आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर लाइसेंस लेकर आयुर्वेदिक दवा की दुकान कैसे खोलें?

Ayurvedic medical store kaise khole: आयुर्वेद और भारत का सदियों पुराना नाता रहा है। यही वजह है कि आज भी हमारे देश के लोगों को यदि आयुर्वेद से जुड़ी कोई भी बात बताई जाए, तो उसके ऊपर सबसे पहले भरोसा करते हैं। लेकिन आयुर्वेद आज एक बिजनेस का भी रूप ले चुका है। ऐसे में यदि आप भी आयुर्वेदिक दवा की दुकान खोलना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को अंत तक पढि़ए।

अपने इस लेख में हम आपको जानकारी देंगे कि आप आयुर्वेद की दवा की दुकान कैसे खोल सकते हैं। आयुर्वेद की दवा की दुकान खोलने की लागत कितनी आएगी और उससे आमदनी कितनी हो सकती है। इन सब चीजों की जानकारी हम अपने इस लेख में देंगे।

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आयुर्वेदिक दवाई क्‍या होती है?

आयुर्वेदिक दवा की दुकान कैसे खोलें इस बारे में हम आपको जानकारी दें इससे पहले आइए आपको हम जानकारी देते हैं कि आयुर्वेदिक दवा की दुकान क्‍या होती है। तो हम आपको बता दें कि जिस तरह से तमाम दवाई की दुकान होती है। उसी तरह से आयुर्वेद भी इलाज की एक पद्धति है। जिसके अंदर लोगों का इलाज किया जाता है।

इसके लिए आज बाजार में बहुत सारी दवाइयां आ चुकी हैं जो कि कैमिकल से ना बनकर जड़ी बूटियों से बनी होती हैं। आज के समय आपको चौक चौराहों पर कुछ मेडिकल स्‍टोर ऐेसे भी देखने को मिलेंगे जो कि केवल आयुर्वेदिक दवाइयों को ही बेचने का काम करते हैं। इससे आप समझ सकते हैं कि आयुर्वेद आज के समय में भारत में कितना बड़ा बाजार का रूप ले चुका है।

Ayurvedic medical store kaise khole

आयुर्वेदिक दवा की दुकान खोलने के फायदे

  • आयुर्वेदिक दवा की दुकान खोलने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि आज भी मेडिकल स्‍टोर दूसरी दवाइयों की तुलना में बेहद कम हैं। इससे इसमें बिक्री की संभावना बहुत ज्‍यादा है।
  • आयुर्वेद का इलाज सामान्‍यत: लंबा चलता है। इससे आपके ग्राहक जो एक बार जुड़ जाएंगे वो लंबे समय तक बने रहेंगे।
  • आयुर्वेद में बहुत सारी दवाइयां लोग अपनी दिनचर्या में भी प्रयोग करते हैं। इसलिए वो भी आपके ग्राहक बन जाएंगे।
  • आयुर्वेद में कई तरह के मेकअप से जुड़ी चीजें भी आती हैं। इसलिए इससे आप दवाइयों के साथ ब्यूटी प्रोडक्‍ट भी आसानी से बेच सकते हैं।
  • आयुर्वेद आने वाले समय में एक उभरता हुआ बिजनेस है। इसलिए इसे आप एक तरह से Future Business भी कह सकते हैं।
  • दूसरी दवाइयों के काम में डॉक्‍टरों को भी कमीशन देना पड़ता है। लेकिन आयुर्वेद के काम में ऐसा कभी नहीं देखा गया कि आयुर्वेदिक डॉक्‍टर किसी मेडिकल स्‍टोर वाले से ग्राहक भेजने के लिए पैसों की मांग करें।

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आयुर्वेदिक दवा की दुकान कैसे खोलें?

आइए अब हम आपको आयुर्वेदिक दवा की दुकान खोलने की पूरी जानकारी देते हैं। इसमें आपको लाइसेंस से लेकर दुकान खोलने तक ही पूरी जानकारी देंगे। साथ ही मुनाफे की बात भी बताएंगे। इसलिए आप सारी जानकारी को बड़े ही ध्‍यान से पढ़ें।

बिजनेस का ‘ब्‍लू प्रिंट’ तैयार करें

किसी भी काम को शुरू करने से पहले हमें उसकी एक अच्‍छी सी योजना अवश्‍य बना लेनी चाहिए। इससे हमेशा हमारा वो काम सफल रहता है और पूरा काम हमारी इच्‍छानुसार होता है। इसलिए जब आप भी आयुर्वेदिक दवा की दुकान खोलने पर विचार करें तो अपने बिजनेस का एक ब्लू पिंट तैयार कर लें। जिससे आपको पता हो कि आगे कब और कैसे क्‍या करना है।

