोको पायलट का फार्म भरने के लिए आपकी आयु 18 साल से लेकर 28 साल के बीच में होनी च‍ाहिए। हालांकि, यदि आप आरक्षित श्रेणी से हैं तो आपको नियमों के अनुसार 3 से 5 साल तक की छूट भी मिलती है। आप उसका फायदा भी उठा सकते हैं। छूट की जानकारी आपको नोटिफिकेशन में देखने को मिल जाएगी।

आवेदन फीस (Fees)

लोको पायलट बनने के फार्म की फीस सामान्‍य और EWS/ OBC श्रेणी के उम्‍मीदवारों को 500 रूपए देनी होती है। जबकि अन्‍य श्रेणी के उम्‍मीदवारों को 250 रूपए ऑनलाइन फीस देनी होती है। हालांकि, यदि आप परीक्षा देने जाते हैं तो आपकी कुछ फीस वापिस भी कर दी जाती है। फिर चाहे आप परीक्षा में फेल ही क्‍यों ना हो गए हों।

आवेदन के लिए जरूरी दस्‍तावेज

  • आधाार कार्ड
  • दसवीं, बारहंवी, डिप्‍लोमा या डिग्री की मार्कशीट।
  • आरक्षित जाति से होने पर प्रमाण पत्र।
  • फोटो और हस्‍ताक्षर।
  • मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी।

RRB Zone का विशेष ध्‍यान रखें

ऑनलाइन आवेदन करते समय आपको रेलवे जोन का खास तौर पर ध्‍यान रखना चाहिए। क्‍योंकि रेलवे को कई सारे जोन में बांटा गया है। साथ ही भर्ती भी जोन के हिसाब से ही आती है। इसलिए आप जब भी आवेदन करें तो या तो अपने गृह जोन में आवेदन करें या किसी ऐसे जोन का चयन करें जहां कट ऑफ सबसे कम जाती हो।

क्‍योंकि आप जिस जोन के अंदर आवेदन करेंगे आपको वहीं जाकर नौकरी करनी होगी। इसलिए संभव है कि आपको वहां पर भाषा और मौसम की समस्‍या से दोचार होना पड़े। इसलिए जोन का चुनाव बेहद ही सोच समझकर करें।

लोको पायलट बनने की परीक्षा?

लोको पायलट बनने के लिए तीन चरण (3 Tier) में परीक्षा देनी होती है। इस परीक्षा में पास होने के बाद Aptitude Test का टेस्‍ट देना होता है। इसके बाद DV और Medical होता है। आइए पूरी प्रकिया को विस्‍तार से मसझते हैं।

CBT 1 Exam

लोको पायलट कैसे बनें में सबसे पहले CBT 1 कंम्‍प्‍यूटर पर दी जाने वाली परीक्षा में बैठना होता है। जिसे Computer Based Exam कहा जाता है। जो कि लोको पायलट बनने के लिए पहले चरण की परीक्षा होती है। जो इस परीक्षा को पास कर लेता है। उसे ही दूसरे चरण की परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाता है। आइए CBT 1 में प्रश्न और और विषय के बारे में समझ लेते हैं।

  • इस परीक्षा के अंदर 1/3 की नेगेटिव मार्किग (Negetive Marking) होती है।
  • यहां पूछे जाने वाले सभी प्रश्‍न MCQ Based होते हैं। जिनमें हर प्रश्‍न के 4 विकल्‍प दिए होते हैं।
  • यहां आने वाला हर प्रश्‍न 1 नंबर का होता है। यानि 75 प्रश्‍न 75 अंक के होते हैं।
  • विषय के अनुसार यदि आप पूरा सेलेब्‍स देखना चाहते हैं। तो वो ऑफिशियल नोटिफिकेशन (Official Notification) के अंदर मिल जाएगा।

Subject

No. of Question

Time Duration

Mathematics

20

60 Minutes

General Intelligence & Reasoning

25

General Science

20

General Awareness of Current Affairs

 

10

NOTE: नई भर्ती आने पर एक बार अधिकारिक सेलेब्‍स देखने की सलाह दी जाती है।

CBT 2 Exam

  • यहां पेपर दो पार्ट (Two Part) में होता है। जब आप पहला पार्ट हल कर लेते हैं तभी आपके सामने दूसरा पार्ट खुलकर आता है।
  • पार्ट के साथ ही समय सीमा भी तय होती है। पहला पार्ट आपको 90 मिनट में हल करना होता है। जबकि दूसरा पार्ट आपको 60 मिनट के अंदर ही हल करना होता है।
  • दूसरे पार्ट के अंदर उस विषय से संबधित प्रश्‍न होते हैं। जिस सब्‍जेक्‍ट में आपने अपना डिप्‍लोमा या डिग्री की हुई होती है।
  • यहां भी 1/3 नेगेटिव मार्किग होती है।
  • यहां पर भी हर प्रश्‍न के 4 विकल्‍प दिए होते हैं। आपको उनमें से एक सही विकल्‍प चुनना होता है।
  • विषयवार पूरा सेलेब्‍स आप नोटिफिकेशन के अंदर देख सकते हैं।

Part

Subject

Question

Time

Part A

Maths

100

90 Minute

General Intelligence & Reasoning

Basic Science & Engineering

General Awareness of Current Affairs

Part B

Relevant Trade

75

60 Minute

Total

175

2 Hours 30 Minute

NOTE: नई भर्ती आने पर एक बार ऑफिशियल सेलेब्‍स देखने की सलाह दी जाती है।

CBT 3 General Aptitude Exam

CBT 3 को कई बार लोग Computer Based Aptitude Test या Psychology Test के नाम से जानते हैं। यह परीक्षा भी आपको कंम्‍प्‍यूटर पर ही देनी होती है। इसके अंदर आपसे कुछ इस तरह के सवाल होते हैं। जिनसे समझा जा सके कि आप किसी तरह का निर्णय कितनी जल्‍दी और कितनी सटीकता के साथ ले सकते हैं।

इस परीक्षा को महज पास करना होता है। साथ ही इसमें कोई ऐसा फिक्‍स सेलेब्‍स (Fix Syllabus) या प्रश्‍नों की जानकारी भी नहीं होती है। हालांकि, इस परीक्षा को देने वाले वाले लोगों के साझात्‍कार की मदद से आप समझ सकते हैं कि यहां किस तरह के प्रश्‍न आते हैं।

Document Verification (DV)

सभी चरण पास करने के बाद आपको यहां अपने मूल दस्‍तावेज दिखाने होते हैं। जो कि आपने फार्म भरते समय दिए थे। खास बात ये होती है कि आपके सभी दस्‍तावेज फार्म भरने की अंतिम तिथि से पहले ही बने होने चाहिए। यदि आपके पास कोई दस्‍तावेज नहीं पाया जाता है या समय सीमा के बाद का बना होता है, तो आपको अयोग्य करार दिया जाता है। जिसके बाद आप अगले चरण में नहीं जा सकते हैं।

Medical Test पास करें

यहां आपके शरीर की मेडिकल जांच की जाती है। जिसमें सबसे अहम आंखों की जांच होती है। जो लोग चश्‍मा पहनते हैं या रात में नहीं देख सकते हैं। इसके अलावा जितने Color Bliendness है। वो इस नौकरी के योग्य नहीं होते हैं। इसलिए यदि आपको आंख से जुड़ी कोई समस्‍या है तो आप उसका या तो इलाज करवा लें, अन्‍यथा आपको मेडिकल में बाहर कर दिया जाएगा।

आंखों के अलावा आपके कान, छाती और अन्‍य तरह की जांच भी की जाती है। जिससे पता चल सके कि शारीरिक तौर पर आप पूरी तरह से फिट हैं कि नहीं। क्‍योंकि एक लोको पायलट की ड्यूटी 8 से 12 घंटे तक की होती है। इसलिए लोको पायलट को शारीरिक के साथ मानसिक तौर पर भी फिट रहना बेहद जरूरी होता है।

चश्‍में वाले लोग लोको पायलट कैसे बनें?

यदि आप चश्‍मा पहनते हैं और लोको पायलट कैसे बनें फिर भी जानना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि आज के समय कई तरह की लेसिक सर्जरी (Lasik Surgery) होती हैं। जिनसे आपका चश्‍मा उतर सकता है। हालांकि, उनका खर्चा करीब 1 लाख तक का होता है। यदि आप उन सर्जरी को करवा लेते हैं तो आपका चश्‍मा उतर जाएगा और आप लोको पायलट बन सकते हैं।

ट्रेनिंग पूरी करें

इन सभी चरणों को पूरा करने के बाद आपको अंत में ज्‍वाइनिंग दे दी जाती है। जिसके बाद सबसे पहले आपको ट्रेनिंग दी जाती है। जिस दौरान बताया जाता है कि एक ट्रेन के अंदर क्‍या क्‍या होता है। साथ ही एक ट्रेन को कैसे चलाया जाता है।

इसके अलावा आपको एक रूल बुक (Rule Book) भी दी जाती है। जिसके अंदर रेलवे के सभी नियम लिखे होते हैं। आपको इसे पढ़ना होता है। ताकि आप समझ सकें कि ट्रेन के संचालन के दौरान किन बातों का ध्‍यान रखना है। ताकि आप ट्रेन संचालन के दौरान किसी तरह की गलती ना करें।

लोको पायलट की सैलरी?