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आयुर्वेद की दवाइयों की जानकारी जुटाएं

किसी भी काम को शुरू करने के लिए सबसे जरूरी है कि आपके पास उसकी पूरी जानकारी हो। इसलिए यदि आपके पास पहले से आयुर्वेदिक दवा की दुकान की जानकारी है तो अच्‍छी बात है। अन्‍यथा आपको सबसे पहले ये काम कहीं सीखना होगा।

इस काम को सीखने के लिए आपको फार्मासिस्‍ट से जुड़ा कोई कोर्स कर लेना चाहिए। इसके अलावा आपको चाहिए कि आपके आसपास जो भी आयुर्वेद दवाई की दुकान है। आप वहां जाकर काम सीखना शुरू कर सकते हैं। भले ही वो लोग आपको कम पैसा दें पर आप वहां अगर कुछ महीने भी काम कर लेंगे। तो आप आयुर्वेदिक दवा की दुकान का काफी काम आ जाएगा। इसके बाद आप वहां से काम छोड़ सकते हैं।

दुकान की जगह का चुनाव करें

Ayurvedic medical store kaise khole में सबसे अहम दवाई की दुकान की जगह होती है। क्‍योंकि यदि आपकी जगह सही नहीं होगी तो आप चाहकर भी अपनी बिक्री नहीं बढ़ा सकते हैं। इसलिए सबसे पहले अपने पूरे शहर में घूमकर देखें कि आपके लिए कौन सी ऐसी जगह होगी जहां सबसे ज्‍यादा बिक्री हो सकती है।

इसमें आप अगर गांव से हैं तो अपने गांव का बस अड्डा देख सकते हैं। जबकि यदि आप शहर से हैं तो आप अपने शहर में कोई ऐसा चौराहा देख सकते हैं जो कि लोगों से हमेशा भरा रहता हो। वहां आप अपनी छोटी सी दुकान किराए पर ले लें। अन्‍यथा आपका घर यदि चौक चौराहे पर है तो आप अपने घर के अंदर ही दुकान बना लें। इससे आपका किराए के रूप में जाने वाला काफी पैसा बच जाएगा।

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दुकान को डिजाइन तैयार करवाएं

जगह और दुकान का चयन हो जाने के बाद आपको दुकान का अच्‍छा सा डिजाइन तैयार करवाना चाहिए। जिसमें आप दुकान के अंदर कुछ आलमारी और कुछ रैक बनवा लें। ताकि आप दवाइयों को आराम से रख सकें। साथ ही एक काउंटर खरीदें। जिससे ग्राहक को सामान देने और लेने में सुविधा रहे।

इसके अलावा आप एक फ्रिज खरीद लें। जिसमें आप वो दवाई रखें जो कि बाहर रखने पर खराब होने का भय रहता है। इसके अलावा अगर आपकी दुकान छोटी है तो आपको आसपास कहीं गोडाउन भी लेना होगा। जहां आप बड़ी मात्रा में दवाइयां रख सकें। क्‍योंकि दुकान में तो आप केवल कुछ पैकेट ही दवाइयां रखेंगे। इसके बाद जैसे ही वो खत्‍म हो जाएंगे तो आपको गोडाउन से दुवाइयां मंगवानी होंगी।

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आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर लाइसेंस के लिए आवेदन करें

कुछ साल पहले तक आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर लाइसेंस की आवश्‍यकता नहीं होती थी। लेकिन बाजार में इन दवाओं की बढ़ती मांग को देखते हुए अब आपको इसके लिए भी लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए आपको अपने ड्रग विभाग में सभी दस्‍तावेजों के साथ आवेदन करना होगा। इसके बाद आपका आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर लाइसेंस जारी कर दिया जाता है। इसका लाइसेंस भी दूसरे मेडिकल स्‍टोर की तरह ही लिया जाता है।

आवेदन के लिए जरूरी दस्‍तावेज

  • आधार कार्ड
  • आवेदक की योग्यता के संबधित दस्‍तावेज।
  • दुकान के किराए या जमीन के कागजात।
  • खरीदे गए फ्रिज का‍ बिल।
  • बिजली कनेक्‍शन से जुड़े कागजात।

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आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर लाइसेंस लेने की योग्यता

आयुर्वेद के लाइसेंस के लिए आपके पास नीचे बताई गई डिग्री में से कोई भी एक डिग्री होनी चाहिए। जो कि आपको लाइसेंस लेने के लिए बेहद जरूरी है।

  • बी फार्मा
  • डी फार्मा
  • एम फार्मा

दवाइयों की खरीद करें

इसके बाद आयुर्वेदिक दवा की दुकान में आपको कुछ दवाइयों की खरीद करनी होती है। इसमें आप सबसे पहले केवल उन दवाइयों की खरीद करें जो कि लंबे समय तक खराब नहीं होती हैं और ग्राहक के बीच सबसे ज्‍यादा लोकप्रिय दवाइयां हैं। इस काम में आप चाहें तो किसी दूसरे आयुर्वेदिक दवा की दुकान की मदद ले सकते हैं।

हमारा सुझाव रहेगा कि आप आयुर्वेद के नाम पर आज कुछ ब्रांड ऐसे हैं जो बेहद ही लोकप्रिय हो चुके हैं। आप उनकी दवाइयों की सबसे पहले खरीद करें। क्‍योंकि बहुत से ग्राहक उनके कार्यक्रम टीवी और अखबारों में विज्ञापन देखते हैं। तो बिना डॉक्‍टर की सलाह के भी उनकी दवाइयों की मांग करते हैं।

इसके लिए आपके जिले में आयुर्वेदिक दवाइयों के डीलर मौजूद होंगे। आप उनसे जितनी मात्रा में चाहें उतनी दवाई ले लेंगे। एक बार उन्‍हें आपकी दुकान का पता चल जाएगा तो वो खुद आपकी दुकान पर आकर दवाइयों की सप्‍लाई देकर जाया करेंगे।

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लोगों की नियुक्ति करें

Ayurvedic medical store kaise khole में सबसे अहम चीज ये है कि अब आप जब सारी चीजें सेट हो चुकी हैं तो अपनी दुकान पर लोगों की नियुक्ति करें। इसके लिए सबसे पहले कोशिश करें कि आपके घर में यदि कोई बेरोजगार आदमी है तो आप उसे ही साथ रख लें। इससे आपको भरोसे का आदमी मिल जाएगा और उसे रोजगार मिल जाएगा।

लेकिन यदि ऐसा नहीं है तो आप कोई बाहर का आदमी रख लें। बस कोशिश करें कि आप उसे ही रखें जिसने पहले कुछ महीने दवाई की दुकान पर काम कर रखा हो। इससे आपको काम सिखाने में कम से कम परेशान होना होगा।

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दुकान का प्रचार प्रचार करें

आयुर्वेदिक दवा की दुकान में सबसे अहम काम होता है कि आपकी दुकान का अच्‍छे से प्रचार प्रसार हो। ताकि लोग आपकी दुकान के बारे में जान सकें। क्‍योंकि जबतक उन्‍हें पता ही नहीं होगा तो कैसे वो लोग आपकी दुकान पर दवाई खरीदने आएंगे।

ऑफलाइन प्रचार करें

आयुर्वेदिक दवा की दुकान का प्रचार आपको सबसे पहले ऑफलाइन करना चाहिए। इसमें आप सबसे पहले अपनी दुकान के बाहर एक बोर्ड लगवा दीजिए। जिसमें आयुर्वेद के नाम पर मशहूर लोगों की फोटो भी लगवा दें। इसके अलावा अपनी दुकान के नाम के पर्चे पूरे शहर में बंटवा दें। साथ ही आपके शहर में जो भी आयुर्वेदिक अस्‍पताल हों आप उनके बाहर अपनी दुकान का बोर्ड लगवा दीजिए। जिसमें आपकी दुकान का पता लिखा हो। बस इससे आपके शहर के हर कोने तक आपकी दुकान का प्रचार हो जाएगा।

ऑनलाइन प्रचार करें

इसके बाद आज का जमाना सोशल मीडिया का है। इसलिए आपको वहां भी पीछे नहीं रहना है। आपके फोन में जितने भी सोशल मीडिया ग्रुप हों आप सभी के अंदर अपनी दुकान की जानकारी साझा कर दीजिए। साथ ही अपने और अपने सभी जानकारों को अपनी दुकान के बारे में अधिक अधिक जानकारी शेयर करने को कह दीजिए। इससे जो लोग अपने घर में ही 24 घंटे बैठे रहते हैं वो भी आपकी दुकान के बारे में जान जाएंगे।