यदि हम एक लोको पायलट की सैलरी की बात करें तो शुरूआत में लोको पायलट की सैलरी 33 से 36 हजार के बीच में होती है। इसके बाद समय के साथ सैलरी बढ़ती जाती है। यानि कुछ ही सालों बाद आपकी सैलरी 45 से 50 हजार हो जाती है। जो रिटायर होने तक 1 लाख 50 हजार तक भी जा सकती है।

लोको पायलट का प्रमोशन?

लोको पायलट कैसे बनें में आप अब सोच रहे होंगे कि आपको शुरूआती ड्यूटी और सैलरी क्या मिलेगी। इसमें आपको सबसे पहले मालगाड़ी में सहायक लोको पायलट के तौर पर ड्यूटी दी जाती है। जिस दौरान आपको हर महीने 33 से 36 हजार रूपए सैलरी दी जाती है।

इसके बाद आपको जब 3 से 4 साल पूरे हो जाते हैं तो आपको शन्‍टिंग (Shunting) में लगा दिया जाता है। जिसमें आपको रेलवे स्‍टेशन पर गाड़ी को आगे पीछे करना होता है। उसे मेन लाइन से लूप लाइन पर ले जाना होता है साथ ही इसी के जैसे कुछ काम दे दिए जाते हैं।

इस काम में भी आप 2 से 3 तीन साल करते हैं। इसके बाद आपको पैसेंजर ट्रेन में ड्यूटी दे दी जाती है। यहां शुरूआत में आप सहायक लोको पायलट के तौर पर होते हैं। इसके बाद 3 से 4 साल बाद मेन लोको पायलट बना दिया जाता है। फिर जैसे जैसे आपको अनुभव होता जाता है तो आपको एक्‍सप्रैस, सुपरफास्‍ट ट्रेन और बड़ी गाडि़यां मिलती जाएंगी।

परीक्षा की तैयारी कैसे करें?

लोको पायलट कैसे बनें में सबसे अहम उसकी परीक्षा को पास करना ही होता है। क्‍योंकि लोको पायलट बनने के लिए लाखों लोग आवेदन करते हैं। लेकिन किस्‍मत केवल कुछ हजार लोगों की ही खुलती है। इसलिए आपको हमेशा लोको पायलट बनने की तैयारी सेलेब्‍स देखकर काफी पहले से शुरू कर देनी चाहिए।

तैयारी के आज के समय में काफी सारी किताबें भी आती हैं। साथ ही ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्‍यम से कोचिंग भी उपलब्‍ध हैं। आप दोनों में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं। इसके बाद आप लगातार पढ़ते जाइए। ताकि आप परीक्षा आने पर उसे आसानी से पास कर सकें। यदि आप ऑनलाइन पढ़ना चाहते हैं तो हमारा ये आर्टिकल अवश्‍य पढ़ें Online padhai kaise kare

क्‍या लोको पायलट की तैयारी करना सही है?

12वीं के बाद लोको पायलट कैसे बनें इस प्रक्रिया को समझने के बाद यदि आप अभी निर्णय नहीं ले पाएं हैं कि क्‍या लोको पायलट की तैयारी करना सही है तो हम आपको बता दें कि केवल लोको पायलट की तैयारी आज के समय में सही नहीं कहा जा सकता है।

क्‍योंकि लोको पायलट की भर्ती कई साल में आती है। साथ ही इसे पूरा होने में भी 3 से 4 साल तक का समय लग जाता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि एक आवेदक अधिकतम दो बार ही लोको पायलट के लिए फार्म भर सकता है। इसलिए बेहतर ये होगा कि आप लोको पायलट के साथ रेलवे और अन्‍य पदों की तैयारी भी साथ साथ करते रहें। ताकि यदि आपको लोको पायलट की नौकरी ना मिले तो दूसरी से आप अपना जीवन यापन कर सकें।

लोको पायलट बनने के कुछ नुकसान

जैसा कि आप जानते हैं कि हर नौकरी के कुछ फायदे होते हैं तो कुछ नुकसान भी होते हैं। आइए एक बार लोको पायलट बनने के नुकसान भी जान लेते हैं।

  • यह एक ऐसी नौकरी है जिसके अंदर आपकी जरा सी चूक से हजारों लोगों की जान पर खतरा आ सकता है।
  • लोको पायलट एक कठिन नौकरी होती है। क्‍योंकि इसमें आपको 8 से 12 घंटे तक लोकोमोटिव (Locomotive) के अंदर ही तेज आवाज के अंदर बैठना होता है।
  • लोको पायलट के लिए शौच और पिशाब करने की व्‍यवस्‍था भी लोकोमोटिव के अंदर नहीं होती है। इससे आप समझ सकते हैं कि यह नौकरी कितनी कठिन होगी।
  • लोको पायलट की नौकरी भी एक सैनिक की तरह होती है। क्‍योंकि कई बार यहां भी आपको होली, दीवाली या अन्‍य जरूरी मौकों पर ड्यूटी करनी पड़ सकती है।
  • लोको पायलट को 8 से 12 घंटे की ड्यूटी के बाद कई बार केवल 8 घंटे का ही आराम दिया जाता है। जिसके बाद उसे दोबारा से दूसरी ट्रेन लेकर जानी होती है।
  • यह नौकरी ऐसी होती है जिसके अंदर आपको कभी रात को कभी दिन में ड्यूटी करनी पड़ती है।
  • हर रोज की ड्यूटी के बाद अपने घर वापिस आने की इच्‍छा रखने वाले लोग लोको पायलट नहीं बन सकते हैं। क्‍योंकि इसमें कई बार आपको 10 से 15 दिन तक घर वापिस आने का मौका नहीं मिलता है।

NOTE: इन कमियों को बताने का हमारा मकसद केवल इतना है कि लोको पायलट का पद दूसरी सरकारी नौकरियों से काफी अलग है। इसलिए आप केवल लोको पायलट की चकाचौंध देखकर ही ये सपना ना देखें।

FAQ

12वीं के बाद लोको पायलट कैसे बनें?

12 वीं के बाद लोको पायलट बनने के लिए आपको B.Tech या ITI करनी होगी या मैकेनिकल, इलैक्ट्रिक या ऑटोमोबाइल से 2 साल का डिप्‍लोमा करना होगा।

लोको पायलट की भर्ती कब आती है?

लोको पायलट की भर्ती आने का वैसे को कोई तय समय नहीं है। लेकिन सामान्‍यत: हर साल चुनावों से ठीक पहले लोको पायलट भर्ती देखी गई है।

लोको पायलट की परीक्षा कितने चरण में होती है?

लोको पायलट की परीक्षा में आपको कुल 3 चरण पास करने होते हैं। हालांकि, लोको पायलट एक ऐसी भर्ती है जिसके मेडिकल में भी काफी छात्र बाहर हो जाते हैं। इसलिए इसे 4 चरण भी आप कह सकते हैं।

लोको पायलट की भर्ती कितने साल में पूरी होती है?

लोको पायलट की भर्ती में कई चरण होते हैं। इसलिए इस भर्ती के निकलने से लेकर ज्‍वाइनिंग तक की प्रक्रिया में कई बार 3 से 4 साल तक का समय लग जाता है। जो कि काफी लंबा समय होता है।

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Conclusion

आशा है कि अब आप समझ गए होंगे कि लोको पायलट कैसे बनें। इसे जानने के बाद आप समझ गए होंगे कि लोको पायलट बनना बेहद आसान काम है। बस आपको सारी प्रक्रिया की की सही से जानकारी हो और आपके अंदर मेहनत करने का जुनून हो। All In Hindi की पूरी टीम दुआ करती है कि आपका भारतीय रेलवे में लोको पायलट बनने का सपना एक दिन जरूर सच हो। क्‍योंकि आपने ये सपना खुली आंखों से देखा है। तभी आपने इस लेख को अंत तक पढ़ा है।

उम्र में युवा और तजुर्बे में वरिष्ठ रोहित यादव हरियाणा के रहने वाले हैं। पत्रकारिता में डिग्री रखने के साथ इन्होंने अपनी सेवाएं कई मीडिया संस्थानों को दी हैं। फिलहाल ये पिछले लंबे समय से अपनी सेवाएं 'All in Hindi' को दे रहे हैं।

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