10% Discount दे दीजिए

आयुर्वेदिक दवा की दुकान को चलाने का सबसे बड़ा मूलमंत्र ये है कि आप अपनी दुकान पर 10 या 5 प्रतिशत की छूट दे दीजिए। इससे वो ग्राहक भी आपके पास चले आएंगे जो पहले किसी दूसरी दुकान पर दवाई खरीदने जाते थे। क्‍योंकि हमारे देश में छूट और मुफ्त का नाम सुनते ही लोगों की लाइनें लग जाती हैं। हालांकि, इससे कुछ समय हो सकता है कि आपको फायदा कम हो। लेकिन एक बार जब आपके ग्राहक बन जाते हैं तो आप आगे इस छूट को बंद कर सकते हैं।

आज के समय में यह सबसे सस्‍ता और फायदे का जरिया है। इससे एक बार आपको पूरे शहर में लोग जान जाएंगे। साथ ही ये भी जान जाएंगे कि आप हर तरह की आयुर्वेदिक दवाई रखते हो। इसलिए वो कहीं और ना जाकर सीधा आपके पास ही आ जाएंगे। क्‍योंकि उन्‍हें पता होगा कि आपके पास हर तरह की दवाई आसानी से मिल सकती है।

दुकान की शुरूआत करें

प्रचार प्रसार के बीच ही आप एक शुभ दिन तय कीजिए और उस दिन अपनी दुकान की शुरूआत कर दीजिए। इसमें आप सबसे पहले उस दिन अपनी दुकान के बाहर टेन्‍ट लगवा दीजिए। वहां लोगों के लिए कुछ खाने पीने की व्‍यवस्‍था करवा दीजिए। इससे जो भी लोग जाएंगे उनका ध्‍यान आपकी तरफ होगा और इससे आपकी दुकान का प्रचार होगा।

इसके बाद आप अगले दिन से अपनी दुकान पर बैठना शुरू कर दीजिए। आपके पास जो भी ग्राहक आएं उनकी मांगी हुई दवाई दीजिए। यदि आपके पास वो दवाई नहीं भी है तो आप उन्‍हें सीधा मना मत कीजिए। उन्‍हें एक या दो दिन का समय दे दीजिए। इतने में आप वो दवाई मंगवा लीजिए। इससे ग्राहक पर आपका नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।

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आयुर्वेदिक दवा की दुकान खोलने की लागत?

यदि हम एक आयुर्वेदिक दवा की दुकान खोलने की कुल लागत की बात करें तो यह लाखों में है। लेकिन इसमें सबसे अहम बात ये है कि आप जो दुकान खोल रहे हैं वो किस चौराहे पर है। साथ ही आपका किराया और आपने जो दुकान के अंदर काम करवाया है उसमें कितना खर्च आया है।

लेकिन यदि हम कम से कम खर्च की बात करें तो आयुर्वेदिक दवा की दुकान खोलने के लिए आपके पास कम से कम 4 से 6 लाख रूपए होने बेहद जरूरी हैं। क्‍योंकि आयुर्वेदिक दवइयां काफी महंगी आती हैं। इसलिए यदि आप थोड़ी भी दवाई रखते हैं तो इसमें भी आपका काफी ज्‍यादा खर्चा आ जाएगा। इसलिए हमने आपको सुझाव दिया कि शुरूआत में केवल आप वही दवाई रखें जो कि सबसे ज्‍यादा बिकती हो।

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आयुर्वेदिक दवा की दुकान में मुनाफा

इसके बाद यदि हम आयुर्वेदिक दवा की दुकान से मुनाफे की बात करें तो यह इस बात पर निर्भर करता कि आप जो दवाइयां रखते हैं वो आप किस डीलर से खरीदते हैं। साथ ही आपको उसमें कितने प्रतिशत कमीशन दिया जाता है। यदि हम मोटा माटी बात करें तो आम तौर दवाइयों में आपको 10 से 15 प्रतिशत तक का कमीशन दिया जाता है। जो कि कंपनी के हिसाब से घटता बढ़ता रहता है।

इसलिए इसका अंदाजा बिल्‍कुल भी नहीं लगाया जा सकता है कि आपको हर महीने कितने हजार रूपए का फायदा होगा। लेकिन हमारा बस एक सुझाव रहेगा कि कोई भी यदि आप काम शुरू करते हैं तो वो केवल आज के लिए नहीं होता है। वो आपके नाती पोतों तक के जीवन में बदलाव लाने की क्षमता रखता है। इसलिए आयुर्वेदिक दवा की दुकान को मुनाफे से जोड़कर हर चीज तय ना करें।

ध्‍यान रखने योग्य बातें

  • आयुर्वेदिक दवा की दुकान में सबसे अहम बात ये होती है कि आपके पास जो भी ग्राहक आए हमेशा उससे आयुर्वेद के प्रति सकारात्‍मक चर्चा ही करें।
  • कोशिश करें कि आपके आसपास जो भी आयुर्वेद से जुड़े डॉक्‍टर हैं। आप उनसे मिलकर अपनी दुकान के बारे में चर्चा करें। साथ ही उनको उपहार आदि भी देकर आएं। इसका काफी फायदा होगा।
  • भले ही आपकी आयुर्वेदिक दवा की दुकान पर कम दवाइयां मौजूद हों, पर उन्‍हें इस तरह से सजा दें। जिससे आपकी दुकान भरी भरी लगे।
  • कभी भी आयुर्वेदिक दवा की दुकान पर ग्राहकों को उधार में दवाई ना दें। क्‍योंकि आयुर्वेद की दवाइयां काफी महंगी आती हैं। इसलिए ये आपके लिए घाटे का सौदा हो सकता है।
  • आयुर्वेद की दुकान पर ग्राहक हमेशा दिन में ही आते हैं। इसलिए आप सुबह से लेकर शाम तक ही दुकान खोलें। रात में अपनी दुकान बंद कर दें।
  • कभी भी ग्राहकों को ना तो गलत दवाई दें ना ही Expiry Date की दवाई दें। इससे लोगों में आपके ऊपर से भरोसा उठ जाएगा।
  • समय समय पर आप अपनी दुकान से Expiry Date की दवाइयां हटाते रहें। साथ ही जो दवाइयां नहीं बिकती उनकी खरीद कम से कम करें।
  • कोई भी ग्राहक यदि आपसे कोई ली हुई दवाई बदलवाने या किसी कारण से वापिस करने आता है। तो उससे बहस ना करके संभव हो तो वापिस ले लें। ये आपकी दुकानदारी को हमेशा आगे लेकर जाएगा।

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FAQ

आयुर्वेदिक दवा की दुकान कहां खोल सकते हैं?

आयुर्वेदिक दवा की दुकान आप अपने शहर या गांव के चौक चौराहे पर आसानी से खोल सकते हैं।

आयुर्वेदिक दवा की दुकान खोलने में कितनी लागत आएगी?

इसमें आपकी कम से 4 से 6 लागत एक छोटी दुकान खोलने में आएगी।

आयुर्वेदिक दवाई की दुकान के लिए लाइसेंस?

इसके लिए आपके पास फार्मासिस्‍ट की डिग्री होनी अन‍िवार्य है।

आयुर्वेदिक दवा की दुकान का प्रचार प्रचार कैसे करें?

आयुर्वेदिक दवा की दुकान का प्रचार प्रसार आप ऑफलाइन बोर्ड और पेम्‍फलेट आदि बंटवा कर कर सकते हो, जबकि ऑनलाइन सोशल मीडिया के जरिए कर सकते हो।

आयुर्वेदिक दवा की दुकान से कितना मुनाफा होगा?

इसमें मुनाफा इस बात पर निर्भर करता है कि आपको दवा कंपनी कितने प्रतिशत कमीशन देती है। आमतौर पर यह 10 से 15 प्रतिशत तक होता है।

आयुर्वेदिक दवा की दुकान में सबसे जरूरी बात?

कभी भी ग्राहक को Expiry Date की दवा या गलत दवाई ना दें। इससे आपकी बाजार में छवि खराब हो सकती है।

Conclusion

आशा है कि अब आप समझ गए होंगे कि आयुर्वेदिक दवा की दुकान कैसे खोल सकते हैं। इसके बाद आप अच्‍छे से विचार विमर्श करके अपनी आयुर्वेदिक दवा की दुकान आसानी से खोल सकते हैं। आज जिस तरह से लोग दवाइयों के साइड इफैक्‍ट से परेशान हो चुके हैं। उससे आप समझ सकते हैं कि आयुर्वेद आने वाले समय में कितनी तेजी से उभरने वाला है। यदि आपका अब भी आयुर्वेदिक दवा की दुकान से जुड़ा कोई सवाल है तो हमें नीचे कमेंट करें। हम आपके सवाल का जवाब अवश्‍य देंगे।

नमस्कार दोस्तों, मैं रवि "आल इन हिन्दी" का Founder हूँ. मैं एक Economics Graduate हूँ। कहते है ज्ञान कभी व्यर्थ नहीं जाता कुछ इसी सोच के साथ मै अपना सारा ज्ञान "आल इन हिन्दी" द्वारा आपके साथ बाँट रहा हूँ। और कोशिश कर रहा हूँ कि आपको भी इससे सही और सटीक ज्ञान प्राप्त हो सकें।

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